Kissa-A-IAS: जम्मू कश्मीर में कभी पिता थे फौजी, अब IAS बेटा देगा अपनी सेवाएं
यह कहानी एक युवा IAS के जोश और जुनून की है, जिसके मन में कश्मीर के वर्तमान हालातों को सुधारने के लिए मिशनरी भावना है। कश्मीर के प्रति उसके लगाव का एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि कई साल पहले उसके पिता ने एक फौजी के रूप में वहाँ सेवा दी थी। कहीं न कहीं वही भावना उनके बेटे श्यामवीर सिंह के दिल में भी रही। यही कारण है कि उन्होंने तीन साल के लिए इंटर कॉडर डेपुटेशन पर कश्मीर जाना चाहा और उन्हें अनुमति भी मिल गई।
श्यामवीर सिंह ने बचपन से एक सपना देखा था कश्मीर की अमन, शांति और सुकून का। इसलिए इस मिशन में श्यामवीर स्वयं कश्मीर की जनता के बीच जुड़कर काम करना चाहते हैं, जो शायद उन्हें एक अनुभव के रूप में नई प्रेरणा देगा।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में मध्य प्रदेश कैडर के 2018 बैच के IAS श्यामवीर सिंह ने सरकार से तीन साल के जम्मू-कश्मीर में प्रतिनियुक्ति चाही थी। राज्य सरकार ने उन्हें तीन साल के लिए इंटर कॉडर डेपुटेशन पर कश्मीर जाने की अनुमति भी दे दी। दोनों राज्यों की सहमति के बाद भारत सरकार ने उनके इंटर स्टेट डेपुटेशन के आदेश जारी कर दिए हैं।
ये आश्चर्य करने वाली बात जरूर है कि मध्यप्रदेश जैसे शांत राज्य का कोई अधिकारी कश्मीर जैसी गड़बड़ी वाली अशांत जगह पर नौकरी करने की इच्छा जताए। श्यामवीर सिंह के लिए ये चुनौती बड़ी इसलिए नहीं, कि वे जिस भिंड इलाके से आते हैं, वो कभी दुर्दांत डाकुओं के नाम से कांपता था। लेकिन, उनके पिता खुद सेना में रहे, शायद इसलिए उन्होंने कश्मीर में काम करने की इच्छा जताई है!
भिंड जिले के गोरमी इलाके के प्रतापपुरा गांव के रहने वाले श्यामवीर 2018 की UPSC परीक्षा में 284 रैंक लाए थे। IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद वे नौकरी करने लगे। पर, उनका लक्ष्य और सपना कुछ और ही था। नौकरी छोड़कर उन्होंने बिना कोचिंग लिए सेल्फ स्टडी की और 2016 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी और उत्तीर्ण हुए।
लेकिन, तब कम रैंक मिलने के कारण उनका Allied Services में चयन हुआ। वे रक्षा मंत्रालय में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर काम कर रहे थे। लेकिन, दिल में कहीं न कहीं IAS बनने की चाह थी, तो 2018 में फिर UPSC में अपीयर हुए। इस बार उनकी इच्छा पूरी हो गई। उन्होंने 284 वीं रैंक पाकर सफलता हासिल की। श्यामवीर सिंह कहते हैं कि काम के साथ उन्होंने रोजाना 6 घंटे पढ़ाई की। उनका विवाह केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की बेटी फलित के साथ हुआ।
श्यामवीर के पिता सुरेश सिंह फौज में रहे हैं। वे कई साल तक जम्मू और कश्मीर में पदस्थ रहे। वे चाहते थे कि बेटा परिवार के लोगों से ज्यादा अच्छी नौकरी करे और फौजी से कुछ अलग बने। पिता की इच्छा और परिवार के संस्कारों और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए श्यामवीर सिंह ने पढ़ाई शुरू की। उन्हें IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग करने का मौका मिला। उन्होंने मैकेनिकल में इंजीनियरिंग की थी।
UPSC की तैयारी के समय उन्होंने करंट अफेयर्स पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। पढ़ाई के दौरान यह नहीं सोचा कि पास होंगे या नहीं! सिर्फ लक्ष्य हासिल तय किया कि ईमानदारी से मेहनत करना है।
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एक जमाना था जब भिंड और चंबल का इलाका डकैतों के लिए कुख्यात था। आज उस इलाके में डकैतों की कोई बात नहीं करता, बल्कि बात करता है तो युवा श्यामवीर की, जिन्होंने UPSC जैसी कठिन परीक्षा क्रैक करके IAS बनकर न सिर्फ इस चंबल की मिट्टी का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के नाम को आगे बढ़ाने के लिए अब वे कश्मीर जा रहे हैं। उम्मीद की जाना चाहिए कि वे जिस मिशन को लेकर कश्मीर जा रहे हैं, उसमें वे सफलता के सोपान रचें।