Khargone : रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद शहर में जो युवक लापता था, वह 28 साल का ईबरेश उर्फ सद्दाम निकला। 10 अप्रैल की रात को पुलिस को सद्दाम का शव आनंद नगर में मिला था। उसकी शिनाख्त नहीं होने पर पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को सुरक्षित रखने के लिए इंदौर भेज दिया गया था। 14 अप्रैल को कोतवाली थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना करके इस बात का खुलासा किया।
प्रभारी एसपी रोहित काशवानी ने जानकारी दी कि 10 अप्रैल को ईबरेश घायल अवस्था में आनंद नगर में मिला था। इलाज के लिए उसे अस्पताल भेजा गया। पर, उसकी मौत हो चुकी थी। उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। इसलिए पोस्टमार्टम करवाकर उसके शव को फ्रीजर में रखने के लिए इंदौर भेज दिया गया था। खरगोन में व्यवस्था नहीं होने पर उसके शव को इंदौर के फ्रीजर में रखने भेज दिया गया था। उसकी मौत का कारण सिर में पत्थर से गंभीर चोट लगना पाया गया था।
प्रभारी एसपी ने बताया कि गुमशुदगी की रिपोर्ट मिलने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। मीडिया के सवाल पर रोहित काशवानी ने बताया कि 14 अप्रैल को उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद ही शव की शिनाख्त हो सकी। 17 को परिजनों से शिनाख्त कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। बाद में उसके शव को स्थानीय कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।
गृह मंत्री ने जांच की बात कही
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में इस मुद्दे पर मीडिया से कहा कि पुलिस ने शव की शिनाख्त के बाद सौंप दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि 11 लोगों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच के बाद जो भी सामने आएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
मृतक के भाई का आरोप
परिजनों ने दंगे में हमले से मौत होने का आरोप लगाया। मृतक के भाई इकलाक ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया। 12 अप्रैल को सभी ने देखा था कि पुलिस उसे घायल अवस्था में उठाकर ले गई। उसका 9 माह का बच्चा है, हमको इंसाफ चाहिए। हम चाहते हैं कि ऐसा किसी दूसरे के साथ न हो।