Kissa-A-IPS : हेड कांस्टेबल की IPS बेटी की DGP रहे नेता से भिड़ंत! 

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Kissa-A-IPS : हेड कांस्टेबल की IPS बेटी की DGP रहे नेता से भिड़ंत! 

 

कोई महिला IPS किसी बड़े नेता या किसी समय प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी यानी DGP रहे अधिकारी से भिड़ंत करे तो आश्चर्य होना स्वाभाविक है। ये IPS है बिहार कैडर की स्वीटी सहरावत (Sweeti Sahrawat) जिन्हें पूर्व राज्यपाल, पूर्व सांसद और पूर्व DGP निखिल कुमार (Nikhil Kumar) का शिकायत लेकर उनके घर आना रास नहीं आया। तब औरंगाबाद में ACP पद पर कार्यरत इस युवा महिला IPS ने उनसे साफ कहा कि ये मेरा घर है, आपको कोई शिकायत हो, तो दफ्तर आइए। दोनों के बीच इस झड़प का वीडियो वायरल हो गया। पूर्व राज्यपाल,नेता और पूर्व DGP को यह रास नहीं आया। परिणाम वही हुआ जो ऐसे मामले में होता आया है। दस दिनों में ही स्वीटी सहरावत को औरंगाबाद से रुखसत होना पड़ा। उनका तबादला पटना कर दिया गया।

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UPSC की परीक्षा में भाग लेने वाले सामान्य से तो अलग होते हैं। यही कारण है कि उनकी सफलता की कहानियां भी सबसे अलग होती है। यूपीएससी क्लियर करने वाले हर व्यक्ति के संघर्ष की अपनी ही दास्तां होती है। इन कहानियों को सुनकर ही जीवन में मेहनत करने और लक्ष्य पाने की प्रेरणा मिलती है। ऐसी ही एक प्रेरणाभरी दास्तान है स्वीटी सहरावत की, जिन्होंने संघर्ष के बाद वो मुकाम हासिल किया, जो उनके स्वर्गीय पिता का सपना था। स्वीटी के पिता का सपना था कि उनकी बेटी IAS ऑफिसर बने। पिता दले राम दिल्ली पुलिस में बतौर हेड कांस्टेबल काम करते थे। 2013 में एक सड़क हादसे में उनकी मृत्यु गई थी।

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स्वीटी के पिता तो नहीं रहे, लेकिन बेटी ने अपने पिता का सपना पूरा करने का निश्चय किया। बाद में घर की आर्थिक जिम्मेदारी में हाथ बंटाने के लिए स्वीटी ने ग्रेजुएशन पूरी की और जॉब शुरू कर दी। इसके साथ ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन नौकरी करने की वज़ह से वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रही थीं। फिर कुछ समय बाद स्वीटी ने जॉब भी छोड़ दी थी। स्वीटी ने पूरा ध्यान पढ़ने में लगाया। स्वीटी डिजाइन इंजीनियर थीं। उन्होंने अपना काम छोड़कर UPSC की तैयारी कर परीक्षा दी। इस मेहनत का फल उन्हें मिला और UPSC में ऑल इंडिया स्तर पर स्वीटी ने 187 रैंक के साथ सफलता पाई।

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स्वीटी का जन्म दिल्ली के रमजानपुर गांव में हुआ था। उनके जन्म के बाद परिवार हरियाणा के सोनीपत शिफ्ट हो गया था। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यहीं हुई। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक किया और डिजाइन इंजीनियर के तौर पर जॉब शुरू की। यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग के संबंध में स्वीटी का मानना है कि कुछ चीजें सीखने के लिए इसकी मदद ली जा सकती है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि कोचिंग करने के बाद ही कामयाबी मिलेगी। स्वीटी सहरावत ने भी यूपीएससी की कोचिंग ज्वाइन किया था. जिसे बाद में छोड़ दिया था.

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स्वीटी के भाई हरीश CISF में सब-इंस्पेक्टर हैं। वे कहते हैं कि पिताजी हमें IPS और IAS बनते देखना चाहते थे। लेकिन, हम उनका सपना पूरा कर पाते, उससे पहले ही उन्होंने इस दुनिया से विदा ले ली। उनके जाने के बाद का टाइम हमारे परिवार के लिए बहुत कठिन था। पिता की मृत्यु होने के एक साल बाद स्वीटी के भाई हरीश ने CISF ज्वाइन किया।

IPS स्वीटी सहरावत बिहार कैडर की अधिकारी हैं। वर्तमान में वे पटना में एसएसपी है। इससे पहले वे औरंगाबाद में सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के रूप में तैनात थीं, पर एक विवाद के बाद उनका पटना तबादला कर दिया गया। इस वजह से स्वीटी सहरावत इन दिनों चर्चा में हैं। उनका केरल के पूर्व राज्यपाल और सेवानिवृत्त IPS अधिकारी पूर्व DGP निखिल कुमार के साथ झड़प का एक वीडियो वायरल हुआ था। निखिल कुमार शहर में चोरी के बढ़ते मामलों के बारे में कई लोगों की शिकायत लेकर ASP के आवास पर गए।

जब वे दानी बिगहा स्थित उनके आवास पर पहुंचे, तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें इंतजार करने के लिए कहा। क्योंकि, वे घर पर थीं। उसने उसे कार्यालय में मिलने के लिए कहा। बार-बार अनुरोध के बाद आखिरकार एएसपी पूर्व राज्यपाल से मिलने के लिए तैयार हुई। वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया को दो हिस्सों में बांट दिया है. कुछ लोग स्वीटी सहरावत का समर्थन करते हुए कह रहे हैं कि उन्हें अपने आवास पर निजता का अधिकार है। जबकि, दूसरे पक्ष वाले लोगों का दावा है, कि पुलिस अधिकारियों या लोक सेवक चौबीसों घंटे अपनी ड्यूटी पर रहते है। उन्हें सम्मानजनक तरीके से घर पर मिलने में कोई दिक्कत नही होनी चाहिए।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।