Khajuraho Jagdambi Mandir: खजुराहो में चंदेलकालीन देवी जगदंबी मंदिर के आज खुल जाएंगे कपाट,जानें क्या है मंदिर की मान्यता!

देवी भक्तों को पश्चिमी मंदिर समूह में देवी पूजन हेतु मिलेगा 9 दिनों तक निशुल्क प्रवेश

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Khajuraho Jagdambi Mandir: खजुराहो में चंदेलकालीन देवी जगदंबी मंदिर के आज खुल जाएंगे कपाट,जानें क्या है मंदिर की मान्यता!

राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: (खजुराहो) देशभर में चैत्र मास की शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गए हैं।नौ दिनों तक देवीभक्त शक्ति की उपासना और पूजन करते हैं।

विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन पश्चिमी मंदिर समूह स्थित चंदेलकालीन जगदंबी देवी मंदिर के कपाट देवी भक्तों के लिए निशुल्क खुल गए हैं। यहां पर सूर्योदय के साथ ही देवी भक्तों कि भारी भीड़ उमड़ पड़ती है जो सूर्यास्त तक जारी रहती है। इस दौरान भक्त देवी मां को जल चढ़ाने,पूजा अर्चना के साथ आरती भी करते है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में देवी भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के गर्भग्रह के कपाट की खासियत यही है कि यह साल भर में आश्विन मास की शारदीय तथा चैत्र मास में पडऩे वाले नवरात्र मे ही खुलते है और बाकी समय बंद रहते है।

 

*●जानें क्या है मंदिर की मान्यता…*

 

खजुराहो में 9 वी से 11 वी सदी के समय चंदेल राजाओं ने कई मंदिर बनवाये थे जो हिन्दू देवताओं को समर्पित हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये मंदिर केवल देवों के थे। मान्यताओं के अनुसार जब तक मंदिरों में देवों के साथ शक्ति नहीं होती तब तक वहां पूर्णता का आभास नहीं होता, इसलिए स्थान की पूर्णता हेतु इनमे से एक मंदिर जो भगवान विष्णु को समर्पित था। कालांतर में इस मंदिर के गर्भ गृह में देवी पार्वती की मूर्ति स्थापित की गई थी जिसे बाद में देवी जगदम्बी के रूप में प्रसिद्धि मिली और नवरात्रि में भक्त यहां पूजन अर्चन करने लगे जो आज भी अनवरत जारी है।

वैसे तो पुरातत्व विभाग के अधीन सभी मंदिरों के गर्भगृह बंद रहते हैं। लेकिन देवी जगदंबी मंदिर के गर्भगृह को नवरात्र पर्व पर न केवल खोला जाता है बल्कि निशुल्क प्रवेश भी रखा गया है।

पश्चिमी मंदिर समूह के इस मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तो का तांता लग जाता है। इस मंदिर की ऐसी मान्यता है कि जगदम्बी देवी नवरात्र के दौरान अपने स्वरूप बदलती है,जिससे भक्तों को देवी के अलग अलग रूपों के दर्शन हो जाते हैं। उसकी सभी मनोकामनाएं देवीमाता पूरी करती है। इस मंदिर में देवी पूजन के लिए आस-पास के क्षेत्र से ही नहीं अपितु देश भर से देवी भक्त आते हैं।