Kolkata Doctor Rape and Murder Case : देश की 100 वूमन एचीवर्स द्वारा “सवाल स्त्री अस्मिता के” विषय पर परिसंवाद आयोजित
विभिन्न राज्यों की कोई 25 विषय विशेषज्ञ महिलाओं ने अपने विचार व्यक्त किए
भोपाल: कोलकाता की लेडी ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और क़त्ल के खिलाफ और इन्साफ के लिए भारत की सशक्त महिलाओं के समूह 100 वूमन एचीवर्स और प्रतिष्ठा ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में “सवाल स्त्री अस्मिता के” विषय पर ऑनलाइन परिसंवाद आयोजित किया गया।
इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों की कोई 25 विषय विशेषज्ञ महिलाओं ने जुड़ कर अपनी बात रखने के साथ ही इस घटना की भर्त्सना की और अपना आक्रोश व्यक्त किया। कार्यक्रम के आरम्भ में ट्रेनी डॉक्टर को मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई .
परिसंवाद में विषय प्रवेश करते हुए आयोजक एवं संचालक- मीडियावाला न्यूज़ पोर्टल की एडिटोरियल चीफ सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ .स्वाति तिवारी ने कहा युग बदल गया ,परिस्थितियाँ बदल गई लेकिन स्त्री की दुनिया वहीं की वहीं है ..एक दुर्घटना हजारों लड़कियों को 100 साल पीछे धकेल देती है . इस देश में द्रोपदी के चिर हरण से लेकर बसमतिया ,भंवरी बाई ,अरुणा शानबाग , मनीपुर की स्त्रियाँ ,निर्भया और अब कोलकत्ता की डॉक्टर इस श्रृंखला में स्त्री की अस्मिता हर बार तार तार हुई है वह कहाँ सुरक्षित है?
एक डॉक्टर अगर अपने कार्य स्थल एक हॉस्पिटल तक में सुरक्षित नहीं है तो सवाल यह है कि व्यवस्थाओं में ,कानून में ,समाज में ,संस्थानों में वे कौन से लूप होल हैं जो इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं और अपराधी को बचा कर निकाल लेते हैं . उन्होंने इस विषय पर भूमिका के साथ वे तमाम सवाल उठायें जो स्त्री के साथ अपराध से जुड़े हैं .क्या आज भी जब दुनिया चाँद पर पंहुच रही है वही समाज में स्त्री अब भी एक देह मात्र समझी जाती है .
मध्य प्रदेश में रतलाम क्षेत्र की स्त्री रोग विशेषज्ञ 100 वूमन एचीवर पद्मश्री डॉ.लीला जोशी ने कहा कि बच्चों में बचपन से ही सही जानकारी की शुरुआत होनी चाहिए उनमें जब तक अच्छे संस्कार और परंपराएं नहीं डाली जाएगी उनका व्यक्तित्व नहीं बन पाएगा बचपन का सही यह एक परमानेंट इंप्रेशन होता है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि यह स्थाई प्रभाव हम बच्चों पर बचपन से ही डालें.उन्होंने DHEERA अभियानकी जानकारी देते हुए कहा कि धीरा अभियान adolescents,both boys & girls के लिए है और इन्हें सही उम्र में सही शिक्षा देना है, ताकि महिला उत्पीड़न जड़ से नष्ट हो सके .
बता दे कि डॉ जोशी नेशनल सोसाइटी फेडरेशन ऑफ़ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेक सोसाइटीज़ ऑफ़ इंडिया के साथ मिलकर महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा के लिए भी काम कर रही हैं।
विकलांगों के लिए काम करने वाली संस्था आनंद सर्विस सोसाइटी की सह-संस्थापक और निदेशक 100 वूमन एचीवर मोनिका शर्मा पुरोहित ने कहा कि आज बच्चों को नैतिकता सीखने की बहुत जरूरत है। बच्चों के सशक्तिकरण के लिए वैल्यूस मोरालिटी सिखाई जाए। इंदौर की स्वच्छता का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह इंदौर की जनता में स्वच्छता के लिए जागरूकता पैदा हो गई है जो कि सतत प्रयास का परिणाम है इसी तरह बच्चों में भी संस्कार और संस्कृति के प्रति जागरूकता का पाठ सतत पढ़ाया जाए। एजुकेशन सिस्टम में भी बच्चों को यह सब सिखाया जाना बहुत जरूरी है,तभी लड़के और लड़कियों का भेद मिटेगा और लड़कियों के प्रति अपराध घटेंगे .
गुरुग्राम विश्वविद्यालय, गुरुग्राम में गणित विभाग में सहायक प्रोफेसर 100 वूमन एचीवर डॉ. रेणु चुघ 100 वूमन एचीवर ने कहा कि यौन उत्पीड़न अक्षम्य अपराध है जिसे समाज से हटाया जाना बेहद जरुरी है .
महिला रोगों के निदान हेतु समर्पित डॉ सुजाता संजय ने कहा कि इस तरह की जो घटनाएं हो रही है उसमें सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए कि आज भी वर्किंग प्लेस पर स्त्रियां असुरक्षित क्यों है?दरअसल हामरी शिक्षा प्रणाली में अभी बहुत कमियाँ है। हमारे यहाँ स्कूल कोलेज तक में बच्चों को सेक्स एजुकेशन का कोई प्रावधान नहीं हैं .बच्चों की जिज्ञासाएं उन्हें कुंठित कर देती हैं .और कई बार यह मनस्थिति अपराध की और धकेल देती हैं .
