Kissa-A-IAS: Unique Example Of Bureaucracy: 5 साल IPS, फिर मां की इच्छा पूरी करने के लिए बने IAS
मध्यप्रदेश कैडर के एक IAS अधिकारी इन दिनों अपने पारिवारिक कारणों से चर्चा में हैं लेकिन हम यहां उनके उन गुणों और प्रतिभाओं की कहानी बता रहे हैं जिसके कारण वे पहले IPS और 5 साल बाद IAS बने।
इसे प्रतिभाशाली नहीं, बल्कि उससे कुछ ज्यादा ही कहना पड़ेगा।
जो युवक 21 साल में IPS बन जाए और मां की इच्छा पूरी करने के लिए पांच साल बाद फिर UPSC clear करके IAS बन जाए! ऐसे व्यक्ति की योग्यता को सामान्य से ज्यादा ही माना जाएगा।
मध्यप्रदेश कैडर के IAS मोहित बुंदस (Mohit Bundas) ही वे व्यक्ति हैं, जिन्होंने यह कमाल किया है। संभवतः यह देश में अकेला उदाहरण है, जब किसी ने IPS के 5 साल बाद IAS किया हो।
मोहित बुंदस ने जीवन में बहुत संघर्ष किया और उसी का प्रतिफल है कि वे प्रशासनिक सेवा की शिखर सेवा के लिए चयनित हुए। फ़िलहाल वे भोपाल में राज्य शासन के मंत्रालय में वन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी पद पर कार्यरत हैं।
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जब मोहित के पिता का निधन हुआ, तब वे 10 साल के थे। कुछ दिनों बाद एक्सीडेंट में बड़े भाई को भी उन्होंने खो दिया। इसके बाद पूरा परिवार बिखर गया।
उनकी मां ने चारों भाई-बहनों को बहुत संघर्ष के साथ पाला और इस लायक बनाया। यही कारण है कि वे अपने जीवन में मां को बहुत मानते हैं और भगवान की तरह पूजते हैं।
उनका कहना है कि मैं अपने दिन की शुरुआत मां का चेहरा देखकर करता हूं। बुंदस मां के बिना नहीं रह सकते, इसलिए मां उनके साथ रहती है। मोहित भगवान से पहले अपनी मां को समझते हैं।
मूल रूप से जयपुर का रहने वाला बुंदस परिवार के संघर्ष की अलग ही दास्तान है। मोहित 21 साल की उम्र में UPSC पास करके IPS बने थे।
2006 से 2011 तक झारखंड कैडर में IPS अधिकारी रहे। लेकिन, उनकी मां चाहती थी कि बेटा कलेक्टर बने। मां की इच्छा के आगे मोहित के लिए यह करने को भी तैयार हुए और फिर से UPSC की तैयारी की।
2011 में मोहित बुंदस का चयन IAS में हो गया और उन्हें MP कैडर मिला।
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पिछले 11 साल से वे मध्य प्रदेश में पदस्थ हैं और फिलहाल वन विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाइ दी। IAS रहते हुए भोपाल में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
प्रशिक्षण के समय वे भोपाल में एसडीएम रहे। छतरपुर और डिंडोरी में कलेक्टर भी रह चुके हैं।
इसके अलावा मोहित बुंदस के जीवन की कुछ खट्टी-मीठी यादें भी हैं। उन्होंने अपने कलेक्टर वाले कार्यकाल में कुछ ऐसे काम किए जिन्हें आज भी वहां के लोग याद करते हैं।
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जब वे छतरपुर कलेक्टर थे, वहां एक युवती ने जन सुनवाई के दौरान इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी थी। यह बात साल 2019 की है।
अक्टूबर के महीने में छतरपुर जिले में जब जन सुनवाई चल रही थी, वहां एक महिला पहुंची और कलेक्टर को एक आवेदन दिया।
महिला के आवेदन को देखकर मोहित चौक गए। दरअसल, इस महिला ने इच्छा मृत्यु का आवेदन दिया था। महिला से जब पूछा गया कि आखिर वो मरना क्यों चाहती हैं! तब उसने बताया कि वो राजनगर की रहने वाली हैं।
उसने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए आवेदन दिया था, पर उनका चयन नहीं हो सका, इसके बाद वो जीना नहीं चाहती।
महिला की यह बात सुनकर कलेक्टर मोहित बुंदस सारा काम छोड़कर उस महिला के घर गए और उसे अपनी मां के संघर्ष की दास्तान सुनाई और समझाया कि यदि उनकी मां भी हार मान लेती तो मैं कलेक्टर कैसे बनता! इसके बाद उस महिला का मन बदल गया।
लेकिन, एक घटना ऐसी भी है जब छतरपुर के कुछ विधायकों ने उनके खिलाफ मुख्यमंत्री को शिकायत की थी कि उन्हें जिले से हटाया जाए, क्योंकि वे उनकी नहीं सुनते और न फील्ड में जाते हैं।
यह सब इसलिए हुआ कि काम की व्यस्तता के कारण मोहित बुंदस कुछ विधायकों को मिलने का समय नहीं दे पाए थे।
जहां तक नहीं सुनने की बात है, तो निश्चित रूप से उन्हें कोई ऐसा काम करने के लिए कहा जा रहा होगा, जो उचित नहीं होगा। ये मामला क्षेत्र में काफी चर्चित रहा था।
हाल ही में एक और मामले में वे चर्चा में आए। मामला यह है कि उनकी IRS पत्नी शोभना मीणा जो खुद भी IRS हैं, उन पर दहेज़ प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
उन्होंने बकायदा महिला थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। मोहित बुंदस के साथ उनकी मां पुष्पा बुंदस और दो बहनों पर भी प्रताड़ना के आरोप लगाए गए। पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच की जा रही है।
IRS शोभना मीणा ने अपनी शिकायत में लिखा कि जब वे अपने ऑफिस में थीं, तभी दोपहर मोहित वहां आए और उनके साथ अभद्रता की। दोनों की शादी 2012 में हुई थी और इनका एक बेटा भी है।
जो भी हो, यह उनका व्यक्तिगत मामला है। हम इसके बारे में कुछ लिखना नहीं चाहते।
हम सिर्फ यह कह सकते हैं कि मोहित एक ब्रिलियंट और प्रतिभाशाली आईएएस अधिकारी हैं और आने वाले समय में वे अपनी प्रतिभा के माध्यम से प्रशासन के क्षेत्र में कुछ नया करने के इच्छुक भी दिखाई देते हैं।
सुरेश तिवारी
MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।