Kissa-A-IAS: Amit Agrawal: धार के CEO से UIDAI के CEO तक का सफर
देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के कुछ महत्वपूर्ण पद हैं। उनमें से एक है ‘आधार’ (UIDAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का पद। अब ये जिम्मेदारी अमित अग्रवाल को सौंपी गई है जो पहले मध्य प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं। इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उन्हें विशेषज्ञ माना जाता है। समझा जाता है कि उनके इस पद पर आने से ‘आधार’ में नए बदलाव आएंगे। इसके अलावा भी उनके पास कई दायित्व हैं।
इसे संयोग माना जाना चाहिए कि जून में जन्मे अमित अग्रवाल के जीवन में ज्यादातर महत्वपूर्ण बदलाव जून के महीने में ही हुए हैं। उनको नई जिम्मेदारी भी जून में ही मिली।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी अमित अग्रवाल को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का दायित्व सौंपा गया है। UIDAI में उनकी यह नियुक्ति को केंद्र सरकार के एक प्रमुख ब्यूरोक्रेट के रूप में हुई है।
अमित अग्रवाल 1993 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के IAS अधिकारी हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर से स्नातक अमित अग्रवाल मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और केन्द्र सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।
आईटी और ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में विशेषज्ञ अमित अग्रवाल के बारे में समझा जा रहा है कि उनके CEO बनने से ‘आधार’ के आगे के विकास और यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है, कि UIDAI भारत के लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है।UIDAI के CEO के रूप में अपने पहले संबोधन में अमित अग्रवाल ने कहा कि वे ‘आधार’ को अधिक सुलभ और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के साथ काम करने के लिए आधार का उपयोग भारत के लोगों के लाभ के लिए किया जाए।
UIDAI के CEO की जिम्मेदारी संभालने से पहले वे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) में अपर सचिव थे। उन्होंने वित्त मंत्रालय में अपर सचिव और संयुक्त सचिव के रूप में भी जिम्मेदारी निभाई है। वे पहले मध्य प्रदेश कैडर में थे, लेकिन 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद वे नए राज्य में चले गए थे। जहां से वे दो बार प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली गए और महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाला। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने नवाचार पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक के विकास में भी सक्रिय रहे हैं।
Read More… Kissa-A-IAS : लेफ्टिनेंट कर्नल बन गए IAS अफसर
IIT के बाद UPSC
अमित अग्रवाल का जन्म 27 जून 1970 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), कानपुर में दाखिला लिया। लेकिन, उनका लक्ष्य UPSC परीक्षा पास करना था और उन्होंने वो किया भी। IAS होने के बाद उन्हें मध्य प्रदेश कैडर अलॉट किया गया और 22 जून 1994 को उन्होंने सहायक कलेक्टर के रूप में अपनी प्रशासनिक सेवा शुरू की। 1 जनवरी 1996 तक इस पद पर रहने के बाद उन्हें एसडीओ के पद पर पदोन्नत किया गया।
इस दौरान वे ग्वालियर में पदस्थ रहे। छह महीने के कार्यकाल के बाद अमित अग्रवाल को झाबुआ में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां वे लगभग एक साल रहे। 23 जून 1997 से 25 सितंबर 2000 तक अमित अग्रवाल ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग धार में जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) की भूमिका निभाई। इसके बाद 28 सितंबर 2000 को उन्होंने भोपाल में ग्रामीण विकास विभाग में मिशन निदेशक का पद संभाला। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने वाटरशेड मिशन का नेतृत्व किया और इसके मकसद को पूरा करने के लिए लगे रहे।
छत्तीसगढ़ से दो बार प्रतिनियुक्ति पर
छत्तीसगढ़ के गठन के बाद उनका कैडर बदल गया और वे रायपुर में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में उप सचिव बनाए गए। 1 जुलाई 2001 को पहली बार वे महासमुंद कलेक्टर बनाए गए। उन्होंने 27 जून 2002 तक इस पद पर कार्य किया। इसके बाद वे छत्तीसगढ़ में कई पदों पर कार्यरत रहे। 8 जुलाई 2004 को वे केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर चले गए और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में पहले वे उप सचिव और बाद में निदेशक के रूप में कार्य किया।
दिल्ली में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में भी कार्य किया। फिर वे राज्य में लौटे और रायपुर में वित्त और वाणिज्यिक कर दोनों विभागों में सचिव का पद भी संभाला। 26 दिसंबर 2016 को अमित अग्रवाल दूसरी बार केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर गए। वे दिल्ली में वित्त विभाग के संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत रहे। उन्होंने इस पद के लिए लगभग चार साल रहे। इसके बाद अमित अग्रवाल ने 23 मई 2022 से 11 जून, 2023 तक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव की भूमिका निभाई। वे यही से अब देश के प्रतिष्ठित पर आसीन हुए है।
अमित अग्रवाल IAS अधिकारी अलावा लेखक भी हैं। उन्होंने अभी तक चार किताबें लिखी है।