कानून और न्याय:महुआ मोइत्रा के खिलाफ नया मामला ज्यादा घातक!

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कानून और न्याय:महुआ मोइत्रा के खिलाफ नया मामला ज्यादा घातक!

 

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर अभद्र टिप्पणी के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक नया केस दर्ज हो गया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के तहत केस दर्ज किया है। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा फिर नई मुसीबत में फंसती दिख रही है। नई भारतीय न्याय संहिता के तहत दिल्ली पुलिस की सेल की ये पहली एफआईआर है। राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से दिल्ली पुलिस कमिश्नर के सामने महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की गई थी।

दो जुलाई को यूपी के हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ मची थी। इस भगदड़ में 120 से ज्यादा मौतें हुई थीं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं। चार जुलाई को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा हाथरस गई थीं। इस दौरान एक शख्स पीछे छाता लेकर चल रहा था, इसका वीडियो सामने आया, जिस पर महुआ मोइत्रा ने अभद्र टिप्पणी की। हालांकि, बाद में महुआ ने इसे डिलीट कर दिया। इस पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया। महिला आयोग ने अपनी शिकायत में कहा कि महुआ की टिप्पणी बेहद अपमानजनक हैं और महिलाओं के सम्मान के साथ जीने के अधिकार का सरासर उल्लंघन है। महिला आयोग ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा, तीन दिन के भीतर एक्शन रिपोर्ट भी मांगी है।

महिला आयोग ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा की टिप्पणी न सिर्फ अपमानजनक है, बल्कि एक महिला के गरिमा के अधिकार का उल्लंघन भी है। महिला आयोग ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के तहत केस दर्ज करने की मांग की थी। महिला आयोग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 के तहत केस दर्ज किया है। महिला आयोग की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए महुआ ने लिखा ‘दिल्ली पुलिस इस स्वतः संज्ञान आदेश पर तुरंत कार्रवाई करें। अगर आपको अगले तीन दिन में तुरंत गिरफ्तारी के लिए मेरी जरूरत हो तो मैं नादिया में हूं।’ महुआ ने महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर तंज कसते हुए भी लिखा ‘मैं अपना छाता खुद पकड़ सकती हूं।’

भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 में प्रावधान है कि जो कोई भी महिला की गरिमा को अपमानित करने के इरादे से कुछ बोलता है, कुछ आवाज निकालता है, कुछ इशारे करता है या फिर कुछ भी ऐसा करता है जिससे महिला की निजता में दखल होता है तो दोषी पाए जाने पर जेल की सजा होगी। इसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसे मामले में दोषी पाए जाने पर जुर्माने की सजा का भी प्रावधान है। कानूनन अगर किसी सांसद या विधायक को किसी आपराधिक मामले में दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो तत्काल उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। 1951 में आए जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) में लिखा है कि अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो तत्काल उसकी सदस्यता चली जाएगी। इसके अलावा, सजा पूरी होने के बाद अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लग जाती है। जुलाई 2010 में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि अगर किसी मौजूदा सांसद या विधायक को दोषी ठहराया जाता है तो जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(1), 8(2) और 8(3) के तहत वो अयोग्य हो जाएगा। ऐसे में अगर इस मामले में महुआ मोइत्रा को दो साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उनकी लोकसभा की सदस्यता फिर चली जाएगी।

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पिछले साल ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में फंस गई थी। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उन पर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। महुआ मोइत्रा पर आरोप लगा था कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछे थे। ये सभी आरोप था कि उन्होंने हीरानंदानी और हीरानंदानी ग्रुप को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल दिए थे, ताकि वो इसका इस्तेमाल अपने निजी फायदे के लिए कर सके। महुआ ने हीरानंदानी को पासवर्ड देने की बात मानी भी थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने हीरानंदानी को पासवर्ड इसलिए दिया था, ताकि उनके ऑफिस से कोई सवाल टाइप और अपलोड कर दे। उन्होंने कहा था कि कोई भी उनकी जानकारी के बगैर सवाल नहीं डाल सकता था। हालांकि, लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने महुआ को दोषी मानते हुए सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। इसके बाद 8 दिसंबर 2023 को उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।

महुआ मोइत्रा द्वारा इस पूरे मामले की शुरुआत ‘एक्स’ पर एक टिप्पणी को लेकर हुई। तृणमूल कांग्रेस महुआ मोइत्रा के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के कारण मामला दर्ज किया गया है। इस पर शर्मा की शिकायत के आधार पर, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा रविवार को नई आपराधिक संहिता, भारतीय न्याय संहिता की धारा 79 (शब्द, हाव-भाव या महिला की शील का अपमान करने के इरादे से कार्य) के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई, जिसने भारतीय दंड संहिता की जगह ले ली है। शर्मा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भी पत्र लिखा है और उनसे मोइत्रा के खिलाफ ‘‘उचित कार्रवाई‘‘ करने का अनुरोध किया है।

पश्चिम बंगाल के कृष्णा नगर की सांसद मोइत्रा को पिछली लोकसभा में सवाल पूछने के लिए नकदी विवाद के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस साल वे फिर से चुनी गई, उन्होंने वीडियो में महिला आयोग की अध्यक्ष के लिए एक व्यक्ति को छतरी पकड़े हुए दिखाया गया था। मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में ‘पायजामा’ का संदर्भ दिया था। इसने एक विवाद को जन्म दिया था। बाद में उन्होंने पोस्ट को हटा दिया। पुलिस ने सोशल मीडिया से इसके बारे में विवरण मांगा है। राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने इस टिप्पणी का संज्ञान लिया था और मोइत्रा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। लेकिन, तृणमूल सांसद सदैव जुझारू रही है। ‘एक्स’ पर एनसीडब्ल्यू की एक पोस्ट का जवाब देते हुए उसने दिल्ली पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए टैग किया था। यहां तक कि उन्हें बताया था कि वह पश्चिम बंगाल के नादिया में है। अगर आपको त्वरित गिरफ्तारी के लिए अगले तीन दिनों में मेरी आवश्यकता है, तो मैं नादिया में हूं। मोइत्रा ने लिखा ‘आई कैन होल्ड माई ओन अम्ब्रेला’ टिप्पणी को भी जोड़ा।

इससे पहले सुश्री शर्मा द्वारा किए गए ट्वीट में एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने राजद प्रमुख लालू यादव और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को गूंगा बताया था। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सुहागरात के संदर्भ में मजाक उड़ाया था। तृणमूल नेता को उनके खिलाफ कथित पूछताछ के बदले नकदी के आरोपों पर नैतिकता समिति की रिपोर्ट के आधार पर पिछले साल दिसंबर में लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन पर नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले संसद में सवाल पूछने के लिए व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से दो करोड़ रूपये नकद और ‘लक्जरी उपहार’ सहित रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था। एजेंसियां इस मामले की भी जांच कर रही है।