ललितपुर–खजुराहो– पन्ना–सतना–रीवा– सिंगरौली रेल परियोजना अंतिम चरण में

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ललितपुर–खजुराहो– पन्ना–सतना–रीवा– सिंगरौली रेल परियोजना अंतिम चरण में

Chhatarpur: बुंदेलखंड, बघेलखंड और विन्ध्य क्षेत्रों को जोड़ने वाली ऐतिहासिक ललितपुर– खजुराहो–पन्ना–सतना–रीवा–सिंगरौली रेल लाइन परियोजना अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान शुरू हुई यह महत्वाकांक्षी परियोजना अब मोदी सरकार के कार्यकाल में पूरी होने की ओर अग्रसर है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, परियोजना के सभी तकनीकी और प्रशासनिक चरण लगभग पूरे हो चुके हैं और निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

खजुराहो से पन्ना के बीच लगभग 72 किलोमीटर लंबे कठिन पहाड़ी और वन क्षेत्र में रेललाइन बिछाने के लिए जमीन हस्तांतरण का कार्य पूर्ण हो चुका है, साथ ही DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) भी अंतिम रूप में तैयार हो चुकी है। अलग-अलग पैकेजों में टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और शुरुआती कार्यों की प्रगति के बाद उम्मीद की जा रही है कि 2030 तक पूरी रेल लाइन बनकर तैयार हो जाएगी।

*पन्ना–खजुराहो सेक्शन में सुरंगें और पुल बनेंगे खास आकर्षण*

इस सेक्शन में अजयगढ़ घाटी के कठिन भौगोलिक क्षेत्र से होकर लाइन गुजरेगी। यहां कुल 8 सुरंगें, 47 छोटे-बड़े पुल, 6 नए रेलवे स्टेशन और सूरजपुरा के पास केन नदी पर एक विशाल रेल पुल बनाया जाएगा। खजुराहो से सूरजपुरा तक जमीन समतलीकरण का कार्य भी शुरू हो गया है, जिससे आगामी महीनों में पटरियां बिछाने का काम प्रारंभ किया जा सकेगा।

*सतना–पन्ना सेक्शन पर तेजी से काम*

वर्तमान में सतना से पन्ना के बीच रेललाइन निर्माण कार्य प्रगति पर है। इस सेक्शन पर 2026–27 तक ट्रेन संचालन शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले ललितपुर–खजुराहो और रीवा–सतना के बीच रेल संपर्क पहले ही स्थापित हो चुका है, जबकि खजुराहो, महोबा के रास्ते प्रयागराज से भी जुड़ गया है।

*रीवा–सीधी–सिंगरौली लाइन पर सफल ट्रायल*

इस परियोजना से जुड़ी एक और प्रमुख लाइन रीवा–सीधी–सिंगरौली लगभग तैयार हो चुकी है। इस पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से सफल स्पीड ट्रायल हो चुका है और अब केवल कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) की अनुमति का इंतजार है। इस लाइन पर मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी गोविंदगढ़ सुरंग (3.34 किमी लंबी) बनकर तैयार है, जो इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

*परियोजना से क्षेत्रीय विकास को मिलेगा नया आयाम*

इस रेल कॉरिडोर का उद्देश्य मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों — बुंदेलखंड, बघेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र को बेहतर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करना है। इस लाइन से पर्यटन, औद्योगिक विकास, खनन और व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलने की संभावना है। खजुराहो, पन्ना और सतना जैसे पर्यटन केंद्रों को जोड़ने से देश-विदेश के पर्यटकों की पहुंच और आसान होगी।

*परियोजना के प्रमुख बिंदु*

-उद्देश्य: बुंदेलखंड और बघेलखंड के बीच रेल संपर्क को मजबूत बनाना।

-निर्माण प्रगति: सतना–पन्ना मार्ग पर बरेठिया से नागौद और देवेंद्रनगर तक ट्रैक बिछाने का कार्य जारी।

-अनुमानित पूर्णता: 2027 में सतना–पन्ना पर ट्रेन संचालन और 2030 तक सम्पूर्ण परियोजना के पूर्ण होने की संभावना।

-मुख्य स्टेशन: खजुराहो, छतरपुर और पन्ना सहित छह नए स्टेशन प्रस्तावित।

यह परियोजना न केवल दो राज्यों के विकास को जोड़ेगी बल्कि मध्य भारत के आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को भी नई दिशा देगी।