मृत किसान की जमीन अवैध पावर ऑफ अटॉर्नी से बेची:EOW की जांच के बाद मणीराज सिंह सहित अन्य पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

64
xr:d:DAFkAjeVHu8:13,j:48040780159,t:23052712

मृत किसान की जमीन अवैध पावर ऑफ अटॉर्नी से बेची:EOW की जांच के बाद मणीराज सिंह सहित अन्य पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

BHOPAL: मृत्यु के बाद स्वतः समाप्त हो जाने वाली पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर किसान की कृषि भूमि बेचने का गंभीर मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की विस्तृत जांच में यह उजागर हुआ है कि ग्राम बरखेड़ी क्षेत्र में एक मृत किसान की जमीन को उसकी मृत्यु के बाद भी अवैध रूप से बेच दिया गया। जांच के बाद EOW ने आरोपी मणीराज सिंह सहित अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का प्रकरण दर्ज कर वैधानिक विवेचना शुरू कर दी है।

● शिकायत से शुरू हुआ मामला

▫️आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को दिनांक 18 जून 2025 को ग्राम बरखेड़ी, तहसील हुजूर निवासी योगेश कुशवाह द्वारा एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि नेहरू नगर निवासी मणीराज सिंह एवं अन्य व्यक्तियों ने आपस में मिलीभगत कर मृतक किसान अचल सिंह मेवाड़ा की कृषि भूमि को अवैध तरीके से बेच दिया।

● जीवनकाल तक ही वैध थी पावर ऑफ अटॉर्नी

▫️जांच में सामने आया कि ग्राम बरखेड़ा नाथू, तहसील हुजूर स्थित कृषि भूमि के मूल स्वामी किसान अचल सिंह मेवाड़ा ने दिनांक 18 दिसंबर 2018 को अपनी भूमि के एक हिस्से के संबंध में मणीराज सिंह के पक्ष में पंजीकृत पावर ऑफ अटॉर्नी दी थी। यह पावर ऑफ अटॉर्नी केवल अचल सिंह के जीवनकाल तक ही वैध थी। दिनांक 07 फरवरी 2022 को अचल सिंह मेवाड़ा की मृत्यु हो गई, जिससे विधि अनुसार उक्त पावर ऑफ अटॉर्नी स्वतः समाप्त हो गई थी।

● कानूनी दायित्व का जानबूझकर उल्लंघन

▫️विधि के अनुसार किसी भूमि स्वामी की मृत्यु होने पर पावर ऑफ अटॉर्नी धारक का दायित्व होता है कि वह संबंधित पंजीयन कार्यालय को इसकी सूचना दे और आगे की प्रक्रिया कानून अनुसार अपनाए। किंतु इस प्रकरण में आरोपी द्वारा इस दायित्व का जानबूझकर उल्लंघन किया गया। जांच में पाया गया कि मृतक किसान की मृत्यु की जानकारी पंजीयन कार्यालय को नहीं दी गई और इस तथ्य को छुपाकर शासन, क्रेताओं एवं आम जनता को भ्रमित किया गया।

● मृतक की जमीन के टुकड़े कर कराई गईं रजिस्ट्रियां

▫️EOW की जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि समाप्त हो चुकी अवैध पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग करते हुए आरोपी द्वारा भूमि के अलग-अलग हिस्सों को प्लॉट के रूप में विक्रय किया गया। फरवरी 2022 से दिसंबर 2022 के बीच कुल 09 अलग-अलग रजिस्ट्रियां कराई गईं, जिनके माध्यम से उक्त कृषि भूमि विभिन्न व्यक्तियों को बेची गई।
इन रजिस्ट्रियों के जरिए आरोपी और अन्य ने अवैध रूप से आर्थिक लाभ अर्जित किया।

● अभिलेखों और साक्ष्यों से पुष्टि

▫️आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा पंजीयन अभिलेखों, संपदा सॉफ्टवेयर के रिकॉर्ड, मृत्यु प्रमाण पत्र, बैंकिंग विवरण तथा संबंधित व्यक्तियों के कथनों का गहन परीक्षण किया गया। जांच में यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुआ कि मृतक किसान की मृत्यु के उपरांत भी जानबूझकर पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर भूमि की रजिस्ट्रियां कराई गईं।

● धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज

▫️जांच में प्राप्त ठोस साक्ष्यों के आधार पर EOW ने यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी मणीराज सिंह एवं अन्य द्वारा धोखाधड़ी एवं आपराधिक षड्यंत्र के तहत यह कृत्य किया गया है। प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध सिद्ध पाए जाने पर आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 एवं 120-बी के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है।

● अग्रिम विवेचना जारी

▫️आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा मामले में आगे की वैधानिक विवेचना जारी है। जांच के दौरान अन्य संलिप्त व्यक्तियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। EOW अधिकारियों का कहना है कि दोषियों के विरुद्ध कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।