कांग्रेस को कड़वी दवा पिलाने ‘रण’ में आए ‘लक्ष्मण’…

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कांग्रेस को कड़वी दवा पिलाने ‘रण’ में आए ‘लक्ष्मण’…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

पहलगाम हमले के खिलाफ पूरा भारत आक्रोशित है। भारतीय सेना ने मोर्चा संभालते हुए कश्मीर में एक लश्कर आतंकवादी को मार गिराया है। तो हमले में शामिल दो आरोपियों के घर मिट्टी में मिला दिए हैं। भारतीय राष्ट्रभक्त मुस्लिम समुदाय भी इस घृणित हमले से आक्रोशित है। तो पहली बार मध्यप्रदेश में कांग्रेस की नियत पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह अब ‘रण’ में आ गए हैं। उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकियों से मिले हैं। और राहुल बाड्रा को चेतावनी दी है कि सोच-समझकर बात करें।

दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह भाजपा से सांसद भी रह चुके हैं। उनका राजनैतिक जीवन कांग्रेस संग ज्यादा बीता है। पहलगाम हमले के बाद लक्ष्मण सिंह की कांग्रेस भक्ति पर राष्ट्रभक्ति भारी पड़ गई और उन्होंने कांग्रेस और शीर्ष नेतृत्व गांधी परिवार को आइना दिखाया है। पहलगाम हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी पर बमबारी की है। गुना जिले के गृह नगर राघौगढ़ में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी की ओर से निकाले गए कैंडल मार्च के बाद किला तिराहे पर श्रद्धांजलि दी, पर कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकालने से भी नहीं चूके। लक्ष्मण सिंह ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आतंकवादियों से मिले हुए हैं। तो कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार से तत्काल समर्थन वापस लेना चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि राहुल गांधी और उनके जीजाजी राबर्ट वाड्रा को इस मामले पर सोच-समझकर बात करनी चाहिए। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि मैं ये बात कैमरे पर सोच-समझकर कह रहा हूं। पार्टी को निकालना है तो निकाल दे। लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखने की बात भी कही है। लक्ष्मण ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के जीजाजी रॉबर्ट वाड्रा कहते हैं कि मुसलमानों को सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने देते, इसलिए आतंकवादियों ने हमला किया है। लक्ष्मण सिंह ने वाड्रा और राहुल गांधी को सोच-समझकर बात करने की नसीहत देते हुए कहा कि इन्हीं की नादानियों की वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं। लक्ष्मण सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा- “मेरे लिए देश पहले है। अगर पार्टी को मुझे निकालना है तो निकाल दे। कांग्रेस के नेता दस बार सोच-समझकर बोलें, नहीं तो चुनाव में उन्हें परिणाम भुगतना पड़ेगा।”

लक्ष्मण सिंह ऐसे राजनेता हैं, जिन्हें जब भी मौका मिलता है, वह कांग्रेस के खिलाफ चौका लगाने से नहीं चूकते। जुलाई 2024 में लक्ष्मण सिंह ने लोकसभा में राहुल गांधी की हिंदुओं पर की गई टिप्पणी को अशोभनीय और अनावश्यक बताकर सीधा निशाना साधा था। लक्ष्मण सिंह ने एक्स पर लिखा था कि संसद में “हिंदुओं”पर की गई टिप्पणी अशोभनीय है और अनावश्यक भी। केवल और केवल जनता और देश से जुड़े मुद्दे उठाना ही उचित होगा।’ राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण में एक विवादास्पद बयान दिया था जिसमें उन्होंने भाजपा को हिंसा करने वाली पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि जो खुद को हिंदू बताते हैं, वह हिंसा करते हैं।

70 वर्षीय लक्ष्मण सिंह सिंह तीन बार 1990, 1993 और 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए। 1994 में, वह उपचुनाव में 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 1996 के आम चुनाव में 11वीं लोकसभा में दूसरा कार्यकाल हासिल किया और 1998 के आम चुनाव में 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए। 1999 के आम चुनाव में एक और दोबारा चुनाव हुआ। उनके ये सभी लोकसभा चुनाव राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से और कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में थे। फिर सिंह ने राजनीतिक निष्ठा बदली और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजगढ़ से 14वीं लोकसभा (2004-2009) के लिए चुने गए। लेकिन वे 15वीं लोकसभा का चुनाव हार गए, जब कांग्रेस ने राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा को हरा दिया। जनवरी 2013 में वह कांग्रेस में वापस आ गए।

तो कांग्रेस को कड़वी दवा पिलाने और खरी-खरी सुनाने ‘लक्ष्मण’ सिंह एक बार फिर ‘रण’ में आ गए हैं। और उनकी बात को सिरे से खारिज भी नहीं किया जा सकता है। अब अगर कांग्रेस में दम है तब या तो नेशनल कॉन्फ्रेंस से समर्थन वापस लेकर पहलगाम हमले पर आक्रोश जताए या फिर लक्ष्मण सिंह के बयान पर आक्रोश जताकर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए…।