इतिहास रचने का दौर जारी रहे…

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14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर पहली बार थॉमस कप जीता

डेविस कप में पिछले 74 साल की मायूसी को खत्म कर इतिहास रचा गया है। चौदह बार की विजेता इंडोनेशिया टीम को हर मोर्चे पर मात देकर भारतीय खिलाड़ियों ने दुनिया में भारत का परचम फहरा दिया। यह बदलता हुआ भारत है, जो खेल भावना से ही दुनिया में हर मोर्चे पर अपना दम दिखा रहा है। तो देश के अंदर भी लोकतांत्रिक भावना से राजनैतिक दलों के बीच जोर आजमाइश जारी है और इतिहास रच रहे हैं।

बंगाल में ‘दीदी’ लगातार जीत दर्ज कर इतिहास रचती हैं, तो ‘दादा’ सहजता से स्वीकार कर लेते हैं। पंजाब में ‘मान’ दम दिखाकर ‘आप’ की सरकार बना इतिहास रचते हैं, तो ‘सिद्धू-चन्नी’-अमरिंदर सभी ढ़ेर होकर भी खुशी-खुशी स्वीकार करते हैं। उत्तर प्रदेश में योगी बाबा लगातार दूसरी बार कमल खिलाते हैं, तो सभी दल विनम्रता से आभार जताते हैं।

इतिहास रचने का दौर जारी रहे...

खैर अभी भटकने का समय नहीं है। बल्कि डेविस कप जीतकर चैंपियन बनने की खुशी मनाने का दौर है।भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने 15 मई 2022 को अमृत महोत्सव के साल में इतिहास रच दिया। 73 साल में पहली बार भारत थॉमस कप का विजेता बना। इस दौरान भारत के खिलाड़ियों ने 14 बार इस कप को जीतने वाली इंडोनशिया की टीम को मात दी। भारत इस टूर्नामेंट में पहली बार फाइनल तक पहुंचा था और इसके बाद उसने इतिहास रचकर यह जता दिया कि अब भारत का दौर आ चुका है। 21 वीं सदी में अब विजेता बनना भारतीयों की आदत में शुमार हो गया है।

इतिहास रचने का दौर जारी रहे...

थॉमस कप एक बैडमिंटन टूर्नामेंट है, जिसमें फिलहाल 16 टीमें भाग लेती हैं। बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए थॉमस कप टूर्नामेंट आयोजित करने का विचार सबसे पहले इंग्लिश बैडमिंटन प्लेयर सर जॉर्ज एलन थॉमस के दिमाग में आया था। वे खुद भी एक बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ी थे। फुटबॉल वर्ल्ड कप और टेनिस के डेविस कप की तरह ही पहली बार 1948-49 में थॉमस कप आयोजित किया गया। पहले यह टूर्नामेंट हर 3 साल में होता था, लेकिन 1982 के बाद से इसे 2 साल में आयोजित किया जाता है।

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1948-49 से लेकर अब तक सिर्फ 32 बार ही थॉमस कप आयोजित हुआ है, जिसमें से सिर्फ 6 देश ही विजेता बन सके हैं। इनमें इंडोनेशिया सबसे सफल टीम रही है, जिसने अब तक 14 बार थॉमस कप जीता है। इंडोनिशया के अलावा थॉमस कप जीतने वाले देश चीन दस बार, मलेशिया पांच बार और डेनमार्क, जापान व भारत 1-1 बार शामिल हैं। तो पते की बात यह है कि अब बैडमिंटन में भी भारत का नाम दुनिया के छह देशों में शामिल हो गया है। यही उम्मीद है कि  इतिहास रचने का दौर जारी रहे और भारत का नाम दुनिया में हर क्षेत्र राजनैतिक, गैर राजनैतिक सबमें स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होता रहे।