Leader’s Sons : सिद्धार्थ मलैया के साथ BJP में नेता पुत्रों को साधने का काम शुरू!
Bhopal : मध्य प्रदेश के जो भाजपा नेता अभी तक विधानसभा चुनाव में खुद का टिकट कटने और बेटे को टिकट न मिलने की आशंका से चिंतित थे, उन्हें अब खुश हो जाना चाहिए। क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया का निष्कासन समाप्त करके उसे भाजपा ने पार्टी में शामिल कर लिया। निश्चित रूप से उन्हें टिकट का भरोसा भी दिलाया गया होगा।
कुछ महीने पहले पार्टी ने नेता पुत्रों और परिवार वालों को टिकट न देने की बात कही थी। लेकिन, हमेशा की तरह अब वो अपनी ही बात से पलटती नजर आ रही है। राजनीति को परिवारवाद से मुक्त रखने का भाजपा का दावा झूठा पड़ रहा। सिद्धार्थ मलैया उसकी पहली बानगी है। इसी राह पर चलते और भी नेता पुत्रों को विधानसभा के टिकट से नवाजा जा सकता है।
कर्नाटक में जिस तरह नेताओं के बेटों और उनके परिवारों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है, यही सब मध्यप्रदेश में भी होना है। जो उम्रदराज नेता अपनी कुर्सी छोड़ने के बाद अपने बेटों को सत्ता की विरासत सौंपने सोच रहे थे, उन्हें चिंता नहीं करना चाहिए। क्योंकि, भारतीय राजनीति परिवारवाद से कभी मुक्त नहीं हो सकती और न भाजपा ऐसा कर सकती है। भले ही उसने कितने ही नियम कायदे बनाए हों, पर घूम फिरकर वो फिर पुराने ढर्रे पर आ जाती है। यही इस बार भी होना है।
अब जरा एक नजर कर्नाटक के नेता पुत्रों और परिवारों पर जिन्हें भाजपा ने मुक्त हस्त से टिकट बांटे हैं। भाजपा के दिग्गज नेताओं के बेटों को टिकट दिया गया है। भाजपा में ऐसी लम्बी फेहरिस्त है जिसमें परिवार के एक से अधिक सदस्यों को पार्टी ने टिकट दिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री, बसवराज बोम्मई पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत सोमप्पा रायप्पा बोम्मई के पुत्र हैं। वह हावेरी जिले के शिगगांव से भाजपा के उम्मीदवार हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा इस साल चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन उनके बेटे को शिवमोग्गा जिले के शिकारीपुरा सीट से टिकट दिया गया।
जर्नादन रेड्डी के भाई सोमशेखर रेड्डी और करुणाकर रेड्डी बेल्लारी और हरपनहल्ली से चुनाव लड़ेंगे। बेलागवी जिले के लिंगायत नेता रहे स्व. उमेश कट्टी के परिवार से भाजपा ने दो लोगों को टिकट दिया है। उनके बेटे निखिल कट्टी को हुक्केरी सीट और भाई रमेश कट्टी को चिक्कोड़ी-सादलगा सीट से मैदान में उतारा गया।
भाजपा सांसद संगमा की बहू मंजुला अमरीष को कोप्पल से टिकट दिया गया। वहीं, राज्य सरकार में मंत्री शशिकला जॉली को निप्पणी सीट से टिकट दिया गया। उनके पति अन्ना साहेब जॉली चिक्कोड़ी से एमपी हैं। कर्नाटक के परिवहन मंत्री आनंद सिंह और उनके भतीजे टीएच सुरेश बाबू को भी भाजपा ने चुनावी मैदान में उतारा है।
मध्यप्रदेश में पिछले चुनाव में भाजपा ने चोट खाई इस बार वो उससे संभलकर चल रही है। यदि गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, मालिनी गौड़ और नरेंद्र तोमर के पुत्र टिकट मांगते हैं तो उन्हें मिल भी सकता है! पिछले चुनाव में दमोह सीट पर हार की चोट से भाजपा अभी भी उबरी नहीं थी। इसलिए उसने सिद्धार्थ मलैया को पार्टी में फिर शामिल किया है।