

फागुनी तेरस पर लाखों श्रद्धालु करते हैं शत्रुंजय महातीर्थ पालीताणा की यात्रा!
सचिन भंडारी की रिपोर्ट.
Ujjain : जिले के महिदपुर रोड़ पर बुधवार फागण सुदी तेरस के दिन देश-भर से जैन धर्म के लाखों श्रद्धालु शाश्वत शत्रुंजय महातीर्थ गिरिराज पालीताणा पहुंचकर छः गांव की यात्रा कर अपने पुण्य का उपार्जन करते हैं। 22वें तीर्थंकर भगवान नेमीनाथ के समय कृष्ण महाराज के पुत्र श्याम एवं प्रद्युमन ने भगवान नेमीनाथ की वाणी को सुनकर वैराग्य भाव उत्पन्न हुआ। भगवान के पास जाकर वैराग्य धारण किया। भगवान से आज्ञा लेकर शत्रुंजय महातीर्थ पर दीर्घतपस्या एवं ध्यान साधना करते हुए भंडवा के डूंगरपर आज ही के दिन फागण सुदी तेरस को साढ़े आठ करोड़ मुनियों के साथ मोक्ष को प्राप्त किया। उनकी मोक्ष यात्रा को स्मरण करते हुए 84 हजार वर्षों से फागण फेरी छः गांव की यात्रा चल रहीं है। हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस दिन शत्रुंजय महातीर्थ की यात्रा कर कर्मों की निर्जरा करते हैं 14 राज लोक में शत्रुंजय के समान कोई तीर्थ नहीं है।
इस पवित्र भूमि से करोड़ों मुनियों ने मोक्ष को प्राप्त किया साथ ही जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान ने इसी महातीर्थ से मोक्ष को प्राप्त किया। महिदपुर रोड नगर से भी अनेक श्रद्धालुओं ने फागुनी तेरस पर शत्रुंजय महातीर्थ पहुंचकर छः गांव की यात्रा कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। भारत भर में आज के दिन जहां पर भी आदिनाथ भगवान का मंदिर होता है वहां पर सिद्धांचल तीर्थ की भावयात्रा का आयोजन किया जाता हैं।