Kejriwal Demands Noble Prize: केजरीवाल बोले- मुझे दो नोबेल, बीजेपी बोली- भ्रष्टाचार में तो पक्का मिल जाएगा!

नोबेल की चाहत या सियासी शोर..? केजरीवाल के बयान पर मचा घमासान

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Kejriwal Demands Noble Prize: केजरीवाल बोले- मुझे दो नोबेल, बीजेपी बोली- भ्रष्टाचार में तो पक्का मिल जाएगा!

– राजेश जयंत

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में पंजाब के मोहाली में ‘द केजरीवाल मॉडल’ किताब के पंजाबी एडिशन के लॉन्च पर अपने लिए नोबेल पुरस्कार की मांग कर दी।

केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली में उपराज्यपाल और केंद्र सरकार की तमाम रुकावटों के बावजूद हमारी सरकार ने बेहतरीन काम किया है। मुझे लगता है, मुझे गवर्नेंस और प्रशासन के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।” उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव किए, जबकि उन्हें बार-बार काम में रोका गया।

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केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में एलजी के रहते हुए जितना काम उनकी सरकार ने किया, उसके लिए उन्हें नोबेल मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें काम करने से रोका गया, फिर भी हमने काम करके दिखाया।” गौरतलब है कि केजरीवाल पहले ही एशिया के ‘नोबेल’ यानी रमन मैग्सेसे पुरस्कार से 2006 में सम्मानित हो चुके हैं, जो उन्हें सूचना के अधिकार कानून के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में मिला था।

 

बीजेपी ने केजरीवाल के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तंज कसते हुए कहा, “अगर भ्रष्टाचार के लिए नोबेल मिलता, तो केजरीवाल को जरूर मिलता!” दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “अगर अराजकता, भ्रष्टाचार और अक्षमता की श्रेणियों में नोबेल पुरस्कार होता, तो वह जरूर विजेता होते।” बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल के कार्यकाल को शराब घोटाला, स्कूल घोटाला, जल बोर्ड घोटाला, मोहल्ला क्लिनिक घोटाला जैसे कई घोटालों से भरा बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल दिल्ली के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए और फिर भी इस्तीफा नहीं दिया।

 

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बीजेपी ने यह भी कहा कि दिल्ली की जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर अपना जवाब दे दिया है और अब दिल्ली में विकास फिर से पटरी पर लौट आया है। बीजेपी का कहना है कि दिल्ली की जनता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट कर केजरीवाल को सत्ता से बाहर किया, अब पंजाब की जनता भी इंतजार कर रही है।

वहीं, केजरीवाल ने अपने बचाव में कहा कि उनकी सरकार ने बिजली-पानी सब्सिडी, सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं, जिनका लाभ लाखों लोगों को मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने दिल्ली नगर निगम (MCD) के जरिए उनकी योजनाओं में बाधा डाली और यहाँ तक कि पांच मोहल्ला क्लिनिक भी तोड़ दिए। केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी खुद दिल्ली में कोई ठोस काम नहीं कर रही और सिर्फ नाम लेकर राजनीति कर रही है।

*तथ्यात्मक पृष्ठभूमि:*

– केजरीवाल सरकार ने बिजली-पानी सब्सिडी, सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार, भ्रष्टाचार विरोधी हेल्पलाइन जैसी योजनाएं चलाईं।

– विपक्ष ने इन योजनाओं की आर्थिक व्यवहार्यता और पारदर्शिता पर सवाल उठाए।

– केजरीवाल पर शराब नीति, स्कूल निर्माण, जल बोर्ड आदि में भ्रष्टाचार के आरोप लगे और 2024 में उन्हें ईडी ने गिरफ्तार भी किया था।

– केजरीवाल ने पहले अपने करीबी नेताओं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के लिए भारत रत्न की मांग की थी, अब पहली बार खुद के लिए नोबेल की मांग की है।

 

*निष्कर्ष:*  

केजरीवाल के नोबेल पुरस्कार वाले बयान ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच टकराव, दिल्ली की राजनीति और भ्रष्टाचार के मुद्दों को सुर्खियों में ला दिया है। यह बयान जहां AAP समर्थकों के लिए गर्व का विषय बना, वहीं विपक्ष के लिए तंज और आलोचना का नया मौका बन गया। दिल्ली की राजनीति में यह बयान चर्चा और मज़ाक का नया मुद्दा बन गया है- अब देखना है कि यह सियासी शोर आगे क्या रंग लाता है।

*(वीडियो स्टेट मिरर के सौजन्य से)*