Kissa-A-IAS: Metro Woman IAS: मुंबई मेट्रो को आकार देने वाली ‘मेट्रो वुमेन’
भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1995 बैच की अधिकारी अश्विनी भिड़े महाराष्ट्र के एक बहुत छोटे शहर सांगली से आई थीं। उन्होंने ग्रामीण स्कूल से पढ़ाई की, लेकिन IAS अधिकारी बनने का सपना देखा, जो कि उस क्षेत्र के स्टूडेंट्स के लिए बहुत दूर की बात थी। प्रशासनिक सेवाओं के बारे में कोई जानकारी न होते हुए भी उन्होंने यह लक्ष्य चुना। तीन साल की तैयारी के बाद 1995 में उन्होंने UPSC क्लियर की और महिला प्रतिभागियों में टॉप किया। टॉपर होने के कारण उन्हें कैडर भी गृह राज्य महाराष्ट्र मिला।
सांगली की रहने वाली और 1995 की IAS टॉपर (महिला) हमेशा समाज के लिए कुछ करना चाहते थी। जब उनके बाकी साथी इंजीनियरिंग और चिकित्सा में अपना करियर बनाने का फैसला किया, तो उन्होंने IAS में अपने लिए एक जगह बनाने का फैसला किया। आश्चर्य नहीं कि अपने ढाई दशक से ज्यादा के अपने शानदार करियर में अश्विनी भिड़े ने जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, महाराष्ट्र के राज्यपाल के संयुक्त सचिव, एमएमआरडीए में अतिरिक्त महानगर आयुक्त और स्कूल शिक्षा और खेल सचिव के रूप में काम किया है। लेकिन, उनको पहचान मिली मुंबई मेट्रो के कामकाज में। अश्विनी भिड़े के पति संतोष भी IAS अधिकारी थे। उन्होंने 2010-2011 में सेवा से इस्तीफा दे दिया था।
अश्विनि ने महाराष्ट्र के कई जिलों में बेहतरीन काम किया। लेकिन, उनको लोकप्रियता मिली मुंबई मेट्रो के सफल काम से। उन्हें महाराष्ट्र की ‘मेट्रो वुमेन (मुंबई)’ के नाम से भी जाना जाता है। अश्विनी भिड़े समकालीन समय में सबसे मेहनती, कुशल, और ईमानदार अधिकारियों में से एक है। विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों निडर होकर प्रभावी तरीके को लागू करने के कारण आज उनकी प्रशंसा भी की जाती है।
महाराष्ट्र सरकार में मुंबई मेट्रो के एमडी के रूप में अश्विनी भिड़े की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उन्होंने अपनी बुद्धि, कौशल और योग्यता से मुंबई में मेट्रो रेल के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुंबई मेट्रो के काम में तेजी लाने के लिए जुलाई 2022 उन्हें फिर मुंबई महानगर पालिका से मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (मुंबई मेट्रो-3) के प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। जब सरकार ने मुंबई की बोझिल रेल और सड़क सेवाओं को अपग्रेड करने के लिए एक बड़े बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा तो भिडे के अलावा किसी और को यह बड़ा काम नहीं सौंपा गया। इसलिए कि वे एक ऐसी महिला हैं, जो बाधाओं को अवसरों में बदलने के लिए जानी जाती है!
IAS अधिकारी अश्विनी को कभी ‘मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट’ के पीछे की प्रेरक शक्ति कहा जाता था। लेकिन, राजनीतिक मतभेदों के कारण साल 2020 में उन्हें मुंबई मेट्रो रेल निगम से स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्हें मुंबई में फैली कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए अश्विनी को तब मुंबई म्युनिसिपल कार्पोरेशन का एडिशनल कमिश्नर बनाया गया था। मार्च 2020 में जब उनका तबादला एमएमआरसी में किया गया तो कोई बड़ी भूमिका नहीं सौंपी गई। उस दौरान उनको महाराष्ट्र में चल रही कोरोना महामारी से निपटने के लिए एक अतिरिक्त नगर आयुक्त के रूप में ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) टीम में प्रतिनियुक्त किया गया था। भिड़े को निगम के संपर्क ट्रेनिंग प्रयासों की निगरानी के साथ-साथ नियंत्रण कक्ष की निगरानी करने और अस्पतालों को सहायता प्रदान करने का काम सौंपा गया था।
*उल्लेखनीय काम किए*
अश्विनी भिड़े ने 1997 से 1999 तक कोल्हापुर जिले के सहायक कलेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद, उन्हें 1999 से 2000 तक सिंधुदुर्ग जिले के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में तैनात रहीं। इसके बाद उन्हें नागपुर जिले में स्थानांतरित कर दिया गया। 2000 और 2003 के बीच नागपुर जिला परिषद का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने 300,000 की लागत से 310 गांवों में 7,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के तहत लाने के लिए 310 गांवों में 434 बांध बनाए। 2004 और 2008 के बीच, उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल के उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया।
उन्होंने स्कूल शिक्षा और खेल सचिव के रूप में भी काम किया और छात्रों के डेटाबेस को ऑनलाइन करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नागपुर में स्वदेशी जल संरक्षण चेक डैम (अश्विनी बुंधरा) बनाने से लेकर मुंबई मेट्रो परियोजना के लिए लोगों और राजनेताओं को सही रास्ते पर लाने तक का किया किया। IAS अधिकारी अश्विनी भिड़े एक ऐसी महिला हैं, जिन्होंने अपनी बुद्धि और आत्मविश्वास से कई बड़े और कठिन प्रोजेक्ट को भी सरलता से पूरा किया हैं।