
Kedar Pandya’s Strange Hobby : 74 की उम्र में रील्स का चस्का, जिन्हें पसंद कर रहे हजारों लोग!
Indore : क्या यह संभव है कि उम्र के सात दशक पार कर चुका कोई व्यक्ति पुराने संगीत को नया सम्मान दिलाने के लिए, नए जमाने से कदमताल करने के लिए, नए तरीके से नई विधा को सीख और स्वीकार कर रहा हो! इसे यूं भी कह और समझ सकते हैं कि मन में कुछ करने का जज्बा हो और इरादे भी बुलंद हों, तो सफलता की राह में उम्र कभी बाधक नहीं बनती।
यह बात 74 वर्ष की अवस्था में पहुंच चुके इंदौर के केदार पंड्या ने सच कर दिखाई। हिंदी गीत-संगीत और सैर-सपाटे के शौकीन पंड्या पेशे से सफल व्यवसायी हैं। नए-नए स्थानों की यात्रा करने के शौक की वजह से पूरा देश एक से अधिक बार नापने बाद अब वे नए जमाने के लोकप्रिय माध्यम में हाथ आजमा कर रील्स बना रहे हैं।

उनको नजदीक से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजय तैलंग का कहना है कि उम्र के इस पड़ाव पर आधुनिक टेक्नोलोजी को अपनाने में केदार पंड्या को किसी तरह का संकोच या झिझक नहीं। उनकी इसी लगन ने उन्हें नए जमाने में संचार के सशक्त माध्यम यूट्यूब पर रील्स बनाने के लिए प्रेरित किया। जब पहली बार पारिवारिक वैवाहिक आयोजन में उन्होंने नृत्य किया, तो सभी ने पसंद किया। बस यहीं से उन्होंने ठान लिया कि यूट्यूब के लिए रील्स बनाएंगे। हिन्दी के लोकप्रिय फ़िल्मी गीत पर उन्होंने अभिनय कर रील तैयार की और उसे यूट्यूब पर डाला। पहली ही रील को 3500 से अधिक व्यूअर ने देखा और लाइक भी किया।
इस सफलता ने उनकी हौसला अफजाई की। आभासी दर्शकों से मिले जोरदार प्रतिसाद ने उनका उत्साहवर्धन किया तो एक के बाद एक रील बनाने का सिलसिला चल पड़ा। आधा है चंद्रमा रात आधी, दिन ढल जाए …., मेरा जूता है जापानी, ज़िंदगी का सफ़र है ये कैसा सफ़र, जाने कहां गए वो दिन, ओ दुनिया के रखवाले जैसे ऑल टाइम ग्रेट गीतों पर उनकी रील्स को काफी पसंद किया गया है।
अभिनय से कभी साबका न रखने वाले केदार पंड्या अपनी रील को मनोरंजक बनाने के लिए काफी मेहनत करते हैं। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकाल कर वे बेहतर लोकेशन का चयन करते हैं। फिर लोकप्रिय गीत का चुनाव करते हैं। उसके बाद गीत की मांग के अनुरूप वेशभूषा धारण कर रील शूट करते हैं। रील तैयार होने पर पहले परिवार के सदस्यों और मित्रों को बताकर उनके सुझाव लेते हैं। जरूरी होने पर रील को एडिट भी करते हैं। अंत में रील वायरल की जाती है। अब तक वे लोकप्रिय फ़िल्मी गीतों पर 30 रील बनाकर वायरल कर चुके हैं, जिन्हें हजारों की संख्या में दर्शकों ने पसंद किया है।
औदीच्य ब्राह्मण समाज के विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके केदार पंड्या भगवान केदारनाथ के परम भक्त हैं। वे अपनी सफलता को उन्हीं का आशीर्वाद बताते हुए कहते हैं कि उनकी मां ने उन्हें भगवान केदारनाथ का नाम दिया है। इसी वजह से वे लगभग हर साल केदारनाथ की यात्रा पर जाते हैं। उनकी जीवन संगिनी ज्योति पंड्या उनकी हौंसला अफजाई के लिए कदम से कदम मिलाकर उनके साथ चलती हैं। केदार पंड्या उन्हें अपनी प्रेरणा मानते हैं।





