Appointment Meeting of Information Commissioners Stuck : सूचना आयुक्तों की नियुक्ति बैठक अटकी, अब नहीं होगी!
Bhopal : विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से तीन घंटे पहले बुलाई गई सूचना आयुक्तों की नियुक्ति बैठक नहीं हुई। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने आपत्ति लेते हुए कहा कि मुझे समय पर सूचना नहीं दी गई। कुछ घंटों पहले सूचना दिए जाने से मैं भिंड के लहार से भोपाल नहीं पहुंच सकता। नेता प्रतिपक्ष ने राज्य शासन को चेतावनी दी, कि अगर उनके बिना बैठक की जाती है तो वे उसके खिलाफ अदालत जाएंगे और सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों को चैलेंज करेंगे।
राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सरकार ने सोमवार सुबह 9 बजे चयन समिति की बैठक बुलाई थी। इसकी सूचना के बाद आपत्ति जताते हुए नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि कम से कम तीन दिन पहले सूचना दी जानी चाहिए। यदि मनमानी नियुक्ति की जाती है तो न्यायालय की शरण लूंगा। जबकि, आज दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग ने मीडिया की प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है जिसमें विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाना है।
सूचना आयुक्त के 10 पद
जुलाई में सूचना आयुक्त अरुण कुमार पांडेय का कार्यकाल पूरा होने के बाद आयोग में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला के अलावा दो सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी और राहुल सिंह हैं। सूचना आयुक्त के 10 पद स्वीकृत हैं। लेकिन, आठ से अधिक कभी नहीं भरे गए। विजय मनोहर तिवारी इस महीने के अंत में रिटायर हो जाएंगे। खाली पदों को भरने के लिए चयन समिति की बैठक बुलाई गई थी। आज बैठक नहीं होने से जिन पूर्व IAS और IPS अधिकारियों और पत्रकारों का इसमें चयन होना था वे अब निराश हो गए हैं।
बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार द्वारा सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव रखा जाना था, जिस पर सहमति के आधार पर निर्णय होना था। सरकार विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले नियुक्ति करना चाहती थी, इसलिए आनन-फानन में बैठक बुलाई गई थी।
नेता प्रतिपक्ष कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि सामान्य प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय से बैठक की सूचना प्राप्त हुई है। लेकिन, कोई एजेंडा नहीं दिया गया। बैठक सुबह 9 बजे बुलाई गई। ऐसे में भिंड के लहार से भोपाल आ पाना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में यह बैठक निरस्त कर दी गई।
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर 2013 के विधानसभा चुनाव के समय विज्ञापन प्रकाशित किया गया था जिसके खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने आपत्ति दर्ज की थी। फिर 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले भी तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आपत्ति दर्ज कराई थी। वही, परिस्थितियां इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दोहराई जा रही थी। इस बार तो चुनाव की आचार संहिता के ठीक पहले यह प्रयास किए जा रहे थे, जो सफल नहीं हुए।