Language Dispute : भाषा विवाद पर BJP और SP के नेताओं ने राज ठाकरे के खिलाफ कमर कसी, कहा कि इतने बड़े बॉस हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर आएं!

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को मुंबई से बाहर निकालने की चुनौती पर भी सियासी माहौल गरमाया!

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Language Dispute : भाषा विवाद पर BJP और SP के नेताओं ने राज ठाकरे के खिलाफ कमर कसी, कहा कि इतने बड़े बॉस हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर आएं!

New Delhi : हिंदी और मराठी को लेकर महाराष्ट्र में छिड़े विवाद ने राजनीतिक रंग ले लिया। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद राजीव राय और झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों को आड़े हाथ लेते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने चुनौती दी कि अगर दम है, तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को मुंबई से बाहर निकालकर दिखाएं। मुंबई में बीएमसी चुनाव से पहले गैर-मराठियों, खासकर हिंदी बोलने वालों के साथ मारपीट का मामला गरमा गया।

भाजपा और समाजवादी ने राज ठाकरे और उनकी पार्टी एमएनएस को घेरा है। झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे को चुनौती दी, कि वे महाराष्ट्र से बाहर निकलकर दिखाएं। उन्होंने कहा कि अगर वे बहुत बड़े बॉस हैं तो बिहार, उत्तर प्रदेश या तमिलनाडु में आएं, उन्हें पटक-पटककर मारेंगे। एमएनएस कार्यकर्ताओं ने मराठी नहीं बोलने पर एक फूड स्टॉल मालिक की पिटाई की। फिर एक निवेशक के कार्यालय पर हमला किया। इसके बाद यह मुद्दा और ज्यादा गरमा गया।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा ठाणे के भयंदर इलाके में एक फूड स्टॉल संचालक की पिटाई की गई थी, जिसका कारण यह था कि उसने मराठी में जवाब नहीं दिया। इस घटना ने पूरे प्रदेश में भाषा की राजनीति को हवा दे दी है। सपा सांसद राजीव राय ने एक्स पर तीखा हमला करते हुए लिखा कि जब किसी नेता की राजनीतिक जमीन कमजोर हो जाती है, तो वह मीडिया में आने के लिए गरीब हिंदी भाषी लोगों पर गुंडागर्दी करता है। उन्होंने राज ठाकरे से पूछा कि हिंदी फिल्मों से जिनके परिवार ने अरबों कमाए, आज वही लोग हिंदी भाषियों को निशाना क्यों बना रहे हैं!

राजीव राय ने कहा कि अगर वास्तव में ताकत है, तो हिंदी सिनेमा को मुंबई से बाहर निकालकर दिखाएं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हजारों मराठी परिवार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर निर्भर हैं और यह पूरी इंडस्ट्री देश की साझा विरासत है। उन्होंने मराठी भाषा को ‘संस्कारों की भाषा’ बताते हुए कहा कि यह गुंडागर्दी की नहीं, बल्कि संस्कृति की भाषा है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत का कोई हिस्सा सिर्फ भाषा के नाम पर किसी एक का नहीं हो सकता, और इस देश में हर नागरिक को किसी भी राज्य में काम करने और बसने का अधिकार है।

हाल ही में फडणवीस सरकार द्वारा लाई गई तीन भाषा नीति के खिलाफ ठाकरे बंधु एकजुट होकर विजय रैली में शामिल हुए थे। इस मंच पर दोनों भाई लगभग दो दशक बाद साथ नजर आए। इस घटनाक्रम के बाद अब यह मुद्दा दिल्ली तक गूंजने लगा है और आने वाले समय में यह सियासत को और गरमा सकता है।

निशिकांत दुबे ने जमकर हमला बोला

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे लोग हिंदी बोलने वालों को पीट रहे हैं और हमारे पैसे से जी रहे हैं। उन्होंने पूछा कि उनके पास किस तरह के उद्योग हैं। दुबे ने यह भी कहा कि अगर उनमें इतनी हिम्मत है कि वे हिंदी बोलने वालों को पीटते हैं, तो उन्हें उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलने वालों को भी पीटना चाहिए। उन्होंने राज ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे इतने बड़े ‘बॉस’ हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर आकर बिहार, उत्तर प्रदेश या तमिलनाडु में दिखाएं। उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा, ‘तुमको पटक पटक के मारेंगे।’