भोपाल: मध्यप्रदेश में इन दिनों सूचना आयुक्त बनने के लिए कई अधिकारी, जजेस, पत्रकार और अन्य कई लोग लाइन में लगे हैं।
दरअसल राज्य शासन द्वारा इस पद लिए के लिए विधिवत एक विज्ञापन जारी किया गया था और इस विज्ञापन के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों के कोई 121 लोगों ने सूचना आयुक्त बनने के लिए आवेदन किया है।
मुश्किल यह है कि केवल 3 पदों के लिए ही सूचना आयोग ने राज्य शासन को पत्र लिखा है हालांकि फिलहाल चार पद रिक्त हो गए हैं इसलिए 4 पद भी भरे जा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार पूर्व IAS राजकुमार माथुर, रिटायर्ड डीजीपी और पूर्व आईपीएस सुरेंद्र सिंह, पूर्व IAS डीपी अहिरवार और पूर्व IFS गोला कृष्णमूर्ति सूचना आयुक्त पद से इन्हीं दिनों रिटायर हुए हैं। इस प्रकार कुल 4 पद रिक्त बताए जा रहे हैं हालांकि सूचना आयोग ने तीन ही रिक्त पद की सूचना सरकार को दी है।
देखना अब दिलचस्प होगा कि जिन 121 महत्वपूर्ण लोगों ने इस पद के लिए आवेदन किया है उनमें से कौन तीन या चार का भाग्य चमकेगा।
सूत्रों की माने तो रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव केके सिंह का चयन लगभग तय माना जा रहा है। इसी के साथ वर्तमान प्रमुख सचिव गोपाल श्रीवास्तव और रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसायटी आईएएस अधिकारी नरेश पाल के नाम पर भी मुहर लग सकती है। यह दोनों अभी अहम पदों पर हैं और माना जा रहा है कि चर्चा करने के बाद ही इन्होंने आवेदन किया है।
पत्रकार कोटे से शायद ही इस बार किसी का नंबर लगे क्योंकि वर्तमान में विजय मनोहर तिवारी और राहुल सिंह दो पत्रकार पूर्व से ही इस पर पर पदस्थ हैं। ऐसे में तीसरे पत्रकार का चयन मुश्किल ही दिखाई देता है। हालांकि भाजपा के पूर्व प्रवक्ता और नेता दीपक विजयवर्गीय भी इस दौड़ शामिल बताए जा रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन 121 लोगों ने इस पद के लिए आवेदन किए हैं उनमें कई IAS,IPS, जजेस, पत्रकार और अन्य लोग शामिल हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि इन लोगों में से बाजी किसके हाथ लगती है।
माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान सूचना आयुक्त के लिए दिए गए आवेदनों को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हो सकती है। इस बैठक में प्रतिपक्ष के नेता भी शामिल होते हैं।
मीडियावाला को अपने स्तोत्र से 121 आवेदकों की सूची प्राप्त हो गई है। हम यहां पूरी सूची दे रहे हैं:
प्राप्त जानकारी के अनुसार MP सूचना आयोग की सरंचना अनुसार मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा 10 सूचना आयुक्त के पद का प्रावधान हैं लेकिन बताया जाता है कि स्थान अभाव के कारण कभी भी इतने पद भरे नहीं जा सके।
बताया गया है कि सूचना आयोग का भवन इसी सरंचना को लेकर बनाया गया है लेकिन उसका एक फ्लोर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को आबंटित है और उन्हीं के कब्जे में हैं।
सूचना आयोग एक और समस्या से जूझ रहा है वह है स्टाफ की कमी। तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर आए स्टाफ के अलावा, स्टाफ नहीं होने से सूचना आयुक्त हमेशा परेशान रहते हैं।
उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इस ओर भी ध्यान देगी।