Kolkata Rape Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये बड़ा राष्ट्रहित का मामला,पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को लगाई फटकार
नई दिल्ली: कोलकाता डाक्टर रेप मामले को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर आज सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ये बड़ा राष्ट्रहित का मामला है। मामले में कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार भी लगाई।
SC ने पूछा- सबसे पहले एफआईआर किसने और कब दर्ज कराई. इस पर कोर्ट को बताया गया कि उस रात 11.45 PM पर पहली FIR दर्ज की गई थी. CJI ने कहा कि अभिभावकों को बॉडी देने के 3 घंटे 30 मिनट के बाद एफआईआर दर्ज की गई? CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाई? कहा, एफआइआर देर से क्यों दर्ज हुई? हॉस्पिटल प्रशासन आखिर क्या कर रहा था?
CJI ने कहा- हम डॉक्टरों से आग्रह करते हैं कि काम पर लौटें. हम डॉक्टरों से अपील करते हैं. हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं. हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडे़ंगे. ये बड़ा राष्ट्रहित का मामला है.
CJI ने कहा कि जब हत्या हुई थी तो पीड़िता के माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे. ये हॉस्पिटल प्रबंधन की जिम्मेदारी थी कि वो एफआईआर दर्ज कराए.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- इसे हल्के में नहीं समझना चाहिए. हम एक युवा डॉक्टर के साथ एक यौन विकृत व्यक्ति द्वारा बलात्कार की घटना से निपट रहे हैं, लेकिन इसमें एक पशु जैसी प्रवृत्ति भी थी. मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता. माता-पिता को 3 घंटे तक इंतजार करना पड़ा.
मामले में SC ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब की।
CJI ने ऐलान किया कि हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं।