सिंहस्थ कुंभ से पहले कटनी में लगेगा कुंभ, जुटेंगे शंकराचार्य सहित कई धर्माचार्य

कटनी में बनेगा श्री हरिहर तीर्थ, 12 जून को भगवान परशुराम की 108 फीट की प्रतिमा को होगा भूमिपूजन सहित कई धार्मिक आयोजन

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सिंहस्थ कुंभ से पहले कटनी में लगेगा कुंभ, जुटेंगे शंकराचार्य सहित कई धर्माचार्य

सिंहस्थ कुंभ से पहले कटनी में लगेगा कुंभ, जुटेंगे शंकराचार्य सहित कई धर्माचार्य

भोपाल: मप्र के विजयराघवगढ़ (कटनी) स्थित रामराजा पर्वत में सिंहस्थ कुंभ के पहले एक और कुंभ लगने जा रहा है। 12 जून को यहां श्री हरिहर तीर्थ स्थल में भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची विशालकाय प्रतिमा स्थापना की आधारशिला रखी जाएगी। इस मौके पर होने वाले भूमिपूजन कार्यक्रम में देश भर के संतों का जमावड़ा लगेगा। इसके बाद पांच दिवसीय श्रीराम कथा का आयोजन होगा। इस बीच दो दिवसीय 13 और 14 जून को धर्म संवाद का आयोजन होगा, जिसका संचालन अभिनेता आशुतोष राणा करेंगे। यह जानकारी सोमवार को पूर्व मंत्री एवं विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने दी।

विधायक पाठक ने बताया कि अष्टधातु से निर्मित यह विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। प्रतिमा के निर्माण में करीब डेढ़ से दो साल का समय लगेगा। भगवान परशुराम की मूर्ति पूरे देशवासियों के लिए आकर्षण का केन्द्र होगी। राम राजा पर्वत में बन रहे श्री हरिहर तीर्थ क्षेत्र में अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर का छोटा स्वरूप, चारधाम के मंदिर, मां दुर्गा के 9 स्वरुप, बारह ज्योतिर्लिंग, भारत माता का मंदिर, शबरी माता, निषादराज, भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।

अभी 12 एकड़ से शुरू होगा काम, चाहिए 100 एकड़ भूमि
विधायक संजय पाठक ने बताया कि इस श्री हरिहर तीर्थ की परिकल्पना को पूरा करने के लिए करीब 100 एकड़ जमीन की जरुरत है। इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांग की जाएगी। फिलहाल में करीब 12 एकड़ जमीन में परिकल्पना को मूल स्वरुप देने का काम शुरू किया जाएगा। इसमें प्रदेश के हर व्यक्ति से सहयोग लिया जाएगा। अभी इसके बजट का पूर्ण आंकलन नहीं हो पाया है।

देश के प्रसिद्ध आचार्य और व्यक्ति होंगे भूमिपूजन में शामिल
श्री हरिहर तीर्थ भूमिपूजन कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान, स्वामी रामभद्राचार्य, स्वामी अवधेशानंद, आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर, साध्वी ऋतंभरा, स्वामी कैलाशानंद, सतुआ बाबा सहित अखाड़ा परिषद के सदस्य महामंडलेश्वर प्रमुख तौर पर शामिल होंगे। भूमिपूजन के बाद साधु-संतों की धर्म सभा भी होगी। साथ ही स्वामी रामभद्राचार्य श्री रामकथा करेंगे। सत्य सनातन सांस्कृतिक धर्मसभा के रूप में 13 जून को संतों के मध्य शास्त्रार्थ भी होगा। पांच दिवसीय कार्यक्रम में प्रतिदिन विभिन्न अखाड़ों के संतों द्वारा उद्बोधन होगा।