Law On Punishment to Rahul : बड़ी अदालत ने राहुल की सजा रद्द नहीं की, तो वे 8 साल चुनाव से अयोग्य!

कांग्रेस नेता की योजना इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती देने की

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Law On Punishment to Rahul : बड़ी अदालत ने राहुल की सजा रद्द नहीं की, तो वे 8 साल चुनाव से अयोग्य!

New Delhi : राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने 2019 के मानहानि मामले में दोषी करार दिया और उन्हें दो साल की सजा सुना दी। इस वजह से उनकी संसद की सदस्यता खत्म हो गई। कुछ विशेषज्ञों का कहना था कि दोषी करार दिए जाते ही केरल की वायनाड सीट से सांसद की लोकसभा सदस्यता ‘स्वतः’ ही अयोग्यता के दायरे में आ गई थी। हालांकि, कुछ अन्य जानकारों का यह भी कहना था कि अगर राहुल गांधी दोषसिद्धि के फैसले को पलटवाने में कामयाब हो जाते हैं, तो अयोग्यता से बच सकते हैं। यदि राहुल गांधी किसी बड़ी अदालत से इस फैसले को रद्द नहीं करा सके, तो राहुल अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, भले ही राहुल गांधी को जमानत भी मिल गई है, और उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत भी दी गई। लेकिन, अदालत के फैसले की वजह से उनकी संसद सदस्यता पर ‘स्वतः अयोग्यता’ का खतरा तो पैदा हो ही गया था। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है और कम से कम दो साल कैद की सजा सुनाई जाती है, वह संसद सदस्य रहने के लिए अयोग्य हो जाता है।

जानकारों के अनुसार, सूरत कोर्ट के फैसले के आधार पर ही लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर उनकी संसदीय सीट को रिक्त घोषित किया है। इसके बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर चुनाव की घोषणा करेगा। वरिष्ठ वकील तथा पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल, जो पहले कांग्रेस के सदस्य ने भी कहा कि दो साल की सजा सुनाए जाने के साथ ही राहुल गांधी सांसद के तौर पर स्वतः अयोग्य हो चुके थे।

कपिल सिब्बल का यह भी कहना था कि अगर अदालत सिर्फ सज़ा को मुल्तवी करती है, तो वह पर्याप्त नहीं होगा। उन्हें दोषी करार दिए जाने को भी निलंबित करना होगा या उस पर स्थगनादेश जारी करना होगा। राहुल गांधी तभी संसद के सदस्य रह सकते हैं, अगर उन्हें दोषी करार दिए जाने पर स्थगनादेश जारी किया जाए। अगर किसी बड़ी अदालत द्वारा इस फैसले को रद्द नहीं किया जाता, तो राहुल गांधी अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल गांधी की टीम के मुताबिक, कांग्रेस नेता की योजना इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना रहे हैं। अगर सजा को निलंबित करने और अदालती आदेश पर रोक की अपील सेशन कोर्ट में कबूल नहीं होती,तो राहुल गांधी की टीम सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे।