आस्था से लबरेज लाखों श्रद्धालुओं ने महाशिवरात्रि पर किए बाबा महाकाल के दर्शन

दर्शन का क्रम अनवरत जारी, देर रात शासकीय पूजन के बाद चढ़ेगा सवा मन का सेहरा

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आस्था से लबरेज लाखों श्रद्धालुओं ने महाशिवरात्रि पर किए बाबा महाकाल के दर्शन

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में वैसे तो महाशिवरात्रि पर्व की धूम पिछले नौ दिनों से मची हुई थी। लेकिन आज भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की मंगल बेला में बाबा महाकाल अपने भक्तों को आशीष देने के लिए दो घंटे पहले जागे। रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद भस्मआरती की शुरूआत हुई। इस साल पहली बार महाकालेश्वर प्रबंध समिति द्वारा ऐसी व्यवस्था की गई थी, जिससे सुबह चार बजे से चलित भस्म आरती के दौरान भक्तों ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया।

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महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरु ने बताया कि मंदिर के पट खुलते ही सबसे पहले विभिन्न प्रकार के फलों के रस से बाबा महाकाल का अभिषेक किया गया। उसके पश्चात षोडशोपचार पूजन कर बाबा महाकाल को भस्म रमाई गई। 2:30 बजे से शुरू हुआ पूजन अर्चन का क्रम सुबह 4:30 बजे तक जारी रहा, इसके बाद से आम श्रद्धालुओं के दर्शन की शुरुआत हुई। पुजारी पंडित आशीष ने बताया, महाशिवरात्रि पर सतत 44 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे और आज बाबा महाकाल की चार पहर की पूजा अर्चना की जाएगी।

महाशिवरात्रि पर्व आज है, पर इससे पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंच गए। हालत यह थे कि कर्कराज मंदिर पार्किंग और मन्नत गार्डन पार्किंग दोपहर तक फुल हो गई। इधर गाडिय़ों को रखकर करीब ३-४ किमी से अधिक पैदल चलकर श्रद्धालु हरसिद्धि मंदिर चौराहे से बड़े गणपति मंदिर की और महाकाल मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं। इस दौरान चारधाम मंदिर रोड और बड़ा गणेश मंदिर रोड पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। जहां तक नजर जा रही है वहां तक सिर्फ श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे हैं। वहीं बड़नगर से आने वाले वाहनों को मुल्लापुरा पर रोक दिया गया। श्रद्धालुओं को मंदिर के निकट तक पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा बसों के विशेष प्रबंध किए गए थे। बसों के निर्धारित स्टापेज के बाद श्रद्धालुओं को महाकाल मंदिर तक करीब ३-४ किमी तक पैदल चलकर जाना पड़ा। इसमें महिला पुरुष और बच्चे भी शामिल रहे।

देवास-इंदौर की तरफ से आने वाले वाहनों को नानाखेड़ा पर रोका

प्रशासन द्वारा तय पार्किंग भर जाने और श्रद्धालुओं की भारी संख्या के साथ ही महाकाल मंदिर और शिप्रा नदी के आसपास भीड़ बढऩे के कारण देवास-इंदौर से आ रहे वाहनों को शुक्रवार शाम से चिंतामन बायपास से मुल्लापुरा की ओर बढ़ाया या फिर नानाखेड़ा पर ही रोक दिया गया।

जैसी की संभावना व्यक्त की जा रही थी। शहर में वैसा ही दृश्य बीती रात और शनिवार की सुबह से नजर आया जब लाखों की तादाद में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे। शिवरात्रि से पहले ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भोलेनाथ के जयकारों अवंतिका नगरी गुंज उठी है। हालांकि राजाधिराज के दरबार तक जाने के लिए भक्तों को लगभग 3 किमी का सफर पैदल तय करना पड़ा। इसके पहले कई स्थानों से दर्शन प्रवेश मुख्य स्थल तक ले जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई थी। एक दिन पहले ही शुक्रवार को लाखों की तादाद में पहुंचे श्रद्धालुओं से पूरा शहर शिवमय हो गया। इसमें अधिकांश यात्री सीहोर के कार्यक्रम से लौटकर महाकालेश्वर मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे हैं। महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में दर्शन सिलसिला भस्म आरती के बाद प्रारंभ हो गया। इसके लिए श्रद्धालु शुक्रवार को भगवान की शयन आरती के बाद से ही कतार में लगने शुरू हो गए थे। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में देर रात शासकीय पूजा के उपरांत बाबा महाकाल को सवा मन सेहरा पहनाया जायेगा, बाबा महाकाल के सेहरा श्रृंगार के पश्चात वर्ष में एक बार दिन के बारह बजे होने वाली भस्म आरती होगी। आम श्रद्धालुओ के लिए दिन में होने वाली भस्मारती में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। भस्मारती के उपरांत रात 10 बजे शयन आरती तक आम जनमानस बाबा महाकाल के दर्शन करने जा सकेंगे।