पंचायती राज में महिला प्रतिनिधित्व का मखौल उड़ाते नेता, ऐसे कैसे होगा महिला सशक्तिकरण

महिला प्रतिनिधियों के रिश्तेदारों के बैठक में आने पर रोक, यहां 7 आ गए, सीईओ ने बाहर किया

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पंचायती राज में महिला प्रतिनिधित्व का मखौल उड़ाते नेणता, ऐसे कैसे होगा महिला सशक्तिकर

झाबुआ: जिला पंचायत की सामान्य सभा की पहली बैठक चुनाव के दो महीने बाद हुई। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में हुई बैठक में सभी 14 सदस्य आए। इनमें से नौ महिलाएं हैं।
नियमानुसार पंचायतीराज की बैठकों और दफ्तर में महिला प्रतिनिधियों के पुरुष रिश्तेदारों के आने पर रोक है। लेकिन यहां की बैठक में नौ में से सात महिला सदस्यों के रिश्तेदार आकर बैठ गए। कुछ देर में जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने उन सभी लोगों से बाहर जाने को कहा, जो जिला पंचायत के प्रतिनिधि नहीं हैं और सरकारी अधिकारी भी नहीं हैं। पीछे की कतार में बैठे सभी रिश्तेदार बाहर निकल गए, लेकिन जिला पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 13 से सदस्य ललिता के पति कृष्णपालसिंह गंगाखेड़ी वहीं बैठे रहे।

उनके साथ पेटलावद जनपद पंचायत अध्यक्ष रमेश सोलंकी भी डटे रहे। इतना ही नहीं, माइक सिस्टम खराब होने से कृष्णपालसिंह गंगाखेड़ी बार-बार टोकते रहे कि यहां तक आवाज नहीं आ रही। आपको बता दें, गंगाखेड़ी जिला भाजपा के महामंत्री भी हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष सोनल भाबर, उपाध्यक्ष अकमालसिंह डामोर, सदस्य गीता चौहान, बहादुर हटीला, हर्षिता मसानिया, विजय भाबर, शैलेंद्र सोलंकी, शांति डामोर, रेखा निनामा, रमीला भूरिया, ममता हटीला, अन्नू भूरिया, ललिता गंगाखड़ी और विक्रम मेड़ा मौजूद थे। सभी विभागों के अफसर भी थे। अध्यक्ष सोनल भाबर ने चुनाव के इतने समय बाद बैठक पर नाराजगी जताई। उन्होंने बताया, 60 महीने का समय मिला है, इस बीच दो से तीन बार आचार संहिता आ जाएगी। हमारे काम करने के 10 महीने तो वैसे ही कम हो जाएंगे। हर प्रतिनिधि 40 से 50 हजार लोगों का प्रतिनिधित्व करता है। हम उन लोगों के काम कब करेंगे। अफसरों का ये रवैया गलत है।

-बैठक में महिला प्रतिनिधियों के ये रिश्तेदार आ गए
सदस्य रमीला भूरिया के साथ कालूसिंह भूरिया
अध्यक्ष सोनल भाबर के साथ बेटा दिव्यांश भाबर
हर्षिता मसानिया के साथ वालसिंह मसानिया
अन्नू भूरिया के साथ अजमेरसिंह
रमीला भूरिया के साथ ससुर अमरसिंह
गीता चौहान के साथ पति अमरसिंह
ललिता गंगाखेड़ी के साथ कृष्णपालसिंह
इनके अलावा पेटलावद जनपद अध्यक्ष रमेश सोलंकी और रमेश मेड़ा भी मौजूद थे जो सदस्य नहीं हैं।