Lease to Millionaires : करोड़पतियों को सरकारी जमीनों के पट्टों के मामले में नया पेंच!
इंदौर से गोविंद राठौर की रिपोर्ट
Indore : रंगवासा पंचायत में करोड़पतियों को सरकारी जमीनों के पट्टे बांटने के मामले में एक नया पेंच सामने आ गया। लगातार कई तारीखों पर पंचायत सचिव रमेश भामर के गैरहाजिर रहने पर शिकायतकर्ता अतिरिक्त तहसीलदार धीरज कुमार सोनी से मिले। तभी यह जानकारी सामने आई कि सचिव भामर ने शिकायत पत्र का जवाब दिया है। यह पता चलते ही शिकायतकर्ताओं ने कहा कि जब कई तारीखों से सचिव आ ही नहीं रहा है, तो फिर जवाब किसने पेश किया।
अतिरिक्त तहसीलदार ने बताया कि सचिव ने जवाब में पूर्व सरपंच पर पट्टे देने कहा है। इससे यह और स्पष्ट हो गया कि सचिव रमेश भामर ने पट्टे बांटना स्वीकार कर लिया है। जानकारी अनुसार शिकायतकर्ताओं ने अतिरिक्त तहसीलदार को बताया कि अभी तक तो हमें बताया जा रहा था, कि मामले में अगली कार्रवाई के लिए प्रकरण एसडीएम कार्यालय भेजा जा रहा है, तो अब अचानक आज ये सचिव का जवाब कहां से आ गया। मामले में अगली सुनवाई अब 16 अगस्त को होगी।
गौरतलब है कि समीपस्थ रंगवासा में करोड़पतियों को विधि विरुद्ध सरकारी जमीनों के 59 पट्टे बांटे जा चुके हैं। लंबी जद्दोजहद के बाद अतिरिक्त तहसीलदार राऊ ने सरपंच और सचिव को नोटिस जारी करके आज रिकॉर्ड पेश करने का अंतिम अवसर दिया। शिकायतकर्ताओं को भी अपना पक्ष रखने का कहा है। राजनीतिक दबाव के चलते अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। लेकिन, अब कलेक्टोरेट के तहसील कार्यालय में मामले की सुनवाई होगी।
ग्राम पंचायत रंगवासा ने सरकारी आबादी क्षेत्र की जमीनों के पट्टे करोड़पतियों और अपात्र लोगों को बांट दिए हैं। पट्टों की बंदरबांट इस प्रकार की गई थी, कि एक ही परिवार के तीन-तीन सदस्यों को पट्टे बांट दिए। ये 59 पट्टे 2018 से 2020 तक आबादी क्षेत्र स्थित सरकारी जमीनों के बांट दिए। इन पट्टों को प्रारूप ‘ग’ में दिया गया। कानून के जानकारों के मुताबिक ग्राम पंचायत को प्रारूप ‘ग’ में पट्टे बांटने का अधिकार सन 2014 के बाद से ही नहीं है। इस प्रारूप में पट्टे बांटने का अधिकार सिर्फ तहसीलदार को ही है।
पट्टों पर सिर्फ सरपंच के ही हस्ताक्षर
सूचना का अधिकार के तहत जब इन पट्टों की सर्टिफाइड कॉपी प्राप्त की गई तो यह तथ्य सामने आया कि आबादी क्षेत्र स्थित सरकारी जमीनों के पट्टे जो लोगों को प्रदान किए गए हैं, उन पर सिर्फ सरपंच के ही हस्ताक्षर हैं। पंचायत सचिव या अन्य किसी वरिष्ठ अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। इन पर योजना या मद का भी नाम नहीं है।
सरपंच और सचिव की राजनीतिक पकड़
बताया जा रहा है कि रंगवासा पंचायत में पूर्व सरपंच और वर्तमान सचिव की राजनीति में खासी पकड़ है। इसी के चलते दबाव बनाया गया और मामला करीब डेढ़ वर्ष से ठंडे बस्ते में पड़ा है।