यह तस्वीरें 28 मई 2022 को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर में आयोजित आरोग्य भारती के कार्यक्रम की हैं। चित्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई छगन भाई पटेल हैं। राष्ट्रपति कोविंद के राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा होने के 58 दिन पहले की यह तस्वीर अपने आप में कुछ खास बयां कर रही है। आंखों को चुपके से कोई राज बताने की कोशिश कर रही है। यह तस्वीर भारत के इतिहास में दर्ज हो जाए, तो कोई अचरज की बात नहीं है। करीब पांच साल पहले जब किसी को कुछ भनक भी नहीं लगी थी और देश के तेरहवें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल पूरा होने वाला था।
तब सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा 19 जून 2017 को बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किये गए। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। अमित शाह ने कहा था कि रामनाथ कोविंद दलित समाज से उठकर आये हैं और उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए बहुत काम किया है, वे पेशे से एक वकील हैं और उन्हें संविधान का अच्छा ज्ञान भी है इसलिए वे एक अच्छे राष्ट्रपति सिद्ध होंगे और आगे भी मानवता के कल्याण के लिए काम करते रहेंगे। कहीं जून का महीना एक बार फिर 2022 में कुछ इसी तरह का वाकया दोहराने वाला तो नहीं है।
फिर कोई ऐसी पत्रकारवार्ता हो, जिसमें अमित शाह या कोई और नेता इसी तरह आगामी राष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा करे…कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करती है…! मंगू भाई आदिवासी समाज से उठकर आए हैं और उन्होंने आदिवासी समाज के लिए बहुत काम किया है। उन्हें संविधान का अच्छा ज्ञान है…वगैरह-वगैरह। अंतर दिखेगा तो बस यह…कि उस समय राज्यपाल बिहार के थे, तो इस समय मध्यप्रदेश के होंगे। उस समय दलित समाज की बात हुई थी, तो इस समय आदिवासी समाज की होगी। अगर तस्वीर को देखकर जो संभावना नजर आई है, वह खरी साबित होती है तो…!
मंगू भाई छगन भाई पटेल के बारे में बात करें तो वह दक्षिण गुजरात के नवसारी के मूल निवासी हैं और भाजपा के आदिवासी नेता है। जिन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ही पिछले साल 6 जुलाई 2021 को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था। इनसे पहले उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मध्य प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही थीं। मंगूभाई छगनभाई पटेल मध्यप्रदेश के 19वें राज्यपाल हैं।
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आजादी से पहले 1944 में जन्मे 78 साल के मंगूभाई ने 2014 में गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। वह गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं। गुजरात का नवसारी मंगूभाई छगनभाई पटेल का गढ़ माना जाता है। जब तक ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रही, मंगूभाई ने ही यहां से बीजेपी के टिकट पर लगातार जीत हासिल की। वह 1990 से 2012 तक लगातार पांच बार यहां से विधायक चुने गए। हालांकि वो गणदेवी विधानसभा से भी एक बार 2012-2017 तक विधायक रहे।
यह सब बात इसलिए हो रही है क्योंकि इस बार किसी आदिवासी नेता को राष्ट्रपति बनाने की मांग बहुत जोरों से उठ रही है। अप्रैल के महीने में ही राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग की थी। राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच ने मांग उठाई है कि अगला राष्ट्रपति आदिवासी बने। राष्ट्रीय आदिवासी एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशवंत सिंह दरबार और राष्ट्रीय महासचिव राकेश मीणा द्वारा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांग की गई है कि अगला राष्ट्रपति आदिवासी होना चाहिए, क्योंकि भारत को गणराज्य बने 74 साल होने के बाद भी 10 करोड़ की जनसंख्या वाले आदिवासी समुदाय को इस पद के लिए मौका नहीं मिला। हालांकि सभी समुदायों अनुसूचित जाति और मुस्लिम अल्पसंख्यक को यह अवसर मिल चुका है।
यह मांग भी शायद इसीलिए हो रही हैं, क्योंकि कहीं न कहीं भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व की सोच यही होगी। भाजपा का आदिवासी समाज पर सबसे ज्यादा फोकस है। मध्यप्रदेश आदिवासी बाहुल्य राज्य है और अब मंगूभाई पटेल का नाता मध्यप्रदेश से भी है। मंगूभाई पटेल के राज्यपाल बनने के बाद जब मध्यप्रदेश आए थे, तो उन्होंने मंगू भाई की दिल खोलकर तारीफ की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा कुछ ऐसा करने का मन रखते हैं, जो ऐतिहासिक बन जाए। उनकी दूरदर्शिता के भी सभी कायल हैं।
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यदि देश को इस बार आदिवासी राष्ट्रपति मिला तो यह भी इतिहास बन जाएगा। राज्यपाल मंगू भाई छगन भाई पटेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी एक-दूसरे से आत्मीयता रखते हैं। पटेल ने गुजरात में मोदी के साथ काम किया है और अपनी विशेष पहचान बनाई है। सामाजिक, राजनैतिक और आदिवासी समाज की सेवा में वह हमेशा तत्पर रहे हैं। राजनीति और संवैधानिक दायित्व निर्वहन का लंबा अनुभव मंगू भाई पटेल को विशिष्ट बनाता है।
ऐसे में सभी राजनैतिक समीकरण यह गवाही दे रहे हैं कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन चाहे तो आगामी राष्ट्रपति उम्मीदवार के बतौर मंगू भाई पटेल के नाम की घोषणा कर सबको चौंका सकती है। और 28 मई 2022 की राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कंवेंशन सेंटर के मंच की यह तस्वीरें बहुत खास बनकर फिर यह याद दिलाएंगी कि हमने संकेत तो पहले ही दिया था…वरना साधारण तस्वीर के बतौर भी यह विशिष्ट ही रहेगी।