Leakage in Dam : पानी कम करने की कोशिशें, दो कैनाल बनी

Leakage in Dam : पानी कम करने की कोशिशें, दो कैनाल बनी

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Leakage in Dam : पानी कम करने की कोशिशें, दो कैनाल बनी

धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट 

Dhar : जिले की कारम नदी पर बन रहे डैम को फूटने से बचाने के लिए सरकार और प्रशासन लगातार प्रयास कर रहे हैं। जहां इन्हीं प्रयासों में तेजी लाने के लिए सेना को बुलाया गया है। देर रात लगभग ढाई बजे के आसपास सेना के जवान कारम डैम पहुंचे। वहीं अब बांध को फूटने से बचाने का कार्य किया जा रहा है। यहां NDRF की टीमें भी अलग-अलग शहरों से पहुंच चुकी है।

प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव देर रात तक कारम डैम पर मौजूद रहे। दोनों ही मंत्री डैम की मरम्मत के कार्य पर अपनी नजर जमाए रहे। डैम का लीकेज और न बढ़ सके। इसे लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। डैम का पानी दो कैनाल बनाकर खाली किया जा रहा है।

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डैम के आसपास नहर नुमा रास्ता बनाकर पानी निकालने की कवायद हो रही है। जैसे ही डैम का वाटर लेवल कम होगा, वैसे ही लीकेज के मरम्मत का काम शुरू होगा। फिलहाल बारिश नहीं होने से राहत नजर आ रही है, लेकिन यदि आने वाले समय में बारिश होती है तो यह काम काफी मुश्किल हो जाएगा।

मंत्री तुलसी सिलावट ने ताजा हालात बताए 

जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने वीडियो के जरिए जानकारी दी कि जैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कारम नदी पर बने बांध के लीकेज होने की बात पता चली, उन्होंने तत्काल अधिकारियों, कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव से लेकर मुझे यहां भेजा। मैं स्वयं 24 घंटे से यहीं पर हूं। यह बड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन हालात नियंत्रण में हैं। हमारा प्रयास, हमारी कोशिश भी है।

आप जानते हैं कि दो चैनल बनाकर लेफ्ट और राइट डैम के पानी की निकासी करेंगे, जिससे 15 MCM (मिलियन घन मीटर) पानी अभी हमारे निर्माणाधीन डैम में है। इसे कैसे छोड़ें … जैसे आप पीछे देख रहे हैं, यह जो नहर है, यह चैनल बन जाती है, तो 24 घंटे में एक MCM पानी हम बाहर कर सकते हैं।

ये पांच-पांच मशीन यहां लगी हुई हैं, सारे उपाय, सारे विकल्प पर सारे अधिकारी चर्चा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हर घंटे समीक्षा कर रहे हैं, वे पल-पल की खबर ले रहे हैं। इस बांध से 42 गांव के 10 हजार 500 हेक्टेयर में सिंचाई होनी है। धार के 12 और खरगोन के 6 गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। उनके खाने-पीने के लिए सब कुछ किया जा रहा है। शासन और प्रशासन मुस्तैदी से यहां लगा हुआ है।