अबोध बालक का अपहरण! रातभर पुलिस ने चलाया सर्चिंग अभियान, बच्चे को सकुशल परिजनों को सौंपा
भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट
भिंड: जिले में 14 माह के बच्चे के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आया। अपहरण की सूचना पर पुलिस भी तुरंत सक्रिय हुई और रात में ही गांव में घेराबंदी कर दी और आसपास सर्चिंग शुरू की। खुद एसपी मनीष खत्री मौके पर पहुंच गए और टीम को निर्देशित किया।
पुलिस की सक्रियता देखकर अपहरणकर्ताओं के हाथ पैर फूल गए और वह बच्चे को खेत में छोड़कर भाग खड़े हुए। जिसके बाद सुबह के समय गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर बच्चा सकुशल मिल गया। पुलिस को शक है कि अपहरण में किसी नजदीकी व्यक्ति का ही हाथ हो सकता है।
दरअसल भिण्ड जिले के मौ थाना क्षेत्र के पड़रया गांव के रहने वाले रतीराम प्रजापति का 14 महीने का बालक देवांश बुधवार शाम को 6 बजे घर से गायब हो गया था। देवांश की उम्र महज 14 महीना है ऐसे में वह ज्यादा चल फिर भी नहीं सकता। परिजनों ने उसे आसपास तलाशने की कोशिश की, लेकिन जब वह नहीं मिला तो रात करीब 9 बजे इसकी सूचना डायल 100 के माध्यम से मौ थाना पुलिस को दी गई।
मौ थाना प्रभारी उदय भान सिंह यादव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। पुलिस अधीक्षक ने भी मामले को बेहद ही गंभीरता से लिया और मौ थाना के साथ ही आसपास के थानों की फोर्स को भी गांव में भेजकर लगभग आधा सैकड़ा जवानों के साथ सर्चिंग प्रारंभ कर दी।
पुलिस की सक्रियता देखकर अपहरणकर्ता बच्चे को गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत में ही छोड़कर भाग खड़े हुए। पुलिस के साथ ही गांव वालों ने भी देवांश की खोज में पुलिस की मदद की। जैसे ही सुबह हुई बालक खेत में खेलता हुआ पुलिस को मिल गया। जिसके बाद इस अबोध बालक को उसके परिजनों को सौंप दिया गया। रोती बिलखती मां ने जब बच्चे को देखा तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
बताया जा रहा है कि रतीराम प्रजापति चार भाई हैं और सभी के हिस्से में केवल दो दो बीघा जमीन है। लेकिन रतीराम दिल्ली में गजक का व्यापार करते हैं ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति सबसे ठीक है। शायद इसी के चलते उनके अबोध बालक देवांश के अपहरण की कोशिश हुई ताकि रतिराम से मोटी फिरौती वसूल की जा सके। लेकिन पुलिस की सक्रियता के चलते बदमाश देवांश को गांव से ज्यादा बाहर लेकर नहीं जा सके। अबोध बच्चे की बरामदगी के बाद पुलिस अब मामले की जांच पड़ताल और अपहरणकर्ताओं की खोजबीन में जुट गई है।
बच्चे की खोजबीन के लिए जहां पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने मौके पर पहुंचकर स्वयं ही मोर्चा संभाला साथ ही एडिशनल एसपी कमलेश कुमार खरपुसे भी मौजूद रहे, वहीं गोहद एसडीओपी सौरभ शर्मा, मौ थाना प्रभारी उदय भान सिंह यादव, गोहद थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा, साइबर सेल प्रभारी दीपेंद्र यादव एवं शिव प्रताप सिंह आदि ने भी सक्रिय भूमिका निभाई।
पुलिस की सक्रियता और अबोध बालक की बरामदगी से खुश ग्रामीणों ने पुलिस का आभार जताते हुए फूल मालाएं पहनाकर पुलिस अधीक्षक सहित उनकी पूरी टीम का स्वागत सम्मान किया है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जैसे ही बच्चे के अपहरण की सूचना मिली वैसे ही सक्रियता से उसकी तलाश प्रारंभ कर दी। उनके द्वारा 2 टीमों का गठन कर अलग-अलग जांच के लिए भेजा गया। गांव में भी घर-घर में सर्च अभियान चलाया गया जिसमें ग्रामीणों ने पुलिस का पूरा सहयोग किया। वहीं किसी अनहोनी की आशंका को भी देखते हुए पुलिस ने एहतियातन गांव के आसपास मौजूद कुओं में भी टॉर्च आदि की लाइट से सर्चिंग की।
वहीं पास में ही मौजूद एक छोटे से तालाब जिसमें थोड़ा पानी था उसको भी नगर पंचायत से मोटर बुलवाकर खाली कराया गया। गांव से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस ने घेराबंदी कर दी और आसपास झाड़ियों में भी खोजबीन की गई।
पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री का कहना है कि अपहरणकर्ताओं के बारे में जांच की जा रही है और अभी उस पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। लेकिन पुलिस जल्द ही इसका खुलासा करेगी।