Kissa-A-IAS: IAS Aryaka Akhoury: माफिया सरगनाओं को सबक सिखाने वाली ‘लेडी सिंघम’!
उत्तर प्रदेश के माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसका शव शनिवार दोपहर जब गाजीपुर के कब्रिस्तान में दफनाया जा रहा था तब मिट्टी देने की बात को लेकर गाजीपुर की कलेक्टर आर्यका अखौरी का मुख्तार के भाई अफजल जो सांसद भी है, से तीखा विवाद हुआ। कलेक्टर का कहना था कि परिवार के लोग ही कब्रिस्तान में अंदर जाकर मिट्टी दें। हजारों की भीड़ को मिट्टी देने की इजाजत नहीं है। लेकिन, मुख़्तार के भाई को इस बात पर आपत्ति थी। वे इसे परंपरा मानते हुए सबको मिट्टी देने को सही मान रहे थे।
इस मुद्दे पर हुए विवाद ने कलेक्टर आर्यका अखौरी को खासा चर्चित कर दिया। इस विवाद के वीडियो ने आर्यका अखौरी का अंदाज फिर सामने ला दिया। दरअसल, वे उत्तर प्रदेश में जहां भी पदस्थ रही ‘लेडी सिंघम’ के नाम से चर्चा रही।
गाजीपुर जिले में सितंबर 2022 से पदस्थ आर्यका अखौरी अपने एक्शन को लेकर हमेशा चर्चा में रही। हाल ही में महाहर धाम के पास बस में आग लगने से पांच लोगों की मौत की घटना के दौरान आर्यका अखौरी ने मौके पर लोगों के बीच पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल कर जिस तरह आवश्यक कार्रवाई की, उससे भी लोगों को लग गया था कि आर्यका अखौरी के काम करने का तरीका ऐसा नहीं है कि वे किसी से दबें।
पहली बार नहीं है जब आर्यका अखौरी इस तरह के किसी बड़े चेहरे से भिड़ी हो। इससे पहले वे भदोही में तैनाती के समय भी गैंगस्टर और हथियार पर अपनी कार्रवाई को लेकर चर्चा में रहीं। उन्होंने भदोही जिले में पूर्व विधायक विजय मिश्र के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाने के साथ उनके कई असलहों का लाइसेंस निरस्त करने समेत कानून व्यवस्था को लेकर कड़ा रुख रखा था। आर्यका गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के खिलाफ भी कार्रवाई करती रही हैं।
भदोही जिले में कलेक्टर रहने के दौरान कर्मचारियों-अधिकारियों के जींस और टीशर्ट पहन कर कार्यालय में आने पर उन्होंने रोक लगा दी थी। टी शर्ट और जींस पैंट को प्रशासनिक अधिकारियों में बैन करने समेत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देकर उन्होंने खासी सुर्खियां बटोरी थीं।
*बिहार की रहने वाली हैं आर्यका अखौरी*
आर्यका अखौरी उत्तर प्रदेश कैडर की 2013 बैच की IAS ऑफिसर है। वे मूलतः बिहार के पटना की रहने वाली है। उनका जन्म 18 दिसंबर 1985 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पटना में हुई। उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई दिल्ली से की। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में 2008 में एमएससी बायोटेक की डिग्री ली। उसके बाद यूपीएससी की तैयारी की और आज यूपी की ऐसी अधिकारी है जिससे कई बड़े अपराधी कांपते हैं। आर्यका अखौरी का कलेक्टर (DM) के तौर पर पहला कार्यकाल भदोही में बीता। इसके बाद दूसरी नियुक्ति गाजीपुर में हुई। इससे पहले वे बतौर उप जिलाधिकारी वाराणसी में 2015-16 में तैनात थीं। उसके बाद मेरठ की सीडीओ और लखनऊ में विशेष शिक्षा सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।