धार–झाबुआ के कृष्ण स्थल विकसित होंगे: समोई महोत्सव में मुख्यमंत्री का वर्चुअल संदेश

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धार–झाबुआ के कृष्ण स्थल विकसित होंगे: समोई महोत्सव में मुख्यमंत्री का वर्चुअल संदेश

झाबुआ: जनजातीय बहुल झाबुआ जिले की पावन धरा आज आध्यात्मिक उल्लास से सराबोर रही। अंचल की आस्था के बड़े केंद्र ग्राम समोई में आयोजित श्रीकृष्ण प्रणामी धर्म महोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल से वर्चुअल माध्यम से जुड़कर श्रद्धालुओं को संबोधित किया और बड़ी घोषणा की कि धार व झाबुआ में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों को श्रीकृष्ण पाथेय में जोड़कर प्रमुख तीर्थस्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा। अपने संदेश की शुरुआत उन्होंने इस कथन से की कि “आज झाबुआ–निमाड़ की पावन धरती पर आनंद बरस रहा है।”

▪️समोई में श्रद्धा का सागर, संत–महात्माओं की उपस्थिति ने बढ़ाया महोत्सव का गौरव

▫️महोत्सव स्थल पर संत–महात्माओं के साथ अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागरसिंह चौहान, सांसद अनीता नागरसिंह चौहान, कलेक्टर नेहा मीना, पुलिस अधीक्षक सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजनों की गरिमा और आध्यात्मिक ऊर्जा से पूरा परिसर भावनात्मक रूप से सराबोर रहा।

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▪️श्रीकृष्ण के समभाव और सनातन मूल्यों का संदेश

▫️मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वर्चुअल उद्बोधन में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का जीवन अद्भुत, प्रेरणादायी और समभाव का प्रतीक है। उन्होंने कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। प्रणामी संप्रदाय द्वारा आयोजित यह धर्म महोत्सव सर्वधर्म संभाव, सद्भाव और सनातन मूल्यों को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि सद्गुरू देवचन्द्र जी महाराज द्वारा लगभग 400 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया प्रणामी संप्रदाय आज विश्वभर में सनातन संस्कृति का प्रकाश स्तंभ बनकर प्रतिष्ठित है।

▫️उन्होंने बताया कि इस संप्रदाय का विस्तार प्राणनाथ स्वामी और महाराज छत्रसाल ने व्यापक रूप से किया। इसका गौरव इस बात से भी बढ़ जाता है कि प्रणामी संप्रदाय के तीन प्रमुख धामों नवतनपुरी धाम जामनगर, महामंगलपुरी धाम सूरत और मुक्ति पीठ पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में से एक धाम मध्यप्रदेश की आस्था का अमूल्य हिस्सा है।

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▪️‘तारतम्य सागर’ सभी धर्मों का अद्भुत सार

▫️डॉ. यादव ने महामति स्वामी प्राणनाथजी द्वारा रचित दिव्य ग्रंथ ‘तारतम्य सागर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सभी धर्मों के सार का अद्वितीय संकलन है। प्रणामी संप्रदाय के अनुयायी सुन्दरसाथ कहलाते हैं और “प्रणाम” से एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। उन्होंने इस परंपरा को अध्यात्म, भक्ति, समाज सुधार और एकता का अनोखा संगम बताया।

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▪️पांच दिवसीय महोत्सव में अध्यात्म की अविरल धारा

▫️यह भव्य आयोजन गुरुजी श्री नटवरलालदास जी भट्ट के 47वें स्मृति महोत्सव के रूप में महाराज श्री रश्मिकांत एन. भट्ट के मार्गदर्शन में 9 से 13 दिसंबर तक हो रहा है। पांच दिनों तक श्रीमद भागवत श्रीकृष्ण कथा, ब्रह्मज्ञान प्रवचन और महायज्ञ के माध्यम से अध्यात्म की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। श्रद्धालुओं की लगातार उपस्थिति इस महोत्सव के महत्व और आध्यात्मिक प्रभाव को और गहरा कर रही है।

▪️श्रद्धा–सम्मान का वातावरण, अतिथियों का हुआ सम्मान

▫️कार्यक्रम के दौरान मंत्री नागरसिंह चौहान, सांसद अनीता नागरसिंह चौहान और कलेक्टर नेहा मीना को गुरुजी द्वारा शॉल ओढ़ाकर आशीर्वाद प्रदान किया गया। इसके साथ नवतनपुरी जामनगर के श्री कृष्णमणि महाराज, श्री रश्मिकांत भट्ट महाराज, सिक्किम के श्री प्रमोद सुधाकरण महाराज, सूरत के श्री लक्ष्मण ज्योति महाराज, वडोदरा के श्री रमेश भट्ट महाराज, डाकोर के महेश प्रसाद महाराज तथा पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह की उपस्थिति ने आयोजन को और भव्य बनाया।