Lata Mangeshkar: Marriage and Truth- ताउम्र शादी नही की, फिर किया था चौंकाने वाला खुलासा
स्वर-कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते लता जी ने शादी नहीं करने का फैसला किया था। वे ही एकमात्र ऐसी शख्सियत थीं, जिनके नाम पर पुरस्कार दिए जाते हैं। सामान्यतः ऐसा होता नहीं है। अपनी सुरीली आवाज से देश-दुनिया पर दशकों तक राज करने वाली लता जी के भारत ही नहीं विदेश में भी उनके करोड़ों फैन्स हैं। सबके जहन में एक सवाल हमेशा आता है कि लता जी ने शादी क्यों नहीं की! उसके पीछे की क्या वजह थी!
Lata Mangeshkar: Marriage and Truth
एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने बताया था कि जब वे 13 साल की थीं, तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। ऐसे में घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारियां उनपर आ गईं। कई बार तो शादी करने का ख्याल भी आता तो उस पर अमल नहीं कर पातीं।
उन्होंने बताया था कि मेरी बहन आशा ने 15-16 साल की उम्र में शादी कर ली थी। वैसे इसमें भाग्य का भी रोल होता है, मेरा मानना है कि जन्म, शादी और मौत की बात किसी को पता नहीं होती! शायद मेरे नसीब में शादी नहीं लिखी थी, ऐसा कहा जाता है कि लता जी परिवारिक जिम्मेदारियों के चलते बहुत कम उम्र में ही वे काम करने लगी थीं और वक्त कब निकल गया पता ही नहीं चला और वे ताउम्र शादी नहीं कर पाईं।
भाई के दोस्त से हुआ प्यार
साल बीत गए, दशक बीत गए और जब लता मंगेशकर के मन में शादी को करने का ख्याल आया, तो नसीब ने उनका साथ नहीं दिया। दिवंगत क्रिकेटर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष राजसिंह डूंगरपुर, लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर के करीबी दोस्त थे। राजसिंह राजस्थान के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे और डूंगरपुर के तत्कालीन राजा स्वर्गीय महारावल लक्ष्मण सिंहजी के सबसे छोटे बेटे थे।
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ऐसे हुई राज और लता की दोस्ती
हृदयनाथ मंगेशकर और राज सिंह डूंगरपुर अच्छे दोस्त थे। उनकी ज्यादातर मुलाकातें हृदयनाथ के घर पर होती थीं। यही वह समय था जब राजसिंह ने अपने अच्छे दोस्त की सबसे बड़ी बहन लता मंगेशकर के बातचीत शुरू की। राजसिंह और लता के बीच कई मुलाकातों के बाद, दोनों एक-दूसरे के लिए कुछ महसूस करने लगे थे और समय के साथ, उन्हें एक-दूसरे से प्यार हो गया था। लेकिन, शादी नहीं हुई। राजसिंह लता मंगेशकर को ‘मिट्ठू’ नाम से बुलाते थे।