खजराना सिद्धि विनायक गणेश मंदिर दर्ज करेगा नया विश्व कीर्तिमान, सवा लाख मोदक व तीन लाख लड्डूओं का भोग

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खजराना सिद्धि विनायक गणेश मंदिर दर्ज करेगा नया विश्व कीर्तिमान, सवा लाख मोदक व तीन लाख लड्डूओं का भोग

 

इंदौर। प्रसिद्ध सिद्धि विनायक गणेश मंदिर और भक्त मंडल इस बार गणेशोत्सव के अवसर पर एक नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करने जा रहे हैं। बुधवार, गणेशोत्सव के पहले दिन मंदिर में सवा लाख मोदक प्रसाद का भोग भगवान गणेश को समर्पित किया जाएगा। इसके साथ ही पूरे उत्सव में प्रतिदिन 20 हजार विभिन्न प्रकार के लड्डूओं का भी भोग लगाया जाएगा, जिससे कुल तीन लाख से अधिक लड्डूओं का भोग इस मंदिर में समर्पित किया जाएगा।

मंदिर प्रबंधन समिति अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह, मंदिर प्रशासक एवं निगमायुक्त शिवम वर्मा तथा महाप्रबंधक एवं संयुक्त कलेक्टर डॉ. राकेश शर्मा विशेष ध्वजा पूजन के बाद भगवान गणेश को स्वर्ण आभूषण समर्पित करेंगे और फिर भोग लगाकर मोदक प्रसाद का भक्तों में वितरण भी करेंगे।

मंदिर के भक्त मंडल के अरविंद बागड़ी और कैलाश पंच ने बताया कि मोदक का निर्माण पिछले छह दिनों से जारी है। प्रसिद्ध रसोइया खेमजी महाराज और 30 सहयोगी 10 सुपर भट्टियों पर लगातार सवा लाख मोदक बना रहे हैं। मंगलवार को मंदिर के नवनियुक्त महाप्रबंधक डॉ. शर्मा ने भी इस काम का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मंदिर के मुख्य पुजारी पं. अशोक भट्ट, प्रबंधक घनश्याम शुक्ला, सहायक प्रबंधक गौरीशंकर मिश्रा एवं भक्त मंडल से जुड़े अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।

गणेशोत्सव के पहले दिन सुबह 10 बजे ध्वजा पूजन के साथ प्रसाद वितरण का शुभारंभ होगा। भक्तों को सवा लाख मोदक प्रसाद का वितरण सुबह 10 बजे से किया जाएगा, जो मंगलवार रात को ही भोग के रूप में समर्पित किया जा चुका है।

बागड़ी ने यह भी बताया कि गणेशजी को विभिन्न प्रकार के लड्डूओं का भोग शुक्रवार से पांच सितंबर तक दिया जाएगा। गुरुवार को अजवाइन, शुक्रवार को मूंग, शनिवार को चावल, रविवार को उड़द, एक सितंबर को गोंद के लड्डू, दो सितंबर को बेसन, तीन को मोतीचूर, चार को बड़ी बूंदी और पांच को फरियाली ड्रायफ्रूट्स के लड्डू भोग के रूप में लगाए जाएंगे।

भक्तों के लिए प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी भव्य रूप से की गई है। भक्त मंडल ने 50 बड़ी परातें और 100 ट्रे सजाई हैं, तथा लगभग 20 कार्यकर्ता प्रतिदिन भोग समर्पित लड्डुओं का प्रसाद श्रद्धालुओं में वितरित करने का कार्य संभालेंगे।

यह संख्या और भव्यता खजराना सिद्धि विनायक मंदिर को देश के उन मंदिरों में शुमार करेगी जहां इतने बड़े पैमाने पर भोग लगाया जाता है। इस प्रकार यह मंदिर इतिहास में अपनी एक अलग पहचान बनाएगा।