Khajrana Ganesh Temple: खजराना गणेश मंदिर की दानपेटी से निकले ₹1.40 करोड़,विदेशी करंसी, ज्वेलरी और मनोकामना के पत्र!

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Khajrana Ganesh Temple: खजराना गणेश मंदिर की दानपेटी से निकले ₹1.40 करोड़,विदेशी करंसी, ज्वेलरी और मनोकामना के पत्र!

इंदौर के खजराना गणेश मंदिर परिसर में 43 दानपेटियां अलग-अलग स्थानों पर लगाई गई हैं। इसमें से मुख्य स्थानों पर रखी गई दानपेटियों की गिनती का क्रम जारी है। तीन दिन में बुधवार तक मुख्य दानपेटियों से एक करोड़ 37 लाख की राशि निकली है। इसमें 34 लाख रुपये बुधवार को निकले हैं। पेटियों में भक्तों द्वारा डाले गए मनोकामना के पत्र भी मिले हैं।

इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की दान पेटियां सोमवार को खोली गईं। राशि की गणना नगर निगम परिषद कार्यालय के अधीक्षक प्रदीप दुबे के नेतृत्व में 25 सदस्यीय टीम कर रही है। अब तक एक करोड़ 40 लाख रुपए गिने जा चुके हैं। चौथे दिन भी गिनती जारी है। बताया गया कि इस बार भी बड़ी संख्या में बंद हो चुके 2000 और 500 के नोट मिले हैं।

खजराना मंदिर से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ नकली नोट भी दान पेटियों से निकले हैं। इस बार दान पेटियों से एक मोबाइल भी मिला है। बड़ी संख्या में भक्तों द्वारा भगवान गणेश को लिखे गए पत्र भी मिल रहे हैं। सोने-चांदी के असली और नकली आभूषण भी बड़ी मात्रा में मिले हैं। गणना अभी 2 दिन और चलेगी।

इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की दान पेटियां खुलीं... तीन दिन में मिले 1 करोड़ 37 लाख, विदेशी करेंसी भी निकली - Indore Donation boxes Khajrana Ganesh Temple opened lcla - AajTak

दानपेटियों की गणना सोमवार से शुरू हुई थी। कैमरे की निगरानी में सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिनती की जा रही है। अनुमान जताया जा रहा है कि यह अगले दिन जारी रहेगी। चार माह पहले एक अगस्त को दस दिन चली गिनती में एक करोड़ 68 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई थी। हर साल तीन बार दानपेटियों की गिनती की जाती है।

हर बार दान पेटियों से निकलने वाली राशि कम होती जा रही है, जबकि मंदिर प्रबंधन का खर्च लगातार बढ़ रहा है। मंदिर में क्यूआर कोड से दान की सुविधा है, लेकिन कोड ऐसी जगह लगे हैं, जहां कम दिखाई देते हैं।

मंदिर प्रबंधन ने बताया कि दान राशि की गिनती की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी की कड़ी निगरानी में होती है और वीडियो रिकॉर्डिंग भी अनिवार्य रूप से की जाती है, ताकि कार्य में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे। दान पेटियों से मिलने वाली राशि का उपयोग मंदिर की धार्मिक, सामाजिक और जनकल्याणकारी गतिविधियों में किया जाता है।