KISSA-A-IPS : ‘हंटरवाली’ मैडम जो अब गालीबाजी के लिए चर्चा में!
इन दिनों बिहार के दो बड़े अधिकारी देशभर में चर्चा में हैं। पहले चर्चा में आए सीनियर IAS केके पाठक और अब हैं IPS अधिकारी शोभा अहोतकर। ख़ास बात ये कि दोनों के चर्चित होने के पीछे एक ही कारण है अपने मातहतों को गालियां देना। केके पाठक पुरुष हैं इसलिए समझा जा सकता है कि काम के तनाव में वे यह सब करते रहे होंगे! लेकिन, महिला आईपीएस शोभा अहोतकर ने जो किया वो वास्तव में आश्चर्यजनक ही माना जाएगा।
बिहार होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज की डीजी शोभा अहोतकर ने उनके ही विभाग के सीनियर आईपीएस अधिकारी विकास वैभव को गालियां दी। बाद में विकास वैभव ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा शेयर की, जिसके बाद बवाल मचा। 1990 बेच की तेजतर्रार आईपीएस अधिकारियों में शुमार शोभा अहोतकर अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। एक बार फिर वो चर्चा में आ गई हैं। चर्चा में क्यों है, ये बात आपको बताएंगे, उससे पहले आप ये जानिए कि आखिर क्यों अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं।
दो साल पहले दिसंबर में बिहार पुलिस के नाम नया रिकॉर्ड जुड़ा, जब पहली बार राज्य पुलिस में कोई महिला महानिदेशक (DG) बनाई गई। सामान्यतः जब कोई महिला पुलिस अधिकारी बनती है, तो उसके बारे में लोगों की धारणा पुरुषों से अलग होती है। क्योंकि, अपराधियों को काबू में करने के लिए पुलिस को वो सबकुछ करना पड़ता है, जो पुरुष अधिकारियों के लिए आसान होता है। लेकिन, शोभा अहोतकर ने इस धारणा खंडित कर दिया। अपनी पहली पोस्टिंग से अभी तक वे जहां भी रहीं, उनका खौफ बना रहा।
उनकी पहली पोस्टिंग पटना में हुई। 22 साल की उम्र में पुलिस फोर्स जॉइन करने वाली शोभा अहोतकर की पहली पोस्टिंग पटना सिटी में एएसपी के तौर पर हुई थी। उस वक्त पटना में आए दिन वारदात होती थी। पुलिस के सामने क्राइम को क्राइम कंट्रोल करना एक बड़ी चुनौती थी। जब शोभा अहोतकर ने चार्ज संभाला तो उन्होंने अपराधियों में खौफ पैदा करने का फैसला किया। उस वक्त जो अपराधी पकड़े जाते, उनकी हंटर से जमकर पिटाई करती। फील्ड में जब वे बुलेट पर सवार होकर शोभा निकलती तो झुंड में खड़े लड़के भाग जाते थे। शोभा अपने साथ हंटर रखती थीं। इस वजह से बिहार में लोग उन्हें ‘हंटर वाली’ मैडम कहने लगे। शोभा अहोतकर की जहां भी पोस्टिंग हुई, वहां उन्होंने लोगों के दिलों पर राज किया। अपराधी इनके नाम से कांपते थे और अपराध करने से पहले 100 बार सोचते थे। धीरे-धीरे वे पूरे बिहार में ‘हंटर वाली’ के नाम से फेमस हो गईं।
महिला आईपीएस का काम आसान नहीं होता। इसलिए उनके संघर्ष के बारे में हर कोई जानना चाहता है। हर किसी को उनके संघर्ष की कहानी जानकर अच्छा भी लगता है और प्रेरणा भी मिलती है। अगर कोई महिला पुलिस की नौकरी में आती है, तो कैसे जॉब किया जाता है? सीमित संसाधनों में कैसे अपराध और अपराधियों पर नकेल कसा जाता है! इसका जीता जागता उदाहरण हैं आईपीएस अधिकारी शोभा अहोतकर। महाराष्ट्र में जन्मी अहोतकर बिहार की पहली महिला महानिदेशक हैं। वे कई बार कह चुकी हैं कि मैं जन्म से मराठी, शिक्षा से हैदराबादी और मन से बिहारी हूं।
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महाराष्ट्र में जन्मी शोभा अहोतकर की पढ़ाई हैदराबाद में हुई। यहीं से उन्होंने 1989 में राजनीति विज्ञान से मास्टर डिग्री की। इस दौरान वे यूपीएससी की तैयारी भी करती रही थीं। अहोतकर के पिता बलराम अहोतकर हैदराबाद में एक्साइज कमिश्नर थे। उनका सपना था कि उनकी बेटी पुलिस फोर्स जॉइन करे, फिर उसे किसी भी राज्य में सर्विस क्यों न करना पड़े। जब शोभा अहोतकर ने 1990 में यूपीएससी क्रेक की तो पिता बेहद खुश हुए। शोभा अहोतकर को बिहार कैडर मिला।
सैक्स स्कैंडल सुलझाया
2006 में डेप्यूटेशन पर शोभा अहोतकर अपने गृह राज्य महाराष्ट्र पहुंच गई। उनकी पोस्टिंग अहमद नगर में एसपी के तौर आर्थिक अपराध शाखा में हुई थी। उस वक्त अहमद नगर में एक बड़ा सेक्स स्कैंडल केस हुआ था, जिसमें दो नाबालिग लड़कियों का बलात्कार हुआ था। इस केस में काफी बड़े और पावरफुल लोग थे। शोभा अहोत्कर ने मामले की जांच शुरू की और 26 लोगों को गिरफ्तार किया। इस केस की जांच पूरी करते हुए शोभा अहोतकर ने 90 दिन के अंदर सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। महाराष्ट्र के इस चर्चित केस को हल करके शोभा अहोतकर ने अपनी काबिलियत दिखाई। इसके बाद उन्हें 2015 में डेप्यूटेशन पर दिल्ली बुला लिया गया। यहां उन्होंने एयर इंडिया में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सिक्योरिटी के पोस्ट पर काम किया। दिल्ली में पांच साल काम करने के बाद 2020 में वापस बिहार बुला लिया गया। राज्य सरकार ने शोभा अहोतकर का प्रमोशन कर होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज की डीजी बना दिया।
सड़क पर आरोपी की पिटाई
शोभा अहोतकर जब पटना सिटी की एएसपी थी तब एक नाबालिग बच्ची के अपहरण के मुख्य अभियुक्त को पकड़कर बीच सड़क पर पिटाई की थी। इस मामले में 2 घंटे के अंदर ही नाबालिग बच्ची को बरामद कर लिया गया था। उस समय भी पटनावासियों की नजर में शोभा अहोतकर की कड़क छवि बनी। जब वे देवघर में एएसपी के पद पर तैनात थी, तब उनका नाम एक ‘हंटरवाली’ पुलिस अधिकारी के रूप में विख्यात हुआ। शोभा अहोतकर का मानना है कि पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। किसी भी महकमे में अनुशासन लाने के लिए कड़ा रुख अपनाना ही पड़ता है। इस महिला आईपीएस अधिकारी को इस बात पर पूरा यकीन है कि कड़ा रुख अख्तियार करने पर लोग नियम कायदे का फॉलो करते हैं।