जैन परिषद और प्रतिष्ठा ग्रुप की सदस्य प्रभा जैन ने कहा कि स्त्रियों की सुरक्षा के लिए नए क़ानून लागू करने व बलात्कारी को तुरंत सजा का प्रावधान होना चाहिए। लड़कियों को सेल्फ़ डिफ़ेंस सीखना बहुत ज़रूरी लेकिन स्त्रियों पर हो रहे अत्याचार और बलात्कार के लिए कड़े नियम व कानूनों की बहुत ज़रूरत है. जिसने आरोपी को तुरंत सजा दी जाए।
अग्रणी सामाजिक उद्यमी और शिक्षाविद डॉ राधिके खन्ना ,लेखिका सुषमा व्यास ,सामाजिक कार्यकर्ता साधना शर्मा ,सेन्ट्रल जेल बडवानी की अधीक्षक डॉ .शैफाली तिवारी ,आयुर्वेदाचार्य डॉ हेतल आचार्य ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि महिलाओं को आत्म रक्षा के लिए स्कूल से ही सिखाया जाना चाहिए।सेल्फ डिफेन्स के कोर्स भारत के शिक्षा सिलेबस में शामिल किये जाने पर भी प्रकाश डाला गया।
‘अपराजिता सम्मान’ से सम्मानित गत्यात्मक ज्योतिष संगीता पुरी ,चित्रकार अनुराधा ठाकुर ,ने भी अपने विचार व्यक्त किये ,बंगाल की नीलिमा भट्टाचार्य इस घटना के बाद से सतत महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि वे अपने साथियों के साथ रोज ही धरना और प्रदर्शन के माध्यम से महिला अस्मिता के सवाल उठा रही है एवं अपराधी को कठोर से कठोर सजा की मांग कर रही है ,उनका कहना है कि जब तक दंड का स्वरुप भय पैदा नहीं करेगा अपराधो में कमी नहीं आएगी
पत्रकार, महिला, शांति और सुरक्षा विशेषज्ञ। पीस इनसाइट, लंदन, यूके के लिए भारत संवाददाता।, यूएसए में जोन बी. क्रोक इंस्टीट्यूट फॉर पीस एंड जस्टिस में महिला शांतिदूत फेलो आशिमा कौल ने कहा कि
मैं बस इतना कहना चाहती हूँ कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा शून्य में नहीं होती। इसमें कठोर पितृसत्ता मानदंड, जिसका हिस्सा महिलाएँ भी हैं, सामाजिक वातावरण, महिलाओं के शरीर को वस्तु के रूप में पेश करने का तरीका, राजनीतिक संरक्षण, गहरी जड़ें जमाए हुए भ्रष्टाचार, राजनीतिक-पुलिस-न्यायपालिका गठजोड़ शामिल हैं।
कई स्तरों पर काम करना होगा। हमें इस सामूहिक आवाज़ को बनाए रखने की ज़रूरत है। एक-दो मीटिंग से कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा। हमें इस मंच की दृश्यता और आवाज़ को बनाए रखना होगा।
अंतर्राष्ट्रीय आत्मरक्षा कोच, एशियाई ओलंपिक खेलों की क्वालीफायर,8 बार राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता, भारत की मय थाई बॉक्सिंग क्वीन ऋचा गौर ने कहा कि भारत में बालिकाओं की सुरक्षा के लिए आत्म रक्षा सिखाई जाना बेहद आवशयक है .और इसके लिए अभी तक सेल्फ डिफेन्स कोर्स नहीं हैं .
चित्रकार अनुराधा ठाकूर ने कहा कि9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ तीव्र निषेध !इसके बाद महाराष्ट्र के बदलापुर की घिनौनी घटना घटी.महिलाओं का बलात्कार और हत्या उनके पेशे, उम्र, क्षेत्र, धर्म या जाति की परवाह किए बिना एक व्यापक मुद्दा है। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं. हमें इस बात की चिंता है कि इससे पहले कि पूरी व्यवस्था सही मायने में इन मुद्दों पर ध्यान दे, कितनी और महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ेगी।
महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं:
1. *कानूनी सख्ती*: बलात्कार और हत्या के मामलों में त्वरित और कड़ी सजा का प्रावधान करना आवश्यक है। कानून को प्रभावी ढंग से लागू करना और न्यायिक प्रणाली को सुसंगठित करना चाहिए।
2. *सुरक्षा तंत्र*: सार्वजनिक स्थानों, जैसे कि बस स्टॉप, पार्क, और अन्य व्यस्त क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाना और सीसीटीवी कैमरों की संख्या में वृद्धि करना चाहिए।
आयुर्वेदाचार्य डॉ .हेतल ने कहा की जिस प्रकार माता सीता को अफर्ण के बाद भी रावण स्पर्श नहीं कर पाया था क्योंकि उनका ओरा इतना तेजस्वी था .ध्यात्मिक ऊर्जा से स्त्री अपना एक ओरा बनाना सीखे जो सुरक्षा कवच हो सके .उन्होंने चित्रों के साथ यह बात समझाई .
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोताओं ने भी भाग लिया .अंत मेंयह तय हुआ कि
आगे भी चर्चा होनी चाहिए और आज की चर्चा के एक या दो पहलुओं को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ऐसे पहलू जो इस समूह द्वारा किए जा सकते हैं। और यह समूह अपनी आवाज देश के शीर्षस्थ व्यक्तियों तक पंहुचायेंगे .कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोताओं ने भी भाग लिया .अंत में आभार साधना शर्मा ने व्यक्त किया .