Leakage in Pond : कोरम डैम के बाद मुंगेला का निर्माणाधीन तालाब फूटा!
धार से छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : कोरम डैम में लीकेज के बाद धार जिले में एक और घटना हो गई। बदनावर के मुंगेला गांव में निर्माणाधीन तालाब की पाल टूट गई और पानी बह गया। यह तालाब भी जल संसाधन विभाग ने ही बनवाया था। इस मामले में भी लीपापोती करने की कोशिश की जा रही है।
जिले के बदनावर इलाके के पश्चिम क्षेत्र मुंगेला गांव में भी दो दिन पहले एक निर्माणाधीन तालाब की पाल पर मिट्टी का कटाव होने से हजारों गैलन पानी बह गया। 1 करोड़ 11 लाख लागत से बन रहे इस तालाब की पाल के फूटने की बात को छुपाया गया। अब विभागीय अधिकारी इस मामले में लीपापोती करने में जुटे है। कारम डैम के बाद जिले में यह दूसरी घटना है।
जल संसाधन विभाग ने 1 करोड़ 11 लाख की लागत से यह तालाब स्वीकृत किया था। ठेकेदार जादौन सिंह मोरी को इसके निर्माण का ठेका दिया गया था। ठेकेदार ने ज्यादातर काम पूरा कर दिया और गर्मी के दिनों में काम अधूरा छोड़ दिया। इसके बाद बारिश का दौर शुरु हो गया। जब बारिश ज्यादा हुई तो तालाब लबालब भरा गया। जिससे इसके एक हिस्से में मिट्टी का कटाव शुरू हो गया। देखते ही देखते कटाव बढ़ता गया और तालाब का हजारों लीटर गैलन पानी व्यर्थ बह गया।
इस बारे में बदनावर के SDM एम वीरेंद्र कटारे ने बताया कि डेम का कार्य अभी 30% ही किया है, अभी तालाब निर्माणाधीन है और ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है उसके लिए करवाई की जाएगी।
इस संबंध में जल संसाधन विभाग के SDO मयंक पटेल ने बताया कि संबंधित ठेकेदार को इसकी सूचना दी गई है। पानी के अधिक बहाव के कारण मिट्टी का कटाव हुआ है, उसे ठीक करने का काम किया जा रहा है। SDO ने बताया कि अभी तक ठेकेदार को करीब 35 लाख का भुगतान किया जा चुका है।
क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों ने तालाब के निर्माण में लापरवाही की, जिससे यह नौबत आई। ग्रामीणों ने इसकी सूचना विभाग को दी। जिसके पश्चात विभागीय टीम मौके पर पहुंची व 2 जेसीबी मशीनों की सहायता से मिट्टी के कटाव को रोकने का काम शुरू किया। तालाब में कटाव होने से पानी बहने की सूचना मिलने पर मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए।
कांग्रेस का आरोप
जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम ने स्थल निरीक्षण करने के बाद बताया कि यहां ठेकेदार ने भारी लापरवाही की है। आश्चर्य है कि जिला संसाधन के इंजीनियरों ने उसकी अनदेखी की। मिट्टी डालकर तालाब की पाल बनाई गई है। ये भी ध्यान नहीं रखा गया कि तालाब में पानी भराया तो वो पाल तोड़कर निकल जाएगा और वही हुआ भी। गौतम ने कहा कि इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है।