Landslide : भूस्खलन से महाराष्ट्र का पूरा गांव मलबे में दबा, 120 लोग फंसे!
Raigarh (Maharashtra) : बुधवार की आधी रात को रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में बड़ा हादसा हुआ। यहां की एक बस्ती भूस्खलन की चपेट में आ गई। रात को सोते वक्त कई लोगों पर प्रकृति का हमला हुआ। मलबे में 120 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। इस हादसे के बाद वहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अब तक 5-6 शव निकाले गए हैं। 27 लोगों को निकाला गया। इनमें तीन छोटे बच्चे भी हैं।
कई बचाव दल काम कर रहे हैं। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और अन्य फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। हादसे को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए।
जानकारी के अनुसार गांव का अधिकांश करीब 90% हिस्सा मलबे में दब गया। यहां 30 से 35 आदिवासी घरों की एक बड़ी बस्ती थी। आशंका है कि इस हादसे में बड़ी जनहानि हुई। 120 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। अब तक बचाव दल एक महिला और दो बच्चों को बचाने में कामयाब रहा है। मिट्टी अभी भी ऊपर से गिर रही है। इसलिए बचावकर्मी भी खतरे में हैं।
हादसे के बाद कुछ लोग डरकर जंगल की ओर भाग गए। आपातकालीन बचाव दल के एक सदस्य ने कहा है कि लोगों के लौटने के बाद ही हमें इस बात की सटीक जानकारी मिलेगी कि इस भूस्खलन के नीचे कितने लोग फंसे हो सकते हैं।
डीसी दत्तात्रेय नवले और डीसी सरजेराव सोनावणे को चिकित्सा सहायता और बचाव कार्यों के लिए ओएसडी के रूप में तैनात किया गया है। मौके पर चार एंबुलेंस पहुंच गई। आरएच चौक पर स्वास्थ्य अधिकारी और चार डॉक्टरों के साथ चार एंबुलेंस तैयार हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और कई सामाजिक कार्य सहायता दल और बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं।
मंत्री दादा भुसे और विधायक महेश बडाली भी मौके पर पहुंच गए। राज्य के कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन मौके पर पहुंचे। मंत्री दादाजी भुसे ने भी सुबह ही यहां का दौरा किया, लेकिन तेज हवा और बारिश के कारण वे ऊपर नहीं जा सके। प्रभारी और उद्योग मंत्री उदय सामंत मौके पर पहुंच गए हैं।
इस बस्ती के 90% मकान तबाह
इस इलाके के 90 फीसदी घर तबाह हो गए हैं और जानमाल के नुकसान की आशंका है। युद्ध स्तर पर राहत टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। हालांकि तेज हवा के कारण कुछ पत्थर अभी भी ऊपर से नीचे आ रहे हैं। इससे बचाव दल के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। लेकिन, जो लोग फंसे हैं उन्हें तुरंत निकालने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।