खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट
नकली नोट चलाते बस स्टैंड पर दो युवकों को पुलिस ने लिया हिरासत में, आरोपियों के पास से 200 रूपये के 23 और 100 रूपये का एक नकली नोट भी जप्त, नोट छापने वाले आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस, ली रिमांड
खरगोन: खरगोन में बस स्टैंड पर नकली नोट चलाते हुए दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। कोतवाली पुलिस ने उनके पास से 200 रूपये के 23 और 100 रूपये का एक नकली नोट भी जप्त किया है। आरोपी से पूछताछ कर पुलिस नोट छापने वाले सरगना की तलाश में जुटी है। पुलिस को आशंका है कि आरोपियों के तार किसी बड़े गिरोह या बड़े नेटवर्क से जुड़े हैं।
पुलिस आरोपियों की रिमांड लेकर उनसे पूछताछ कर रही है।
SDOP रोहित अलावा ने पत्रकारों को बताया कि खरगोन शहर के भोकले नगर निवासी रविन्द्र बुन्देला और टवडी चौक निवासी अमित पटेल बस स्टैंड पर नकली नोट खपा रहे थे। कोतवाली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर 47 सौ रूपये के नकली नोटों के साथ धर दबोचा।
पुलिस अब दोनों की रिमांड लेकर नकली नोट छापने वालों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। पुलिस को आशंका है कि पकड़े गये आरोपियों के तार नकली नोट छापने वाले किसी गिरोह या नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
घटना का संक्षिप्त विवरण
गत दिवस 05 अप्रैल को थाना प्रभारी कोतवाली खरगोन बी एल मंडलोई को मुखबीर द्वारा सूचना मिली कि गौर पेट्रोल पंप के पास बस स्टेण्ड खरगोन पर दो लड़के एक मोटर सायकल पर है, जिनके पास नकली नोट है और वे उन नकली नोटों को बाजार में खपाने की फिराक में है।
मुखबिर की सूचना पर तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस टीम का गठन कर मुखबिर के बताए स्थान पर रवाना किया गया एवं पुलिस टीम द्वारा मुखबिर के बताए अनुसार हुलिये के 02 व्यक्तियों को पकड़ा जिन्होंने अपने नाम रविन्द्र एवं अमित बताया।
पुलिस टीम द्वारा रविन्द्र एवं अमित की तलाशी लेने पर रविन्द्र के पास से कुल 2900 रुपये जिनमें 200 रुपये के 14 नोट एवं 01 नोट 100 रुपये का तथा अमित के पास 1800 रुपये जिनमें 200 रुपये के 9 नोट मिले। जिनकी जांच करते पाया गया कि यह कुटकृत मुद्रा एक ही सीरीज की है।
आरोपियों को न्यायालय पेश कर पुलिस रिमान्ड पर गिरफ्तार शुदा आरोपियों से कुटरचित मुद्रा में उपयोग किये सामग्री तथा अन्य साथी आरोपियों के बारे मे पूछताछ की जाएगी। थाना कोतवाली खरगोन मे अपराध क्र. 217/22 धारा 489-ए, 489-सी, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।