हेमंत पाल की विशेष रिपोर्ट
पश्चिम मध्यप्रदेश का निमाड़ इलाका इस समय दोहरी मार से झुलस रहा है। गर्मी का पारा 43 के पार निकल गया और दंगे की आग भड़क गई! प्रशासन की सारी सख्ती के बावजूद खरगोन और सेंधवा में रामनवमी जुलूस पर पथराव हुआ। ऐसे किसी भी दंगे के बाद सरकार और प्रशासन जिस तरह की मुस्तैदी दिखाता है, वो सब किया जा रहा है। दंगाइयों को पकड़ा जा रहा है, उनके घरों पर बुलडोजर चल रहे हैं। लेकिन, अभी यह सवाल जिंदा है कि क्या दंगा अचानक भड़का या पूर्व नियोजित था। जो भी स्थिति बनी पुलिस की इंटेलिजेंस को सूचना क्यों नहीं मिली! सीधा सा आशय है कि पुलिस प्रशासन की कमजोरी इसका सबसे बड़ा कारण रही! अभी तक दंगा भड़कने मूल कारणों पर भी सरकार ने कुछ नहीं कहा है! लेकिन, ये साफ़-साफ प्रशासन की असफलता दिखाई दे रही है।
खरगोन दंगे से अब खंडवा, धार और महू जैसे संवेदनशील इलाकों को बचाना भी चुनौती है। इन जिलों के प्रशासन को अब ज्यादा मुस्तैदी रखना होगी।
मुख्यमंत्री ने पहले एक बार कहा था कि प्रदेश में जहां भी दंगा होगा, उसकी जिम्मेदारी वहां के एसपी और कलेक्टर की होगी और उन्हें हटा दिया जाएगा। लेकिन, अभी सरकार की तरफ से ऐसे कोई संकेत नहीं मिले। सरकार ने दंगे के पीछे स्पष्ट रूप से किसी समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया! लेकिन, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा की तरफ इशारा किया है। दिग्विजय सिंह ने ‘आम आदमी पार्टी’ छोड़कर भाजपा में आए कपिल मिश्रा के खरगोन में मौजूद होने पर सवाल किए! उन्होंने यह भी कहा कि जहां कपिल मिश्रा होते हैं, वहां दंगा होता है। उधर, मिश्रा ने कहा कि कसाब को हिंदू बताने वाले अब झूठ फैलाने का काम कर रहे हैं।
खरगोन में हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि किसी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा। जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई दंगाईयों से की जाएगी। प्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक ही नहीं निजी संपत्ति की भी वसूली दंगाइयों से होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दंगाइयों को कठोरतम दंड दिया जाएगा, जो उदाहरण बन जाए।
खरगोन की इस घटना में SP,TI और अन्य पुलिसकर्मियों समेत 24 से ज्यादा लोग घायल हुए। संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात किया गया और खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया।
निमाड़ का एक और संवेदनशील नगर बड़वानी जिले में सेंधवा में भी जुलूस पर पथराव की घटना हुई, पर उस पर काबू पा लिया गया। खरगोन में 90 से ज्यादा को गिरफ्तार कर लिया। दंगा भड़काने और गड़बड़ी के आरोपियों की कमर तोड़ने के लिए उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया गया।
रविवार को रामनवमी के दिन निकले जुलूस पर खरगोन और सेंधवा में पथराव हुआ था। इसके बाद खरगोन में घरों में आगजनी की घटना हुई। खरगोन के एसपी सहित 24 से ज्यादा लोगों को चोटें आई है। दंगे के दौरान गोलियां भी चली। स्थिति बिगड़ती देखकर काबू पाने के लिए आसपास के जिलों से पुलिस बुलाना पड़ी और खरगोन में कर्फ्यू लगाना पड़ा। पुलिस ने 90 से लोगों को दंगा करने के आरोप में गिरफ्तार भी किया है। उनकी आर्थिक कमर तोड़ने की भी कार्रवाई भी की गई। उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया गया।
मकान तोड़ने की मुहिम
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिस घर से पत्थर आए, उन्हें पत्थर का ढेर बना दिया जाएगा। इसमें देर नहीं होगी। उनके कहने के कुछ देर बाद ही प्रशासन के बुलडोजर दंगाइयों के घरों पर चल पड़े। बताते है कि गृह मंत्री के इस बयान के कुछ घंटों बाद ही 5 बुलडोजर मोहन टॉकीज इलाके में पहुंच गए। यहां के करीब 50 मकानों को चिह्नित कर उन्होंने तोड़ने की मुहिम शुरू की गई। गृहमंत्री ने कहा कि इस मामले में सरकार पूरी तरह से सख्त है। शांति व्यवस्था बिगाड़ने का किसी को अधिकार नहीं है।
छर्रे से एसपी घायल
खरगोन के एसपी सिद्धार्थ चौधरी गोली के छर्रे से घायल हुए हैं। इसके साथ ही 6 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। एक व्यक्ति शिवम शुक्ला के सिर में ज्यादा चोट लगी है, अन्य किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। सेंधवा में कोई घायल नहीं हुआ। वहां कर्फ्यू भी नहीं लगाया गया।
चार कर्मचारियों पर कार्रवाई
इंदौर कमिश्नर डॉ पवन शर्मा के मुताबिक, 84 दंगाइयों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दंगा और उपद्रव मामलों में सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। सरकारी और निजी संपत्ति को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई भी इन आरोपियों से की जाएगी। खसखस बाड़ी और मोहन टॉकीज के साथ ही आनंद नगर के पीछे के कुछ स्थानों को चिन्हित किया गया। चार सरकारी कर्मचारियों पर अफवाह फैलाने और हिंसा में शामिल होने के आरोप थे। इनमें से तीन दैनिक वेतनभोगी हैं और एक नियमित। नियमित कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया। तीनों दैनिक वेतन भोगियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
दंगों पर सियासत शुरू
खरगोन दंगे को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि खरगोन में हुए दंगे सरकार की असफलता है। इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। शर्मा ने कहा कि यह सरकार की कानून व्यवस्था की असफलता है। जब पहले से जानकारी थी, कि रामनवमी पर जुलूस निकलने वाला है तो उस तरीके से कानून व्यवस्था होनी चाहिए! लेकिन, कोई व्यवस्था नहीं की गई। यह सरकार और प्रशासन का इंटेलिजेंस फेल्योर है। उन्होंने यह भी कहा कि कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस ने एक कमेटी का गठन किया गया है, जो खरगोन जाकर इस मामले की हकीकत पता करेगी।