Kerala के ‘जनता का डॉक्टर’: ₹2 में लोगों का इलाज करने वाले Dr. A.K. Rairu Gopal का निधन

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Kerala के ‘जनता का डॉक्टर’: ₹2 में लोगों का इलाज करने वाले Dr. A.K. Rairu Gopal का निधन

Kerala गरीबों के लिए ईश्वर समान माने जाने वाले, मरीजों की सेवा को धर्म मानने वाले और पूरे जीवन भर बिना स्वार्थ के दो रुपये में इलाज करने वाले केरल के कन्नूर के Dr. A.K. Rairu Gopal अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने अपनी आखिरी सांस कन्नूर में ली। उनका पूरा जीवन गरीब, जरूरतमंद और पीड़ितों की नि:स्वार्थ सेवा में समर्पित रहा।

“शैक्षणिक पृष्ठभूमि और डॉक्टरी सफर:
डॉ. गोपाल का जन्म डॉ. ए.जी. नांबियार और श्रीमती ए.के. लक्ष्मीकुट्टी अम्मा के घर हुआ। उन्होंने MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉक्टरी पेशे को एक मिशन बनाया। डॉक्टर बनने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से मिली- “अगर पैसे कमाने हैं तो कोई भी काम करो, लेकिन अगर सच में बीमारी दूर करनी है, तो डॉक्टर बनो और सेवा करो।”

1970 के दशक में उन्होंने कन्नूर के तलाप स्थित अपने घर के पास ही क्लिनिक शुरू की। पहली फीस सिर्फ ₹2 रखी, जो जीवन भर मामूली (₹10-₹50) ही रही। लैब, एक्स-रे या महंगी जांच की बजाय सच्ची संवेदना, सादगी और नैतिकता को महत्व दिया जाता था। जो मरीज दवा-फीस नहीं चुका सकते थे, उन्हें मुफ्त इलाज और दवाएं मिलती थीं। हर दिन तड़के 4 बजे से शाम 4 बजे तक वे मरीजों के लिए क्लिनिक में खड़े रहते, कई बार एक दिन में 250 से ज्यादा लोग दिखाने आते।

“सेवा का जज्बा और समाज में पहचान:
पचास साल से भी ज़्यादा समय में उन्होंने करीब 18 लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज किया। ‘टू-रुपी डॉक्टर’, ‘गरीबों का भगवान’ और ‘जनता का डॉक्टर’ जैसे नामों से हर कोई उन्हें पुकारता था। बाज़ार या सामाजिक दिखावे से अलग, वे सादा जीवन और ऊंचे विचार के प्रतीक रहे। पत्नी डॉ. शकुंतला और परिवार भी उनकी सेवा में साथ खड़े रहे।
स्वास्थ्य खराब होने पर भी क्लिनिक बंद नहीं की, लेकिन मई 2024 में बिगड़ी तबीयत के बाद मजबूरी में सेवा बंद करनी पड़ी। 3 अगस्त 2025 को 80 वर्ष की आयु में कन्नूर के पय्यंबलम में उनका अंतिम संस्कार हुआ। उनके निधन से राज्य में गहरा शोक और सम्मान स्वरूप श्रद्धांजलि समारोह आयोजित हुआ।

“सम्मान और पुरस्कार:
-IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) द्वारा ‘Best Family Doctor of Kerala’ अवॉर्ड
-केरल सरकार, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और समाजसेवी संस्थाओं से विशेष सम्मान
-सादगी, समर्पण और सेवा की मिसाल के तौर पर राज्य और देशभर में प्रसिद्धि

“निजी जीवन:
पत्नी: पी.ओ. शकुंतला
बेटा: डॉ. बालगोपाल
बहू: डॉ. तुषारा बालगोपाल
बेटी: विद्या
दामाद: भरत मोहन

“एक नजर में-
1- डॉ. ए.के. रायरू गोपाल का निधन—गरीबों के लिए 50 साल तक दो रुपये में इलाज किया।
2- रोजाना सुबह 4 से शाम 4 तक मरीजों की सेवा, फीस न देने पर मुफ्त इलाज-दवा।
3- MBBS करके डॉक्टरी पेशे को सेवा का मिशन बनाया- 18 लाख से अधिक का इलाज।
4.- ‘जनता का डॉक्टर’, ‘टू-रुपी डॉक्टर’, ‘गरीबों का भगवान’ जैसी उपाधियां मिलीं।
5- ‘Best Family Doctor of Kerala’ सहित कई सम्मान, राज्यभर में शोक और श्रद्धांजलि।
6- उनके जाने से गरीबों के बीच एक युग का अंत, लेकिन सेवा भावना की मिसाल कायम।

डॉ. गोपाल का जीवन संदेश है “सच्ची सेवा और सादगी ही मानवता का असली धर्म है।”
ऐसी विभूति का समर्पण हमेशा सबको प्रेरित करता रहेगा।