Kolkata : कैश कांड अब नए रूप लेता जा रहा है। पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ED ने 50 करोड़ से ज्यादा की रकम जब्त की। अब ED के रडार पर इन दोनों के 11 बैंक अकाउंट हैं। इन अकाउंट्स में 8 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा है। इसमें से 2.5 करोड़ को डेबिट फ्रीज कर दिया गया है। ED ने अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर छापेमारी की। ED लंबे समय से पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का कनेक्शन खंगालने में लगी थी।
पार्थ चटर्जी के पांच बैंक अकाउंट हैं। ये दो सरकारी बैंकों और एक प्राइवेट बैंक में हैं। 2021 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के मुताबिक उनके अकाउंट में 60 लाख रुपए हैं। सूत्रों का कहना है कि कुछ दस्तावेजों से ही चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की करीबी के बारे में पता चला। अधिकारियों को चटर्जी की कुछ इंश्योरेंस पॉलिसी के पेपर मिले थे जिसमें मुखर्जी का नाम नॉमिनी में डाला गया था। इसके अलावा बोलपुर में उन्होंने 2012 में एक मकान खरीदा था जिसके कागजात भी ED के हाथ लगे थे।
मुखर्जी के वकील का कहना है कि जिन कागजों की बात ED कर रही है, उन पर उन्हें संदेह है। इनकी जांच होनी चाहिए। चटर्जी ने 2021 के एफिडेविट में एक 25 लाख की LIC पॉलिसी की जिक्र किया था। इसके अलावा और कोई जानकारी नहीं दी गई थी। बोलपुर की संपत्ति की रजिस्ट्री 2012 में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट सब रजिस्ट्रार के सामने हुई थी। उसपर मुखर्जी और चटर्जी दोनों ने ही साइन किए थे। मुखर्जी ने अपना एड्रेस टावर II फ्लैट 1ए, डायमंड सिटी साउथ बताया था। वहीं चटर्जी ने अपना पता खानपुर रोड, नकताला बताया था।
हलफनामे में दी गलत जानकारी
दोनों ने मिलकर 20 लाख रुपये में दो मंजिला मकान खरीदा था। इसके दस्तावेजों में दोनों को फोटोग्राफ और अंगूठे के निशान भी लगे थे। इस प्रॉपर्टी के आसपास रहने वालों का कहना है कि दोनों ही वहां आते-जाते रहते थे। एक शख्स ने यह भी बताया कि उसने कॉम्प्लेक्स में चटर्जी की गाड़ी भी देखी थी। हालांकि एफिडेविट में चटर्जी ने इस प्रॉपर्टी का जिक्र ही नहीं किया था। उन्होंने केवल खानपुर के फ्लैट और नेताजी नगर की दुकान की जानकारी दी थी।