Kissa-A-IAS: ऐसी निशानेबाज जिनका निशाना कभी नहीं चूका!
लक्ष्य पाने का ठान लिया जाए तो वहां तक पहुंचना मुश्किल भी नहीं होता। ये कहानी है एक महिला शूटिंग चैंपियन की जिनका राइफल से कभी कोई निशाना नहीं चूका और UPSC क्लियर करके IAS अफसर बनने में भी उनका लक्ष्य पूरा हुआ।
ये हैं मेधा रूपम जिन्होंने IAS बनने के लिए अपने शूटिंग के इंट्रेस्ट को भी साइड कर दिया था। मेधा रूपम का जन्म आगरा हुआ। जबकि, उनके पिता ज्ञानेश गुप्ता केरल में IAS हैं।
पिता की पोस्टिंग केरल में थी। मेधा की शुरुआती पढ़ाई भी वहीं हुई। 2008 में उन्होंने 12वीं पास किया और इसी दौरान उनका लगाव शूटिंग से हुआ। उन्होंने 10 मीटर की एयर रायफल पीपी साइट में ट्रेनिंग ली और केरल की स्टेट शूटिंग चैपिंयनशिप हिस्सा लेकर कारनामा कर दिखाया। उन्होंने तीन गोल्ड मेडल अपने नाम करते हुए केरल स्टेट का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
इसके बाद उन्होंने दिल्ली से ग्रेजुएशन किया। यहां भी यूनिवर्सिटी लेवल पर शूटिंग चैंपियनशिप में शामिल होती रहीं। 2009 में नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा बनीं, लेकिन बाद में सिविल सर्विस के लिए शूटिंग को किनारे कर दिया। क्योंकि, दो लक्ष्यों पर एक साथ काम नहीं किया जा सकता। 2014 में उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की और टॉपर बनीं।
उन्हें IAS रैंक मिली और मसूरी में ट्रेनिंग हुई। 4 जून 2015 को ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के मेरठ में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पद पर हुई। यहां रहते हुए उन्होंने बागपत के जौहड़ी में शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीता। वे जहां भी रहीं, उनके पति भी एक IAS अफसर हैं। दोनों यूपी कैडर 2014 बैच के IAS अधिकारी हैं। एक शूटिंग चैंपियन का IAS अफसर बनने का सफर काफी रोचक रहा।
किस-किस जिले में रही तैनाती
मेधा रूपम की मसूरी में 4 जून 2015 तक ट्रेनिंग हुई। मेधा को बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट बनाकर भेजा गया। बरेली से 23 अक्टूबर 2016 को तबादला होकर वे जनपद मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद तैनात हुई। मेरठ से जनपद उन्नाव में भी मेधा रूपम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद ही तैनात रही। उन्हें लखनऊ में यूपी-एएएम का ज्वाइंट डायरेक्टर के पद दिया गया। 17 नवम्बर 2018 को यूपी-एएएम का ज्वाइंट डायरेक्टर के साथ-साथ महिला कल्याण विभाग का विशेष सचिव बनाया गया।
12 फरवरी 2019 को मेधा रूपम को लखनऊ से ट्रांसफर होकर जनपद बाराबंकी के मुख्य विकास अधिकारी के पद पर कमान मिली। इसके बाद उन्हें मेरठ नगर को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनाकर भेजा गया। यहां से उन्हें 2022 में प्रदेश में दुबारा सत्ता में आई योगी सरकार ने उन्हें हापुड़ का जिलाधिकारी बनाकर भेजा। वर्तमान में वे हापुड जिले में ही पदस्थ हैं। अपनी कार्यशैली की वजह से चर्चाओं में रहीं।
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पति भी 2014 बैच के IAS
मेधा रूपम के पति भी आईएएस अफसर मनीष बंसल भी आईएएस अफसर हैं। वे 2014 बैच के आईएएस है। उनका जन्म पंजाब में 14 जनवरी 1990 को हुआ था। उनकी प्रांरभिक शिक्षा पंजाब में ही हुई। मनीष बंसल ने एमटेक किया है। मसूरी में ट्रेनिंग के बाद उन्हें बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट बनाया गया।
बरेली से तबादला होकर मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद कार्यरत रहे। उसके बाद आईएएस मनीष बसंल को उन्नाव का ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बनाया गया। आईएएस मनीष बंसल को 14 अप्रैल 2018 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर कमान मिली। वर्तमान में मनीष बंसल को योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में संभल का जिलाधिकारी बनाया गया है।
सुरेश तिवारी
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