लिव-इन रिलेशनशिप ,समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए खाप पंचायतों ने मोर्चा खोला

319

लिव-इन रिलेशनशिप ,समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए खाप पंचायतों ने मोर्चा खोला

रियाणा:हरियाणा की खाप पंचायतों ने लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार से मांग की है। साथ ही एक ही गोत्र में शादी करने की व्यवस्था को खत्म करने के लिए आवाज उठाई है। अगर, खाप की इन सभी मांगों को सरकार स्वीकार नहीं करेगी तो आंदोलन की चेतावनी दी गई है.

लिव-इन रिलेशनशिप समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए खाप पंचायतों ने मोर्चा खोल दिया है। बिनैन खाप प्रमुख, रघुबीर नैन का कहना है कि खाप प्रेम विवाह के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन माता-पिता की सहमति बेहद जरूरी है।

अगर, माता पिता और परिवार शादियों में शामिल नहीं होता तो वह विवाह संस्कृति के विरुद्ध है। ऐसे विवाह को कानून में मान्यता तो है, लेकिन यह समाज और संस्कृति के खिलाफ है। इसके अलावा खाप पंचायतों की मांग है कि एक ही गोत्र (पैतृक वंश) में होने रहे विवाह पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इससे अगली पीढ़ी को वांशुकी बीमारियों और जटिलताओं से बचाना आसान होगा। विज्ञान का हवाला देते हुए कहा कि एक ही गोत्र में शादी करने से बीमारियां खत्म होने के बजाया मल्टीपल टाइम और बढ़ जाती हैं। लिहाजा, इस व्यवस्था को खत्म करने की सरकार से मांग रखी जाएगी।

बिनैन खाप प्रमुख, रघुबीर नैन ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप और समलैंगिक विवाह पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। इससे समाज को गलत संदेश मिल रहा है। इस व्यवस्था से परिवार टूट रहे हैं। लिहाजा, हम इन मुद्दों को उठाने के लिए पीएम मोदी से मिलेंगे और मौजूदा सरकार पर दबाव बनाने के लिए विपक्षी पार्टियों से भी संपर्क करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें और हिंदू कोर्ट बिल में संशोधन होगा तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।

उधर, खाप नेता संतोष दहिया का कहना है कि लिव-इन रिलेशनशिप के कारण परिवार टूट रहे हैं और कानून उन्हें लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार दे रहा है। एक ही गोत्र में शादी करना सही नहीं है। न केवल सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ रहा है, बल्कि इसमें आनुवंशिक समस्या भी है। लिहाजा सरकार से मिलकर एक ही गोत्र में विवाह पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जाएगी। इस काम को आगे बढ़ाने के लिए हमारे साथ करीब 300 खाफ पंचायतें आने को तैयार हैं। अगर, सरकार हमारी बातें आसानी से मान लेती है तो ठीक है, वरना हम सड़कों पर उतरेंगे।