Kissa-A-IAS: Ritu Maheshwari: ‘सख्त तेवर, ईमानदारी और सबसे पहले ज़िम्मेदारी’ इन तीन बातों से बनाई पहचान!

1063

Kissa-A-IAS: Ritu Maheshwari: ‘सख्त तेवर, ईमानदारी और सबसे पहले ज़िम्मेदारी’ इन तीन बातों से बनाई पहचान!

भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2003 बैच की उत्तर प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी रितु माहेश्वरी अकसर सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में उन्हें नोएडा का DM बनाया गया है।

Kissa-A-IAS: Ritu Maheshwari: 'सख्त तेवर, ईमानदारी और सबसे पहले ज़िम्मेदारी' इन तीन बातों से बनाई पहचान!

रितु माहेश्वरी का जन्म हरियाणा में हुआ। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, बीटेक भी किया, लेकिन उनका इसमें मन नहीं लगा। उन्होंने UPSC की तैयारी की और एक IAS अफसर बन गई। वे एक बिजनेस फैमिली से हैं, लेकिन उन्होंने फैमिली के बिजनेस की जगह अधिकारी बनने की ठानी। उनके इस फैसले में उनके पिता ने भी उनका साथ दिया। अपने सख्त रवैये, त्वरित फैसलों के लिए रितु माहेश्वरी को कई बार अवार्ड और सम्मान मिल चुका है।

वे यूपी की लोकप्रिय आईएएस अधिकारियों में गिनी जाती हैं। यूपी के शाहजहांपुर, गाजियाबाद, अमरोहा और गाजीपुर समेत कई जगह वे बड़े पदों पर काम कर चुकी हैं।

आईएएस रितु माहेश्वरी ने गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में भी काम किया। वे आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी थीं। रितु माहेश्वरी ने कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया था। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने से पहले, उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। रितु माहेश्वरी के पति मयूर माहेश्वरी भी यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।


Read More… KISSA-A-IAS: कुछ ‘ऐसे फोटो’ जो महिला IAS के लिए मुश्किल बने! 


मुख्यमंत्री की सबसे विश्वस्त अधिकारी
रितु को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़ास अफसरों में गिना जाता है। विद्युत विभाग के साथ उनके पिछले कार्यकाल के दौरान बिजली चोरी की जांच करने के उनके अभिनव तरीकों की व्यापक रूप से सराहना की गई थी। बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए रितु महेश्वरी ने ‘ऊर्जा मित्र’ नामक मोबाइल एप्लीकेशन बनाया था। वर्ष 2011-12 में भारत सरकार द्वारा इसे पूरे देश में लागू किया था। जिसके बाद ऊर्जा मंत्रालय द्वारा उनकी इस उपलब्धि के लिए सम्मानित भी किया गया।

‘सख्त तेवर, ईमानदारी और सबसे पहले ज़िम्मेदारी’ इन तीन बातों से अपनी पहचान बनाने वाली आईएएस अधिकारी रितु माहेश्वरी को यूपी के प्रशासनिक हलकों में बेहद काबिल और सख्त अधिकारी माना जाता है। उन्हें जो भी ज़िम्मेदारी मिलती है, पहले दिन से ही उनके प्रशासनिक क्षेत्र में आने वाले सारे विभाग नियम और कानून के ढांचे में काम करना शुरू कर देते हैं। कोताही, लापरवाही और टालमटोली को वे जरा भी बर्दाश्त नहीं करती! वे काम के प्रति समर्पित और डेडलाइन के मुताबिक काम करने वाली अधिकारी मानी जाती हैं।

उत्तर प्रदेश में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ की ज़िम्मेदारी संभालते ही उन्होंने सरकार से ठगी करने वाले और लोगों का पैसा लेकर भी उन्हें मकान न देने वाले बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू किया था। जैसे ही वे वहां पदस्थ हुई उन्होंने ऐसे तमाम बिल्डरों की लिस्ट बनाई थी, जिन पर ऑथोरिटी का भी भारी भरकम पैसा बाकी है। यह रकम लगभग 16 हज़ार 500 करोड़ बताई गई थी। इसे देने में बिल्डर लंबे समय से आनाकानी कर रहे हैं। रितु माहेश्वरी को प्राधिकरण चलाने का अच्छा खासा अनुभव रहा है। इससे पहले वे मेरठ और हापुड़-पिलखुआ प्राधिकरण में उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। सरकारी पैसों की वसूली करवाने में उनका शानदार ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।

जब वे उत्तर प्रदेश सरकार की कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी में थीं, तब उन्होंने बिजली चोरी पर न सिर्फ लगाम कसी, बल्कि बिजली की चोरी रोकने के लिए बड़े पैमाने पर डिजिटल मीटर लगवा दिए। नतीजा ये हुआ कि कंपनी का नुकसान 30% से घटकर 15% पर आ गया। खास बात यह है कि वे अपने सख्त स्वभाव और भ्रष्टाचारियों के आगे न झुकने वाली प्रवृत्ति को प्रकृति प्रदत्त गुण मानती है।

उनके फैसलों का सम्मान
उन्हें सरकारी कामकाज को कंप्यूटराइज्ड करने के लिए ई-गवर्नेंस में उन्हें नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है। यूएन हेडक्वार्टर, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने के लिए उन्हें ‘अवार्ड फॉर एक्सिलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन’ से सम्मानित किया जा चुका है। उनके स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए प्रयोग ‘आरोग्यम’ के लिए भी वे सम्मानित हो चुकी हैं। इस प्रोजेक्ट को अब उनके नाम से पेटेंट भी कर दिया गया। गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता, जवाबदेह कार्यशैली जैसे मुख्य बिंदुओं पर किए ‘फेम इंडिया मैगजीन’ एशिया पोस्ट के वार्षिक सर्वे ‘असरदार ब्यूरोक्रैट्स 2019’ में भी रितु माहेश्वरी प्रमुख स्थान रही हैं।

चर्चा में इसलिए रही रितु माहेश्वरी
मई 2022 में भूमि अधिग्रहण से जुड़े एक अदालती अवमानना मामले में माहेश्वरी इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश नहीं हुईं। इसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया। इस वारंट से बचने के लिए नोएडा अथॉरिटी की CEO ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रितु माहेश्वरी के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट की ओर से जारी गैर जमानती वारंट पर अंतरिम राहत देने और रोक लगाने से इनकार कर दिया। फिर हाई कोर्ट ने पुलिस से माहेश्वरी को 13 मई तक कोर्ट के सामने पेश करने का निर्देश दिया था। लेकिन, बाद में उन्हें गिरफ़्तारी से राहत मिल गई।

Author profile
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।