मालवा-निमाड़ के नेता दिल्ली की राजनीति में बना चुके हैं अपनी अलग पहचान

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मालवा-निमाड़ के नेता दिल्ली की राजनीति में बना चुके हैं अपनी अलग पहचान

इंदौर। प्रदेश की राजनीति में मालवा- निमाड़ क्षेत्र की भूमिका हमेशा से सत्ता की कुंजी जैसी रही है। केंद्र की सियासत में भी मालवा- निमाड़ क्षेत्र से जुड़े भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी अलग पहचान बनाकर आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल छोड़ चुके हैं।

केंद्र में कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की यहां के नेताओं की हर सरकार में पूछ- परक होती आई है। मौजूदा समय में इस क्षेत्र के कांग्रेस के नेता हो या बीजेपी के अपनी पीढ़ी के नेताओं के नाम को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब इनके कंधों पर आ गई है। लोकसभा के चौथे चरण में मालवा- निमाड़ की 8 लोकसभा सीटों पर 13 मई को मतदान होना है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। बीजेपी ने सभी आठों सीटो पर अपना परचम फहराने में सफल रही। भाजपा और कांग्रेस अपने- अपने प्रत्याशियों को चुनाव जीताने में अपनी- अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

प्रकाशचंद्र सेठी सांसद से सीएम तक बने

प्रदेश से लेकर केंद्र की सियासत में इंदौर के सांसद अपने सियासी सफर में अपना राजनीतिक कद बढ़ाने के साथ शहर का भी कद बढ़ाने में कभी पीछे नहीं रहे। इंदौर लोकसभा से सांसद रहे प्रकाश चंद्र सेठी 1971 में प्रदेश सरकार में मंत्री थे। कांग्रेस ने उनके कद और व्यक्तित्व को देखते हुए 1972 में उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री भी बनाई। प्रकाशचंद्र सेठी केंद्र सरकार में गृहमंत्री, पेट्रोलियम और इस्पात मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

सुमित्रा महाजन मंत्री से लेकर लोकसभा अध्यक्ष भी बनी

इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी से लगातार आठ बार सांसद होने का रिकार्ड बनाने के अलावा सुमित्रा महाजन केंद्र सरकार में मंत्री से लेकर लोकसभा अध्यक्ष होने का गौरव भी हासिल कर चुकी है। इंदौर के विकास को लेकर वह हमेशा से सक्रिय रही। मौजूदा समय में इंदौर सीट से शंकर लालवानी चुनाव लड़ रहे है।

अनिल माधव दवे भी केंद्र में भूमिका निभा चुके हैं

इंदौर शहर से छात्र राजनीति की शुरूवात करने वाले अनिल माधव दवे भी केंद्र की सियासत में अपनी एक अलग पहचान बनाई। अनिल माधव दवे केंद्र सरकार में पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके है। मंत्री रहते हुए उनका निधन हो गया था।

अरुण यादव ने निमाड़ का किया प्रतिनिधित्व

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व उपमुख्यमंत्री रहे सुभाष यादव के बेटे अरुण यादव निमाड़ क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। खरगोन लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार कृष्णमुरारी मोघे को हराने के बाद उनका सियासी कद एकाएक बढ़ गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में खंडवा लोकसभा सीट से वह चुनाव लड़े और भाजपा के नंदकुमार चौहान को हराया। यूपीए सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। देवास से कांग्रेस सांसद रह चुके सज्जन वर्मा और मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन ने भी केंद्र की राजनीति में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं। झाबुआ सीट से सांसद रह चुके कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया केंद्र सरकार में मंत्री रहकर आदिवासी नेता के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाई हैं।