Kissa-A-IAS:Anamika Ramesh Meena: पिता के नक्शे कदम पर चल बेटी बनी IAS !
अकसर देखा या सुना जाता है कि बेटा अपने पिता के नक्शे कदम पर चला। लेकिन, ऐसा बहुत कम सुना या देखा होगा कि बेटियों ने पिता के नक्शे कदम पर चलकर सफलता हासिल की। ऐसी ही कहानी 2019 की यूपीएससी की परीक्षा में 116वीं रैंक हासिल करने वाले अनामिका रमेश मीणा की है। वह अपने पिता रमेश मीणा की तरह प्रतिष्ठित संस्थानों से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद यूपीएससी सिविल परीक्षा पास करके IAS ऑफिसर बन गई। खास बात ये भी कि सिर्फ अनामिका ने ही नहीं उनकी छोटी बहन अंजली मीणा ने भी उसी साल यूपीएससी क्लियर की है। राजस्थान के दौसा के रहने वाले इस परिवार में आज पिता समेत 3 IAS अधिकारी हैं। लेकिन, यहां फ़िलहाल बात अनामिका मीणा की।
अनामिका ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) तिरुचि से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा में कदम रखने का फैसला किया। क्योंकि, निजी क्षेत्र में काम करते हुए अनामिका ने महसूस किया कि वे समाज पर अपेक्षित सकारात्मक प्रभाव नहीं डाल पा रही हैं। अनामिका लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव लाना चाहती थी। इसलिए उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू की। वह वर्ष 2017 में कोचिंग के लिए दिल्ली आ गई और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।
*पिता के संघर्ष से ली प्रेरणा*
अनामिका के पिता रमेशचंद मीणा ने तीसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और उनकी सफलता ने बेटी को प्रेरित किया। अनामिका ने अपने चौथे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 116 पाई। वे वर्ष 2019 बैच की तमिलनाडु कैडर की IAS अधिकारी हैं। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने खुद पर विश्वास बनाए रखा और कड़ी मेहनत की। अनामिका का मानना है कि सिविल सेवा की तैयारी एक कठिन प्रक्रिया है। लेकिन, लगातार प्रयास और धैर्य से इसे पार किया जा सकता है। उनके पिता आईआईटी-दिल्ली से पढ़ाई की है और वर्तमान में तमिलनाडु के खेल विकास प्राधिकरण (एसडीएटीएन) के सदस्य सचिव हैं।
*_निजी कंपनी से सिविल सेवा में_*
अनामिका सिविल सेवा में जाने से पहले एक प्राइवेट कंपनी में सेल्स मार्केटिंग कंपनी में बतौर इंटर्न काम किया। लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार इसके बाद वह ईवाई में ट्रांसजेक्शन एडवाइजरी सर्विस में एसोसिएट के तौर पर काम किया। IAS बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर हुई। इसके बाद नीति आयोग में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर काम किया। बाद में वह तमिलनाडु के चेय्यार में सब कलेक्टर, चुनाव आयोग में नेशनल लेवल मास्टर ट्रेनर रही। वर्तमान में वे चैंगलपट्टू जिले की एडिशनल कलेक्टर हैं।
*दो बहनें आईएएस बनी तो पूरा गांव झूमा*
जब रमेश चंद मीणा की दो बेटियां एक साथ यूपीएससी क्रेक करके IAS अधिकारी बनी, तो राजस्थान के दौसा जिले की सिकराय उपखंड के गांव खेड़ी रामला का माहौल देखने वाला था। जब दोनों सगी बहनें एक साथ आईएएस बनकर पहली बार अपने पैतृक घर आई तो ग्रामीणों ने उनके स्वागत सत्कार में पलक पावड़े बिछा दिए। डीजे पर पूरा गांव जमकर नाचा। अनामिका मीणा ने 116 व अंजलि मीणा ने 494 रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा क्रैक की। अनामिका मीणा व अंजलि मीणा अपने परिवार में दूसरी व तीसरीIAS हैं। इनके पिता रमेश चंद्र मीणा तमिलनाडु कैडर के आईएएस हैं। पिता की पोस्टिंग तमिलनाडु में होने के कारण दोनों का बचपन वहीं पर बीता।