KISSA A IAS: बिना कोचिंग गांव में ही इंटरनेट सहारे ऐसे बने IAS!
ये एक ऐसे IAS ऑफिसर की कहानी है, जिनका बचपन मुश्किलों में बीता। यहां तक कि पढ़ाई करने के लिए उन्हें सड़क के किनारे लगे लैंप पोस्ट तक का सहारा तक लेना पड़ा था। लेकिन, उनकी मेहनत और प्रतिभा रंग लाई और आज वे सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC पास करके IAS ऑफिसर बन गए । ये IAS ऑफिसर हैं अंशुमन राज। ये उन प्रतिभाशाली युवाओं में से एक हैं जिन्होंने UPSC क्लियर करने के लिए कोई कोचिंग नहीं की। जबकि, सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को अक्सर दूसरे बड़े शहरों विशेषकर दिल्ली में जाकर पढ़ाई करते, महंगी किताबों और कोचिंग का सहारा लेते देखा जाता है। ऐसे बहुत कम छात्र होते हैं, जो कम साधन में ही देश के सबसे बड़ी परीक्षा को क्रैक कर जाते हैं। IAS अंशुमान राज का नाम भी ऐसे ही छात्रों में लिया जाता है।
अंशुमन राज का जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ। उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई गांव के नवोदय विद्यालय से की। जबकि, 12वीं की पढ़ाई जेएनवी रांची से हुई। 12वीं के बाद वे ग्रेजुएशन के लिए कोलकाता चले गए। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अपने गांव लौटने का फैसला किया और यहीं रहकर इंटरनेट की मदद से यूपीएससी की तैयारी शुरू की। उन्होंने कभी कोई कोचिंग नहीं की। उनके इस जज्बे को देखकर गांव के लोग हैरान थे। उन्हें लग रहा था कि अंशुमन का चयन इस तरह की तैयारी से नहीं हो पाएगा। लेकिन, अंशुमन को खुद पर भरोसा था कि उनका चयन होगा। उन्हें तीन बार असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन वे निराश नहीं हुए और धैर्य रखकर लगातार मेहनत करते रहे। अंशुमान को सिविल सर्विसेज एग्जाम में चौथे प्रयास में सफलता मिली।
उन्होंने शुरू से ही यूपीएससी क्लियर करने का मन बना रखा था। इसके लिए उन्होंने बिना कोचिंग के सेल्फ स्टडी जारी रखी। उनकी मेहनत ही थी कि उन्होंने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की। हालांकि, रैंक के मुताबिक, उन्हें IRS का पद मिला। IRS बनने के बाद भी अंशुमन ने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी और अपने चौथे प्रयास में 2019 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दोबारा पास की। इस बार अंशुमन की ऑल इंडिया रैंक 107 थी और उनका IAS बनने का सपना पूरा हुआ। अंशुमन राज को मध्य प्रदेश कैडर मिला है और अभी वे राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ में एसडीएम पद पर कार्यरत हैं।
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ये था अंशुमन का सक्सेस मंत्र
अंशुमन का कहना है कि गांव में रहकर भी यूपीएससी की तैयारी संभव है। अंशुमान यूपीएससी की तैयारी के लिए कभी बड़े शहर में नहीं गए। अंशुमन का कहना है कि कड़ी मेहनत के साथ स्मार्ट वर्क बेहद जरूरी है। सीमित किताबों के साथ तैयारी करनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर इंटरनेट का सहारा जरूर लें। उनके मुताबिक आज के दौर में हर जरूरी चीज आपको इंटरनेट पर मिल जाएगी, चाहें आप गांव में हों या शहर में हों। वे सफलता के लिए स्मार्ट वर्क को काफी जरूरी मानते हैं। उनकी कहानी और उनके दिए टिप्स लाखों छात्रों के लिए प्रेरणादायक है। उनका मानना है कि सीमित संसाधनों के साथ भी अगर सही तरीके से तैयारी की जाए तो यूपीएससी क्रैक करके IAS बना जा सकता है।
सुरेश तिवारी
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