सीरीज जीतने पर होगी कीवी टीम की नजर
हैमिल्टन
भारतीय टीम रविवार को हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला खेलने उतरेगी। पहला मैच 7 विकेट से गंवाने के बाद टीम इंडिया के लिए यह ‘करो या मरो’ की जंग होगी। इस बार टीम को उम्मीद होगी फिर से कप्तान शिखर धवन और युवा शुभमन गिल की ओपनिंग जोड़ी से। पहले मुकाबले में 124 रनों की पार्टनरशिप करने के बाद देखना होगा सेडन पार्क के तीनों ओर से खुले मैदान पर यह जोड़ी क्या करती है।
हैमिल्टन का यह मैदान न्यूजीलैंड में बल्लेबाजों के लिए सबसे मददगार मैदानों में से एक है। यहां का ग्राउंड डाइमेंशन और पिच दोनों ही बल्लेबाजों के मददगार रहती है। ईडन पार्क जैसे छोटे मैदान पर भारत का पहले खेलते हुए सात विकेट पर 306 रन का स्कोर करीब 40 रन कम रह गया था। गेंदबाजों ने महज 47 ओवर में ही ये रन गंवा दिए और कीवी टीम के सिर्फ तीन विकेट ही गिरे। जिससे जिम्मेदारी फिर मेन बल्लेबाजों पर ही आ जाती है क्योंकि अगर वाशिंगटन सुंदर ने शानदार योगदान नहीं दिया होता तो भारत 300 रन के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच पाता। यह काफी हद तक पहले पॉवरप्ले में धवन और गिल की बेहद धीमी बल्लेबाजी से ही हुआ।
यहां पर मैदान के मुताबिक रन नहीं बने थे। भारतीय टीम लगातार शुरुआती ओवरों में अटैक करने के मामले में पिछड़ रही है। वो चाहें टी20 हो या वनडे दोनों फॉर्मेट में ऐसा ही दिखा है। ऑकलैंड में टीम पहले पावरप्ले के 10 ओवरों में कम से कम 40 रन से पिछड़ी। एक और आंकड़े से भारतीय शीर्ष क्रम बल्लेबाजों के सीमित ओवर के प्रारूप में रवैये का पता चलता है (इसमें सिर्फ रोहित शर्मा, केएल राहुल या विराट कोहली ही शामिल नहीं हैं)। धवन और गिल ने शुरुआती ओवरों में काफी डॉट बॉल खेलीं।
आजकल भारतीय टीम में काफी कम्पटीशन है। पारी का आगाज करने के लिए ही इतने सारे खिलाड़ी मशक्कत कर रहे हैं तो यह निहायत ही जरूरी है कि, खिलाड़ी तेजी से रन बनाएं ताकि 50 ओवर के विश्व कप से तीन या चार महीने पहले नया अंदाज देखने को मिले। धवन निश्चित रूप से अगले महीने बांग्लादेश में रोहित के साथ पारी का आगाज करेंगे और कोई गारंटी नहीं है कि शुभमन अंतिम 11 में अपना स्थान बरकरार रख पाएंगे। क्योंकि रोहित सलामी बल्लेबाज के तौर पर वापसी करेंगे। केएल राहुल मध्यक्रम में सूर्यकुमार यादव (अगली श्रृंखला के लिए आराम दिए जाने पर) का स्थान ले सकते हैं।
ऋषभ पंत पर लटकी तलवार!
टी20 इंटरनेशनल की तुलना में वनडे में ऋषभ पंत का स्ट्राइक रेट और औसत काफी बेहतर है लेकिन इस सीरीज के उपकप्तान पंत को और अधिक निरंतर रहने की जरूरत है। लगातार उनका बल्ला खामोश है और विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर संजू सैमसन व ईशान किशन से उन्हें कांटे की टक्कर भी मिल रही है। ईडेन पार्क की पिच पर भारतीय तेज गेंदबाजों ने काफी कम गेंदबाजी की है। उन्हें टॉम लैथम और केन विलियमसन से मुकाबला करने के लिए तरीका ढूंढने की जरूरत है। ये दोनों खिलाड़ी इस फॉर्मेट में भारत के खिलाफ काफी निरंतर रहे हैं।
गेंदबाजी पर देना होगा ध्यान, टॉस भी होगा अहम
उमरान मलिक 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने में प्रभावी रहे, अर्शदीप सिंह स्विंग हासिल करने की काबिलियत के बावजूद जूझते दिखे। शार्दुल ठाकुर भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। टॉस भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि सेडन पार्क पर शाम होते-होते बल्लेबाजी करना आसान हो जाता है। अगर भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करती है तो उनके लिए अच्छा होगा क्योंकि स्पिनरों को शाम में ओस की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। देखना होगा कि युजवेंद्र चहल की जगह कुलदीप यादव को आजमाया जाता है या नहीं। साथ ही छठे गेंदबाजी विकल्प पर भी नजरें होंगी।