

Lawyer Sentenced for Misbehavior : अदालत में बदसलूकी करने पर हाई कोर्ट ने वकील साहब को 6 महीने की सजा सुनाई और जुर्माना ठोका!
Allahabad : हाई कोर्ट के न्यायाधीशों का अपमान करना एडवोकेट अशोक पांडे को भारी पड़ गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वकील को 6 महीने जेल की सजा सुनाई, साथ ही जुर्माना भी लगाया। अशोक पांडे ने सुनवाई के दौरान जजों को ‘गुंडा’ कहा था। इसके अलावा अदालत ने उनके पहनावे पर भी सवाल उठाए थे, जिसके जवाब में पांडे नाराज हुए थे।
यह फैसला 18 अगस्त 2021 में हुई एक सुनवाई जुड़ा है। तब पांडे जस्टिस ऋतुराज अवस्थी और जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच के सामने पेश हुए थे। हाईकोर्ट ने कहा कि तब पांडे गलत पहनावे के साथ अदालत में आए थे और उनकी शर्ट के बटन खुले हुए थे। जब बेंच ने उन्हें उचित कपड़े पहनने की सलाह दी थी, तो उन्होंने इनकार कर दिया। साथ ही अदालत से ‘सभ्य पहनावे’ का मतलब पूछ लिया।
खबर है कि वकील ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कोर्ट की कार्यवाही में भी बाधा डाली थी। उन्होंने वकीलों समेत कई अन्य लोगों की मौजूदगी में न्यायाधीशों पर ‘गुंडों की तरह बर्ताव’ करने के आरोप लगाए थे। अब हाईकोर्ट ने कहा है कि उस बेंच ने भी पांडे को माफी मांगने का मौका दिया था, लेकिन उन्हें कोई पछतावा नहीं था। इसके बाद उनके खिलाफ अवमानना का मामला चला।
इस पर क्या बोले जज
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस बृजराज सिंह की बेंच सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने पाया कि पांडे कई मौकों पर न्यायपालिका का अपमान कर चुके हैं। अदालत ने कहा कि बार-बार ऐसे बर्ताव से पता चलता है कि वह न सिर्फ गुमराह हैं, बल्कि जानबूझकर ऐसे पैटर्न को अपना रहे हैं जिसके जरिए इस अदालत के अधिकार को कमजोर किया जाए।’ आगे कहा गया कि वह अदालत के आदेशों की अवहेलना करना जारी रखते हैं और अपनी गलतियां स्वीकार करने से इनाकर करते हैं। साथ ही उनमें सुधार के कोई संकेत नहीं हैं।’
10 अप्रैल के आदेश में बेंच ने पाया कि पांडे की तरफ से अवमानना के आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। बेंच ने कहा कि न कोई हलफनामा दाखिल किया गया है और न कोई सफाई दी गई है। कोर्ट के साथ उनका लगातार असहयोग और आरोपों पर चुप्पी हमें इस निष्कर्ष पर ले जाती है कि उनके पास अपने बचाव में कहने के लिए कुछ नहीं है और वह अड़ियल बने हुए हैं।
हाई कोर्ट ने पांडे को अदालत की आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि अवमानना करने वाले को 6 महीने की कैद और 2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। अगर आज से 1 महीने के अंदर जुर्माना देने में असफल रहते हैं, तो उन्हें एक और महीने की सजा काटनी होगी। अवमानना करने वाले को इस फैसले के चार सप्ताह के अंदर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के सामने सरेंडर करने के आदेश दिए जाते हैं। इस मामले में आगे की सुनवाई 1 मई को होगी।