Landing of Chandrayaan-3:भारत के लिए गर्व के क्षण, चंद्रयान-3 चांद पर उतरा- फहराया तिरंगा
आखिर इंतजार की घड़ियां पूरी हुई। भारत ने जो सपना देखा था वह अब पूरा हो गया है। हम सबके लिए यह गर्व के क्षण है जब चंद्रयान-3 चांद पर उतरा और उसने बड़ी शान से तिरंगा फहराया। चंद्रमा की सतह पर पहुंचा चंद्रयान और रच दिया इतिहास।धानमंत्री नरेंद्र मोदी साउथ अफ्रीका से इस गौरवशाली क्षण के साक्षी बने।देश की तमाम बड़ी कंपनियों ने चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के लॉन्च में अपनी अहम भूमिका निभाई है. रॉकेट इंजन और थ्रस्टर से लेकर अन्य कंपोनेंट्स का .निर्माण इन कंपनियों द्वारा किया गया है. इनमें गोदरेज एयरोस्पेस, टाटा स्टील, एल एंड टी, बीएचईएल समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं.
अंतरिक्ष में भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि प्रधानमंत्री ने तिरंगा लहरा कर खुशी जाहिर की।
चंद्रयान-3 चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतर गया है, जहां इससे पहले दुनिया के किसी भी देश को उपग्रह उतारने में सफलता नहीं मिली है.हमने यह इतिहास रचा है . इसरो ने चंद्रमा में रचाइतिहास
पीएम मोदी ने सफल लैंडिंग पर बधाई दी और कहा कि यह पल अविस्मरणीय, अभूतपूर्व है। भारत के सफल मिशन में से हर भारतीय जश्न में डूबा।
दुनिया का पहला देश भर बना भारत। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश भारत बना
14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाला चंद्रयान-3 अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 70 डिग्री अक्षांश के पास उतर कर भारत के इस मिशन को सफल बना दिया .
चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान हुई तकनीकी विफलताओं को ध्यान में रखते हुए इसरो ने जानकारी दी कि चंद्रयान-3 को और अधिक कुशल बनाया गया और इसके साथ ही भारतीय वैज्ञानिकों ने रच दिया इतिहास .
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने मीडिया को जानकारी दी है कि चंद्रयान-2 के लैंडर मॉड्यूल को सफलता हासिल करने के विश्लेषण के साथ डिजाइन किया गया था, लेकिन नाकामी के बाद के विश्लेषण के साथ चंद्रयान-3 को डिजाइन किया गया.